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03-Dec-2025 11:36 AM
By First Bihar
बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन एक तकनीकी समस्या ने पूरे सदन की गरिमा भरी कार्यवाही को प्रभावित कर दिया। सेंट्रल हॉल में आयोजित संयुक्त बैठक के दौरान उस समय अफरा-तफरी मच गई जब राज्यपाल के अभिभाषण की शुरुआत के कुछ ही मिनट बाद साउंड सिस्टम अचानक काम करना बंद कर दिया। पूरे सदन में मौजूद विधायकों, मंत्रियों और अधिकारियों को राज्यपाल की आवाज साफ-साफ सुनाई नहीं दे रही थी। इस अप्रत्याशित तकनीकी गड़बड़ी ने कार्यवाही को कुछ समय के लिए बाधित कर दिया और विधानसभा कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।
राज्यपाल जब सरकार की नीतियों और विकास योजनाओं पर अपना अभिभाषण पढ़ रहे थे, उसी दौरान माइक्रोफोन से आवाज अस्पष्ट आने लगी। शुरुआती कुछ सेकंड तक इसे हल्की तकनीकी दिक्कत समझकर अनदेखा किया गया, लेकिन जब आवाज पूरी तरह गायब होने लगी, तब सदन में बैठे सदस्यों में हलचल बढ़ गई। कई विधायक एक-दूसरे से यह पूछते नजर आए कि आखिर क्या समस्या हो रही है। कुछ सदस्यों ने सदन की व्यवस्था पर सवाल भी उठाए।
जैसे ही समस्या गंभीर होती दिखी, विधानसभा के मार्शल, सचिवालय के अधिकारी और तकनीकी टीम तुरंत हरकत में आ गए। सेंट्रल हॉल में मौजूद साउंड सिस्टम पैनल के आसपास कर्मचारियों की भीड़ लग गई। स्पीकर व वायरिंग की जांच की गई, माइक्रोफोन बदले गए और मुख्य कंट्रोल रूम से भी संपर्क साधा गया। अधिकारी एक-दूसरे से लगातार अपडेट लेते दिख रहे थे, जबकि तकनीकी टीम स्थिति को जल्द सुधारने में जुट गई।
साउंड सिस्टम की गड़बड़ी के कारण राज्यपाल के अभिभाषण के कुछ महत्वपूर्ण हिस्से कई सदस्यों को सुनाई नहीं दे सके। हालांकि, राज्यपाल ने अपने भाषण को शांत और संयमित तरीके से जारी रखा, लेकिन तकनीकी बाधा के कारण विधायकों तक उसका स्पष्ट संप्रेषण नहीं हो पाया। विधानसभा अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया और बार-बार तकनीकी टीम को निर्देश देते रहे।कुछ देर के प्रयासों के बाद सिस्टम आंशिक रूप से ठीक हुआ, लेकिन फिर भी आवाज पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाई। यह स्थिति सदन की महत्वपूर्ण कार्यवाही के दौरान तकनीकी व्यवस्था की कमजोरी को उजागर करती है।