Vaishali-Encounter: मारा गया कुख्यात अपराधी, पुलिस के साथ मुठभेड़ में हुआ ढेर--एसटीएफ का एक जवान घायल Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला, डायल 112 के जवानों ने भागकर बचाई जान; 18 लोगों पर केस दर्ज बिहार में जीविका योजना से बदली महिलाओं की जिंदगी, 57 हजार करोड़ का मिला ऋण Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Kishtwar Cloudburst: किश्तवाड़ में बादल फटने से अबतक 33 की मौत, 100 से अधिक लोग घायल; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी Kishtwar Cloudburst: किश्तवाड़ में बादल फटने से अबतक 33 की मौत, 100 से अधिक लोग घायल; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी Bihar News: दरभंगा एयरपोर्ट पर यात्रियों का हंगामा, नाइट लैंडिंग नहीं होने से बढ़ी परेशानी Bihar News: दरभंगा एयरपोर्ट पर यात्रियों का हंगामा, नाइट लैंडिंग नहीं होने से बढ़ी परेशानी अपने प्रिय मित्र सतीश कौशिक की याद में Anupam Kher ने शुरू किया यह नेक काम, अब विश्व भर में हो रही सराहना
23-Jun-2025 01:35 PM
By First Bihar
Success Story: बिहार पुलिस को एक बार फिर ऐसा नेतृत्व मिला है जो अपनी कड़क प्रशासनिक शैली और निष्कलंक छवि के लिए जाना जाता है। IPS जितेंद्र राणा, जो 2005 बैच के बिहार कैडर के अधिकारी हैं, उन्होंने पटना रेंज के नए पुलिस महानिरीक्षक (IG) के रूप में पदस्थापित किया गया है। उन्हें हाल ही में केंद्र सरकार की Appointments Committee of the Cabinet (ACC) द्वारा IG रैंक पर इंपैनल किया गया है, जो उनकी क्षमता और प्रशासनिक दक्षता की राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृति है।
पटना के SSP रहते हुए जितेंद्र राणा की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक रही बाहुबली विधायक अनंत सिंह की गिरफ्तारी की रणनीति तैयार करना। उन्होंने पूरे ऑपरेशन की रूपरेखा बनाकर कानून का राज स्थापित करने की मिसाल पेश की। हालाँकि, गिरफ्तारी से ठीक एक दिन पहले उनका तबादला कर दिया गया था, लेकिन उनकी योजना के तहत ही पुलिस टीम ने इस हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारी को अंजाम दिया। यह कदम बिहार में विधि व्यवस्था को चुनौती देने वालों के लिए स्पष्ट संदेश था।
एक बार पटना में एक राजनीतिक रैली के दौरान उपजे दंगाई माहौल में उन्होंने AK-47 उठाकर मोर्चा संभाला, जिससे स्थिति पर तुरंत नियंत्रण पाया गया। यह दृश्य मीडिया में काफी चर्चित रहा और उनकी व्यक्तिगत बहादुरी का उदाहरण बन गया। जितेंद्र राणा को "नो नॉनसेंस" अफसर के तौर पर भी जाना जाता है। वे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने में हिचकते नहीं हैं। उनके द्वारा लिए गए कई प्रशासनिक फैसले इस बात का प्रमाण हैं कि वे अनुशासन और ईमानदारी से कोई समझौता नहीं करते।
राणा ने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफेंस कॉलेज से स्नातक और जेएनयू (JNU) से उच्च शिक्षा प्राप्त की है। वे प्रशासन में पारंपरिक तरीकों के साथ-साथ डिजिटल और सोशल मीडिया टूल्स का भी भरपूर उपयोग करते हैं। जनता से सीधे संवाद और फील्ड रिपोर्टिंग में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए उनका यह दृष्टिकोण सराहनीय है।
जितेंद्र राणा की कहानी बिहार पुलिस के एक ऐसे अधिकारी की है जो न केवल कानून-व्यवस्था की जटिल चुनौतियों का समाधान करने में सक्षम हैं, बल्कि एक प्रेरणास्पद लीडरशिप के प्रतीक भी हैं। चाहे दंगों को नियंत्रित करना हो, हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारियाँ हों या फिर सिस्टम के भीतर सुधार लाना हर क्षेत्र में उन्होंने प्रभावी कार्य किया है।
IG रैंक में इंपैनल होना और अब पटना जैसे महत्वपूर्ण ज़ोन की जिम्मेदारी मिलना यह दर्शाता है कि भविष्य में उन्हें और भी बड़े प्रशासनिक दायित्व दिए जा सकते हैं। वे बिहार पुलिस के उन अफसरों में गिने जाते हैं जिनसे राज्य और देश दोनों को उम्मीदें हैं। IPS जितेंद्र राणा सिर्फ एक अधिकारी नहीं, बल्कि न्याय, दृढ़ता और ईमानदारी की मिसाल हैं। उनका यह नया कार्यकाल पटना और बिहार पुलिस के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है।