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बिहार में KCC लोन घोटाला! किसानों के नाम पर ठगे गए करोड़ों, अब 16 साल बाद नोटिस भेजकर वसूली की तैयारी

गोपालगंज में केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) के नाम पर सैकड़ों बाढ़ पीड़ित किसानों के साथ फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। भूमिहीन किसानों के नाम पर केसीसी लोन की राशि उठाकर धोखाधड़ी की गयी है।

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13-Feb-2025 01:06 PM

By First Bihar

गोपालगंज में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) लोन के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है. मोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में यह मामला सामने आया है, जहां फर्जी कागजात के जरिए लाखों रुपये का लोन लिया गया. अब 16 साल बाद बैंकों ने नोटिस भेजकर वसूली शुरू कर दी है और पुलिस ने छापेमारी भी शुरू कर दी है. पीड़ितों का कहना है कि उनके नाम पर फर्जी जमीन के कागजात और एलपीसी का इस्तेमाल कर लोन लिया गया, जबकि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं थी. अब बैंक बकाया नहीं चुकाने पर कानूनी कार्रवाई की धमकी दे रहा है.


 यह मामला 2008 का है, जब काशी टेंगराही, कुशहर और मोहम्मदपुर पंचायत के लोगों के नाम पर केसीसी लोन लिया गया था. बिना जानकारी के फर्जी कागजात जमा कर लोन पास करा लिया गया और अब 16 साल बाद बैंक वसूली के लिए दबाव बना रहा है. पुलिस ने वसूली के लिए छापेमारी भी शुरू कर दी है, जिससे कई लोग दहशत में हैं.  डीएम से मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की जा रही है.


पीड़ितों का कहना है कि बिना उनकी जानकारी के फर्जी दस्तावेजों के जरिए उनके नाम पर केसीसी लोन ले लिया गया, जबकि उनके पास न तो कोई जमीन है और न ही उन्होंने कभी लोन के लिए आवेदन किया था। अब 16 साल बाद बैंक जबरन वसूली के लिए नोटिस भेज रहा है, जिससे वे दहशत में हैं। कुछ लोगों का कहना है कि इंदिरा आवास और अन्य सरकारी योजनाओं के नाम पर उनसे दस्तावेज लिए गए, लेकिन उनका इस्तेमाल लोन लेने में किया गया। अब जब बकाया भुगतान की मांग की जा रही है तो पुलिस गिरफ्तारी के लिए भी दबाव बना रही है। पीड़ितों ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।


गोपालगंज के पूर्व विधायक मंजीत सिंह ने सरकार और जिला प्रशासन से मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा, "यह गंभीर मामला है। बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी हुई है। हम सरकार और प्रशासन से मांग करते हैं कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और पीड़ितों को न्याय मिले।"


इस मामले के सामने आने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर बिना जमीन वाले लोगों के नाम पर केसीसी लोन कैसे पास हो गया? फर्जी दस्तावेज बनाकर बैंक से पैसे निकालने वाले लोग कौन थे? 16 साल तक बैंक और प्रशासन चुप क्यों रहा? अब जब लोन चुकाया ही नहीं जा सकता तो फिर किसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है?