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Bihar Development : बिहार में क्यों नहीं लग रहीं फैक्ट्रियां ? शाह ने बताई सबसे बड़ी दिक्कत, बाढ़ मुक्ति का प्लान समझाया

Bihar Development : अमित शाह ने बिहार में औद्योगिक विकास और बाढ़ मुक्ति के बड़े कदम साझा किए। AI हब, सॉफ्टवेयर उद्योग और युवाओं के रोजगार पर भी जोर।

Bihar Development : बिहार में क्यों नहीं लग रहीं फैक्ट्रियां ? शाह ने बताई सबसे बड़ी दिक्कत, बाढ़ मुक्ति का प्लान समझाया

18-Oct-2025 12:59 PM

By First Bihar

Bihar Development : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदान का समय नजदीक आते ही राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। सभी प्रमुख राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में जुटे हैं और विभिन्न वादों और योजनाओं को लेकर जनता को आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के विकास और प्रदेश में औद्योगिक निवेश की स्थिति पर महत्वपूर्ण चर्चा की।


इस दौरान अमित शाह ने बिहार में औद्योगिक विकास में बाधा बन रही प्रमुख समस्या भूमि की कमी को लेकर खुलकर बातचीत की। उन्होंने कहा कि राज्य में बड़ी फैक्ट्रियां लगाने में सबसे बड़ी बाधा यही है कि पर्याप्त भूमि उपलब्ध नहीं है। शाह ने कहा, “बिहार के अंदर हम सभी जानते हैं कि भूमि की कमी है। कोई भी बड़ी इंडस्ट्री लाना है तो बिहार में भूमि मिलने में बड़ी दिक्कत आती है। इसलिए बिहार में इस प्रकार की इंडस्ट्री लानी चाहिए जिसमें भूमि की कम जरूरत हो।”


उन्होंने आगे कहा कि इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार बिहार को देश का AI और सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री का हब बनाने पर काम कर रही है। शाह ने यह भी कहा कि इसके लिए युवाओं को तैयार करना और उन्हें इंडस्ट्री अनुकूल बनाने की दिशा में कदम उठाना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिहार में उच्च शिक्षित मैनपावर तैयार करने और नए अवसर पैदा करने के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है।


शाह से सवाल किया गया कि क्या बिहार आने वाले 10 वर्षों में मजदूरों का निर्यातक प्रदेश नहीं रहेगा। इस पर उन्होंने कहा कि इसे अलग नजरिए से देखना चाहिए। उनका कहना था कि राज्य में सॉफ्टवेयर और तकनीकी उद्योग को बढ़ावा दिया जाएगा और युवाओं को इन क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।


बिहार में हर साल बाढ़ की समस्या भी गंभीर रूप से सामने आती है। इस पर अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार ने बिहार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को सुरक्षित बनाने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में गंगा और कोसी जैसी नदियों के कारण हर साल बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है। शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 के बजट में बिहार की कोसी परियोजनाओं के लिए हजारों करोड़ रुपये की राशि घोषित की थी। ये परियोजनाएं तेज गति से आगे बढ़ रही हैं और आने वाले समय में बिहार में 50 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि को सींचित और सुरक्षित किया जाएगा।


अमित शाह ने जोर देकर कहा कि आने वाले 10 सालों में बिहार को पूरी तरह बाढ़ मुक्त बनाना केंद्र सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, “अब समय आ गया है कि बिहार को बाढ़ मुक्त करना चाहिए और हम इसे सुनिश्चित करेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रयास केवल तकनीकी और भौतिक उपायों तक सीमित नहीं होगा, बल्कि प्रदेश के लोगों को जागरूक करने और आपदा प्रबंधन में सक्षम बनाने पर भी ध्यान दिया जाएगा।


इस कार्यक्रम के दौरान शाह ने यह भी संकेत दिए कि बिहार में औद्योगिक और तकनीकी विकास के लिए सरकारी और निजी निवेश दोनों को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भूमि की कमी जैसी चुनौतियों के बावजूद राज्य में नए उद्योग और रोजगार के अवसर पैदा किए जाएंगे। विशेष रूप से, IT और AI आधारित उद्योग में निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे युवा वर्ग के लिए रोजगार और शिक्षा के नए अवसर उपलब्ध होंगे।


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि भविष्य में बिहार में बाढ़ और औद्योगिक विकास को लेकर केंद्र सरकार गंभीर है। वहीं, चुनावी समय में इस मुद्दे पर चर्चा होना भी राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। शाह ने जनता से अपील की कि बिहार के विकास में सभी को मिलकर योगदान देना चाहिए और सरकार द्वारा बनाई गई योजनाओं में सक्रिय भागीदारी निभानी चाहिए।


अंततः, अमित शाह के अनुसार बिहार का भविष्य तकनीकी और औद्योगिक दृष्टि से उज्जवल है। भूमि की कमी जैसी समस्याओं के समाधान और बाढ़ मुक्त बिहार की दिशा में उठाए गए कदम राज्य की दीर्घकालिक आर्थिक और सामाजिक स्थिरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।