पटना में 2025 में आधा हो गया क्राइम, पुलिस ने आंकड़े जारी कर किया दावा, 2024 में हुई घटनाओं की तुलना में इस साल बेहद कम वाकये हुए पूर्णिया में बिजली स्मार्ट मीटर रिचार्ज करने के नाम पर ठगी: भाजपा नेता के दो अकाउंट से उड़ाये 85 हजार रुपये Bihar Cabinet: 'मंगल पांडेय' के पास पटना से लेकर दिल्ली तक फ्लैट, सिर्फ 1 अकाउंट में एक करोड़ से अधिक जमा, भंडार में किलो के भाव से सोना-चांदी हिजाब विवाद: डॉ. नुसरत प्रवीण ने आज भी नहीं की नौकरी ज्वाइन, लास्ट डेट खत्म Bihar Cabinet: सम्राट चौधरी के पास कितनी है संपत्ति..साल के अंतिम दिन खुद बताया, रायफल-पिस्टल और भी बहुत कुछ.... Bihar Cabinet: साल के अंतिम दिन CM नीतीश ने घोषित की अपनी संपत्ति, नकद और बैंक में कितना रू है,जानें.... Bihar Police: मोतिहारी नगर निगम का वार्ड पार्षद पति फरार..SP ने 10 हजार रू का इनाम घोषित किया Bihar Transport News: बिहार में गाड़ियों की 'मैन्युअली फिटनेस जांच' पर रोक...कल से लागू होगी नई व्यवस्था, परिवहन मंत्रालय ने भेजा गाईडलाइन 1 करोड़ लोगों को सरकारी नौकरी और रोजगार देगी सरकार, बोले सम्राट चौधरी..बिहार के युवा मजदूरी करने नहीं, सम्मानजनक रोजगार पाने जाएं बाहर Health Ministry : 100mg से अधिक निमेसुलाइड टैबलेट्स पर बैन, स्वास्थ्य मंत्रालय का अहम फैसला
07-Jul-2025 10:30 AM
By First Bihar
Patna News: पटना में 8 और 9 जुलाई को ऑटो और ई-रिक्शा चालकों ने दो दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया है। ऑटो एवं ई-रिक्शा संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने नए ट्रैफिक नियमों और परिवहन विभाग की नीतियों के खिलाफ यह कदम उठाया है। हड़ताल के कारण पटना में करीब 25,000 ऑटो और 15,000 ई-रिक्शा सड़कों से नदारद रहेंगे, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। ऑटो यूनियन के महासचिव राजेश चौधरी ने बताया है कि प्रशासन ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया है, जिसके चलते यह हड़ताल जरूरी हो गई है।
हड़ताल का मुख्य कारण परिवहन विभाग द्वारा लागू किए गए नए नियम हैं, जिनमें रूटों का रंग-कोडिंग सिस्टम, परमिट पर भारी जुर्माना और चार्जिंग प्वाइंट्स की कमी शामिल हैं। ऑटो यूनियन ने 10 सूत्री मांगें रखी हैं, जिनमें स्टैंडों पर बुनियादी सुविधाएं, ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया में सुधार और ओला-उबर जैसे ऐप-बेस्ड टैक्सी के लिए समान नियम लागू करना शामिल है। यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि दो दिन की हड़ताल के बाद भी उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल भी शुरू कर सकते हैं।
इस हड़ताल का असर पटना के दैनिक यात्रियों खासकर ऑफिस जाने वालों, छात्रों और रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से यात्रा करने वालों पर पड़ेगा। 9 जुलाई को विपक्ष द्वारा बिहार बंद के ऐलान से स्थिति और भी जटिल हो सकती है। बंद के प्रभावी होने पर दोपहर तक सार्वजनिक परिवहन की कमी रह सकती है, जिससे लोग पैदल या निजी वाहनों पर निर्भर हो सकते हैं। ओला-उबर जैसी कैब सेवाओं पर मांग बढ़ने से किराया भी बढ़ सकता है, जिससे यात्रियों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
पटना जिला प्रशासन और परिवहन विभाग ने अभी तक हड़ताल को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, ऑटो यूनियन का कहना है कि बार-बार ज्ञापन देने और धरना-प्रदर्शन के बावजूद उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे 8 और 9 जुलाई को यात्रा की योजना बनाते समय वैकल्पिक साधनों का उपयोग करें और ट्रैफिक अपडेट्स पर नजर रखें। हड़ताल के दौरान टाटा पार्क और गर्दनीबाग में प्रदर्शन की संभावना है, जिससे इन क्षेत्रों में जाम की स्थिति बन सकती है।