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06-Sep-2025 01:52 PM
By First Bihar
Bihar News: बिहार के सरकारी अस्पतालों में इलाज भगवान भरोसे है. ग्रामीण इलाकों के अस्पताल में पदस्थापित डॉक्टर गायब रहते हैं, इसकी शिकायत लगातार मिलती है. चिकित्सकों के नहीं रहने से गांव के गरीबों को इलाज में भारी परेशानी होती है. वैशाली जिले के पातेपुर पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पर गंभीर आरोप लगे हैं. स्थानीय नेताओं ने जिलाधिकारियों से कार्रवाई की मांग की है.
महात्मा फुले समता परिषद वैशाली के जिला सचिव महेश कुमार सिंह ने जिलाधिकारी वैशाली को पत्र लिखा है. जिसमें पातेपुर पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अवनी कुमार के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है. जिला अधिकारी को भेजे शिकायती पत्र में महात्मा फुले समता परिषद के नेता ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कहा गया है कि चिकित्सा पदाधिकारी अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहते हैं.गलत तरीके से उपस्थिति दर्ज करते हैं. ऐसे में इन्हें तत्काल प्रभारी पद से कार्य मुक्त कर पूरे प्रकरण की जांच कराई जाए.दोषी पाए जाते हैं तो इनके द्वारा वेतन भत्ता के रूप में ली गई राशि की वसूली की जाए और कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में गरीब जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ न हो.
आरोप है कि चिकित्सा पदाधिकारी अवनी कुमार की पदस्थापना अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बलिगांव में हुआ था. लेकिन कुछ दिनों के बाद ये यहां के मरीजों का इलाज छोड़कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पातेपुर को अपना बसेरा बना लिया. ये पातेपुर में बैठे रहे और यहां बलिगांव में उनकी उपस्थिति पंजी दूसरे व्यक्ति से बनवाया जाता रहा. डीएम को लिखे पत्र में कहा गया है कि डॉक्टर अवनी कुमार को वैशाली के सिविल सर्जन ने पातेपुर का प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी बना दिया है. ऐसे में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बलिगांव की उपस्थिति पंजी की जांच की जाय,फर्जी हस्ताक्षर को फोरेंसिक लैब से जांच कर कार्रवाई किया जाय. साथ ही ओपीडी रजिस्टर को जब्त कर जांच कराई जाय, ताकि पता चल सके कि उन्होंने कितने मरीज को देखा है. हालांकि इन आरोपों पर चिकित्सा पदाधिकारी का पक्ष सामने नहीं आया है.