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                            04-Nov-2025 10:37 AM
By First Bihar
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां पूरी तरह से सक्रिय हो गई हैं और चुनाव आयोग भी अपने नियमों के पालन में कड़ाई बरत रहा है। इस साल चुनाव दो चरणों में होने वाले हैं। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को होगा, जबकि दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को निर्धारित है। ऐसे में भारतीय निर्वाचन आयोग ने एक्जिट पोल और मतदान सर्वेक्षण से जुड़े नियमों को स्पष्ट करते हुए एक महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी की है।
निर्वाचन आयोग ने साफ कर दिया है कि 6 नवंबर सुबह 7 बजे से लेकर 11 नवंबर शाम 6:30 बजे तक किसी भी प्रकार के एक्जिट पोल का आयोजन या उसके नतीजों का प्रकाशन पूर्ण रूप से निषिद्ध रहेगा। इसका मतलब यह है कि इस अवधि में कोई भी समाचार चैनल, अखबार, वेबसाइट या डिजिटल प्लेटफॉर्म मतदाताओं के मतदान के आधार पर भविष्यवाणियाँ नहीं दिखा पाएंगे।
यह नियम सिर्फ बिहार विधानसभा चुनाव तक ही नहीं, बल्कि अन्य 7 राज्यों में होने वाले 8 उपनिर्वाचनों पर भी लागू होगा। अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि मतदान समाप्त होने के 48 घंटे तक किसी भी प्रकार के ओपिनियन पोल या मतदान सर्वेक्षण के परिणाम को इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल मीडिया में दिखाना निषिद्ध है। इस नियम का पालन सभी मीडिया हाउस और डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए अनिवार्य है।
निर्वाचन आयोग का कहना है कि चुनाव से पहले या मतदान के दौरान किसी भी प्रकार की भविष्यवाणी या सर्वेक्षण परिणाम का प्रचार मतदाताओं की राय को प्रभावित कर सकता है। इसलिए यह सख्त नियम बनाया गया है ताकि सभी मतदाता स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से अपने मत का प्रयोग कर सकें।
इस अधिसूचना के महत्व को समझते हुए, राजनीतिक दल भी चुनावी रणनीति में बदलाव कर रहे हैं। वे अपने प्रचार और जनसंपर्क कार्यक्रमों में मतदाताओं को शिक्षित और जागरूक करने पर अधिक ध्यान दे रहे हैं, बजाय यह अनुमान लगाने कि चुनाव परिणाम किस पक्ष में जाएंगे। इससे मतदाता अपने विचारों और निर्णय में स्वतंत्र रहेंगे।
विशेष रूप से सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर यह नियम बहुत अहम है। आज के समय में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर चुनावी भविष्यवाणियाँ और सर्वेक्षण तेजी से फैलते हैं, जो मतदाता की राय को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए निर्वाचन आयोग ने सभी मीडिया और डिजिटल कंपनियों को चेतावनी दी है कि किसी भी उल्लंघन की स्थिति में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस तरह की व्यवस्थाएं लोकतांत्रिक प्रक्रिया की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए बेहद जरूरी हैं। चुनाव के दौरान मतदाता की स्वतंत्र सोच को प्रभावित किए बिना परिणाम घोषित करना चुनाव आयोग की प्राथमिक जिम्मेदारी है। इस बार बिहार चुनाव में भी यह अधिसूचना मतदाता को सुरक्षित और निष्पक्ष मतदान का वातावरण देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।