बड़हरा में राजद प्रत्याशी रामबाबू सिंह का जनसंपर्क अभियान, अग्निकांड पीड़ितों से भी मिले चकाई से मंत्री सुमित कुमार सिंह ने किया नामांकन, पहली बार JDU के सिंबल पर लड़ रहे चुनाव, सुशासन को आगे बढ़ाने का लिया संकल्प Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बेतिया में EC की सख्ती, दो जगहों से इतने लाख जब्त Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बेतिया में EC की सख्ती, दो जगहों से इतने लाख जब्त Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग की बड़ी घोषणा, वोटिंग के लिए वोटर्स को मिलेगी यह सुविधा Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग की बड़ी घोषणा, वोटिंग के लिए वोटर्स को मिलेगी यह सुविधा Bihar Assembly Elections 2025 : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 21 अक्टूबर से करेंगे चुनावी रैलियों की शुरुआत, मीनापुर और कांटी में सभाएं Bihar Election 2025: नामांकन के बाद भरी सभा में फूट-फूटकर रोए गोपाल मंडल, सीएम नीतीश कुमार के बारे में क्या बोले? Bihar Election 2025: नामांकन के बाद भरी सभा में फूट-फूटकर रोए गोपाल मंडल, सीएम नीतीश कुमार के बारे में क्या बोले? Success Story: पिता के निधन के बाद भी नहीं टूटा हौसला, दिव्या तंवर पहले बनीं IPS, फिर बन गईं IAS अधिकारी; जानिए सफलता की कहानी
18-Oct-2025 10:37 AM
By First Bihar
Bihar Assembly Election : बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है। इस बार चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी कड़ी निगरानी रखने का आदेश दिया है। फेसबुक, एक्स (ट्विटर), यूट्यूब, इंस्टाग्राम और अन्य इंटरनेट मीडिया पर आपत्तिजनक, भड़काऊ या भ्रामक पोस्ट डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो चुकी है।
बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने अब तक कुल 22 आपत्तिजनक लिंक की जांच के बाद 14 हैंडलर्स के विरुद्ध छह प्राथमिकी दर्ज की हैं। इनमें आचार संहिता उल्लंघन के साथ ही लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम और आईटी एक्ट की धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की गई है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक या भ्रामक पोस्ट बर्दाश्त नहीं की जाएगी और इसके लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की निगरानी लगातार की जा रही है।
चुनाव आयोग के निर्देशानुसार, बिहार पुलिस विभाग ने सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल का गठन किया है। यह विशेष सेल 24 घंटे और सप्ताह के सातों दिन सक्रिय है। तीन पालियों में विभाजित इस सेल में पदाधिकारी लगातार इंटरनेट प्लेटफॉर्म पर नजर रख रहे हैं। सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल का मुख्य उद्देश्य चुनाव के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन रोकना और लोगों के बीच फैलाई जाने वाली भ्रामक जानकारी पर तुरंत कार्रवाई करना है।
सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल ने स्पष्ट किया है कि किसी भी आपत्तिजनक, भ्रामक या आचार संहिता उल्लंघन से जुड़ी पोस्ट, वीडियो या साम्रगी मिलने पर मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत सोशल मीडिया ग्रुप, प्रोफाइल या चैनल के एडमिन और सक्रिय सदस्यों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, जिन प्लेटफॉर्म्स या हैंडल्स पर बार-बार आपत्तिजनक पोस्ट की जाती है, उन्हें ‘वॉचलिस्ट’ में रखा जा रहा है। इससे अगली बार किसी भी गलत पोस्ट पर तुरंत ब्लॉक या अन्य कार्रवाई की जा सके।
ईओयू के अधिकारियों ने आम जनता से अपील की है कि वे इंटरनेट मीडिया का जिम्मेदारीपूर्वक और संयमित उपयोग करें। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में वैचारिक रूप से किसी का विरोध किया जा सकता है, लेकिन अमर्यादित भाषा या भड़काऊ सामग्री का प्रयोग कतई नहीं किया जाना चाहिए। किसी भी प्रकार के भ्रामक या आपत्तिजनक पोस्ट के संबंध में लोग मोबाइल नंबर 9031829067 या ई-मेल आईडी (cybercell-bih@nic.in) पर सूचना दे सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया आज के समय में जनता तक तेजी से संदेश पहुँचाने का माध्यम है, लेकिन इसे गलत तरीके से इस्तेमाल करना गंभीर कानूनी परिणाम ला सकता है। चुनावी माहौल में फर्जी खबरें, अफवाहें और भड़काऊ संदेश न केवल कानून का उल्लंघन हैं बल्कि समाज में तनाव और असंतोष भी पैदा कर सकते हैं। इसलिए चुनाव आयोग और पुलिस द्वारा सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखना जरूरी है।
बिहार पुलिस ने पहले ही चेतावनी जारी कर दी है कि आपत्तिजनक या भ्रामक पोस्ट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई न केवल प्राथमिकी दर्ज करने तक सीमित होगी बल्कि दोषियों के खिलाफ गिरफ्तारी और न्यायिक प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी। इसके अलावा, लगातार नियमों का उल्लंघन करने वाले सोशल मीडिया हैंडल्स को ब्लॉक करने या प्लेटफॉर्म से हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच, सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को भी सजग रहने की आवश्यकता है। किसी भी प्रकार की अफवाह या भड़काऊ पोस्ट को साझा करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करना जरूरी है। पुलिस और चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग जिम्मेदारी के साथ होना चाहिए।
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर इस कड़ी निगरानी से यह संदेश साफ है कि किसी को भी आचार संहिता और कानून की अवहेलना करने की छूट नहीं है। जनता से अपील की गई है कि वे चुनावी माहौल को शांतिपूर्ण बनाए रखने में सहयोग करें और गलत या भड़काऊ पोस्ट करने वालों की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें।
इस प्रकार, चुनाव आयोग और पुलिस की संयुक्त निगरानी से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 शांतिपूर्ण और निष्पक्ष माहौल में संपन्न हो। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर आपत्तिजनक या भ्रामक पोस्ट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का यह दौर जारी रहेगा, और सभी नागरिकों को कानून का पालन करने की चेतावनी दी जा चुकी है।