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पुलिस को चैलेंज देने वाला सीरियल किलर चंद्रकांत झा गिरफ्तार, बिहार और यूपी के 18 लोगों की कर चुका है हत्या

सिरियल किलर चंद्रकांत झा बिहार और यूपी के प्रवासी मजदूरों से नौकरी के नाम पर दोस्ती करता था और फिर एक-एक कर सभी की हत्या कर शव के टुकड़े करके तिहाड़ जेल के आस-पास फेंक दिया करता था।

delhi police

18-Jan-2025 02:43 PM

By First Bihar

Delhi news: डेढ़ साल से फरार सीरियल किलर चंद्रकांत झा को दिल्ली पुलिस ने दबोचा है। चंद्रकांत पर कुल 18 हत्याओं का आरोप है। वो बर्बरतापूरण तरीके से किसी की हत्या करता था और शव को टुकड़े-टुकड़े करके दिल्ली के तिहाड़ जेल के आस पास फेंक देता था। हर शव के टुकड़े के साथ वो एक चिट्ठी छोड़ देता था जिसमें यह लिखा होता था कि मैंने हत्या की है, पकड़ सकते हो तो पकड़ लो। 2013 में उसे हत्या के मामले में आजीवन कारावास मिली थी, 2023 में 90 दिनों की पैरोल मिली थी लेकिन उसके बाद वो जो फरार हुआ लौटकर जेल नहीं आया।


चंद्रकांत झा की क्राइम हिस्ट्री पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्म जुलाई 2022 में नेटफ्लिक्स पर इंडियन प्रीडेटरः द बुचर ऑफ दिल्ली रिलीज हुई थी। इस डॉक्यूमेंट्री में दिखाया गया था कि कैसे उसने 1998 से 2007 के बीच पश्चिमी दिल्ली में 8 लोगों की हत्या की। इसमें दिखाय गया कि कैसे चंद्रकांत पहले अपने शिकार से दोस्ती करता था और फिर उसे जान से मार डालता था। चंद्रकांत बिहार और उत्तर प्रदेश से आने वाले प्रवासी मजदूरों से नौकरी के नाम पर दोस्ती करता था फिर मौका पाते ही मजदूरों की हत्या कर दिया करता था।


2003 में उसने शेखर और उमेश की निर्मम हत्या की थी वही 2005 में गुड्डू, 2006 में अमित जबकि 2007 में उपेंद्र और दिलीप की हत्या की थी। चंद्रकांत दिल्ली पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था। 2007 में उसे दिल्ली पुलिस ने धड़ दबोचा था फिर उसके बाद 2013 में उसे 3 हत्या के मामले में दोषी ठहराते हुए मौत की सजा और आजीवन कारावास की सजा कोर्ट ने सुनाई। हालांकि 2016 में मौत की सजा आजीवन कारावास में बदल गई। चंद्रकांत झा कुल 18 हत्याओं का आरोपी है। 


उसे 2013 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी थी। 2023 में 90 दिन की पेरोल मिली थी लेकिन वह फरार हो गया फिर लौटकर नहीं पहुंचा। पुलिस द्वारा बहुत धीमी गति से कार्रवाई करने का रवैया चंद्रकांत झा को पसंद नहीं था। इतना ही नहीं वह बार.बार पुलिस को चैलेंज करता था कहता था कि रोक सको तो रोक के दिखाओ। लेकिन पुलिस वालों को उसका कोई सुराग नहीं मिला। 


वह लाश के साथ एक चिट्ठी भी छोड़ देता था और पुलिस को खुला चैलेंज दिया करता था। लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस सुराग ढूंढने में नाकाम रहती थी। जब वह बार.बार पुलिस को चैलेंज करता रहा तो पुलिस ने भी उसे गिरफ्तार करने का ठान ली। आखिरकार दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उसे गिरफ्तार कर लिया है जिससे पूछताछ कर आगे की कार्रवाई में पुलिस लगी है।