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25-Oct-2025 09:11 AM
By First Bihar
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस बार 6 जिलों में कोई उम्मीदवार नहीं उतार रही है। इनमें मधेपुरा, खगड़िया, शेखपुरा, शिवहर, जहानाबाद और रोहतास जिले शामिल हैं। इन जिलों में या तो भाजपा की पिछली बार भी कमजोर स्थिति रही है या फिर सीटें एनडीए के घटक दलों के खाते में चली गई हैं। इनमें से तीन जिलों में पहले चरण और बाकी तीन में दूसरे चरण में मतदान होना है।
वहीं, ऐसे 6 जिले भी हैं, जहां भाजपा के प्रत्याशी केवल एक-एक सीट पर ही मैदान में हैं जिनमें सहरसा, लखीसराय, नालंदा, बक्सर, जमुई और नालंदा (दूसरी बार उल्लेख) जिले शामिल हैं। पार्टी ने इस बार कुल 32 जिलों की 101 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
सबसे अधिक सीटें पश्चिम चंपारण जिले में हैं, जहां 12 में से 8 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी मैदान में हैं हरसिद्धि, पिपरा, कल्याणपुर, मोतिहारी, रक्सौल, मधुबन, चिरैया और ढाका विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। वहीं पूर्वी चंपारण की 9 में से 7 सीटों पर भाजपा चुनाव लड़ रही है। इस प्रकार चंपारण क्षेत्र भाजपा के लिए इस चुनाव में सबसे रणनीतिक इलाका बन गया है।
पटना जिले की 14 सीटों में से 7 पर भाजपा, दरभंगा की 6, मुजफ्फरपुर की 5, भोजपुर की 5 और मधुबनी की 5 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। राज्य की कुल 243 विधानसभा सीटों में एनडीए घटक दलों के बीच भाजपा-जदयू को 101-101 सीटें, लोजपा (आर) को 29 सीटें, तथा हम और रालोमो को 6-6 सीटें मिली हैं। हालांकि मढ़ौरा सीट पर लोजपा (आर) के उम्मीदवार का नामांकन रद्द कर दिया गया है।
साल 2020 के विधानसभा चुनाव की तुलना में भाजपा ने इस बार अपने चुनावी समीकरण में थोड़ा बदलाव किया है। पिछली बार भी भाजपा के प्रत्याशी पांच जिलों शिवहर, खगड़िया, शेखपुरा, जहानाबाद और मधेपुरा में नहीं थे, जबकि इस बार रोहतास एक नया जिला जुड़ गया है।
2020 में भाजपा ने रोहतास जिले की दो सीटों (डिहरी और काराकाट) पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन दोनों पर हार का सामना करना पड़ा था। इस बार पार्टी ने ये सीटें अपने सहयोगी दलों के लिए छोड़ दी हैं।
विधानसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण को लेकर भाजपा का फोकस उन जिलों पर है, जहां पार्टी की परंपरागत पकड़ मजबूत मानी जाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और कई वरिष्ठ नेताओं की सभाएं सीवान, चंपारण, पटना, दरभंगा और मुजफ्फरपुर जैसे जिलों में तय की गई हैं। भाजपा का मकसद 2020 के प्रदर्शन को बेहतर करते हुए एनडीए के साथ मिलकर बहुमत का आंकड़ा पार करना है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस बार भाजपा माइक्रो-मैनेजमेंट रणनीति के तहत सीटों का बंटवारा कर रही है यानी जहां संगठन मजबूत है, वहां खुद उतरी है, और जहां सहयोगी दलों की पकड़ बेहतर है, वहां उन्हें मौका दिया गया है।