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14-Dec-2025 09:47 AM
By First Bihar
Vijay Kumar Sinha : राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने पटना जिले को मॉडल राजस्व जिला बनाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस बाबत उपमुख्यमंत्री सह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने पटना समाहरणालय के सभागार में जिले की समीक्षा बैठक की। बैठक में विभाग के प्रधान सचिव सीके अनिल, सचिव जय सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 94 प्रतिशत लघु और सीमांत किसान हैं और लगभग 76 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। ऐसे में भूमि संबंधी मामलों का त्वरित समाधान जनकल्याण और सुशासन के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि भूमि विवादों और अन्य भूमि संबंधी अपराधों में लगभग 68 प्रतिशत मामलों का संबंध जमीन विवादों से है। इस प्रकार यह स्पष्ट है कि भूमि सुधार विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार करना समय की मांग है।
उपमुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि कुछ क्षेत्रों में विभागीय खामियों के कारण लोग परेशान हैं और न्याय पाने के लिए अधिकारियों के पास लंबित मामलों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब हर कार्य को समय सीमा में पूरा करना अनिवार्य होगा और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
विशेष रूप से, उन्होंने दीदारगंज, संपतचक, बिहटा और दानापुर अंचलाधिकारियों द्वारा मामलों के अत्यधिक लंबित रहने पर कड़ा असंतोष जताया और उनसे तुरंत स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया। बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि भूमि सुधार उप समाहर्ताओं को अपने-अपने प्रखंडों में नियमित मॉनिटरिंग करनी होगी, पंचायत स्तर पर निरीक्षण करना होगा और लंबित मामलों के त्वरित निष्पादन को सुनिश्चित करना होगा।
उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मामलों को लटकाने या गलत दाखिल-खारिज करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उनका यह भी कहना था कि भूमि सुधार विभाग के काम में पारदर्शिता और जवाबदेही जरूरी है। इस दिशा में 31 दिसंबर तक सभी लंबित मामलों का सही निष्पादन सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया।
बैठक के दौरान यह भी चर्चा हुई कि पटना जिले को मॉडल जिला बनाने के लिए डिजिटलाइजेशन, फास्ट ट्रैक सिस्टम और नियमित मॉनिटरिंग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके तहत जमीन विवादों के मामलों का रिकॉर्ड डिजिटल माध्यम से रखा जाएगा, जिससे किसी भी मामले की स्थिति तुरंत ट्रैक की जा सके। पंचायत स्तर पर भी अधिकारियों को समय-समय पर निरीक्षण करने और विवादों के समाधान की प्रक्रिया की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया।
विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि किसान और आम जनता को भूमि विवादों और अन्य भूमि संबंधी समस्याओं से तुरंत राहत मिले। उन्होंने जोर देकर कहा कि भूमि सुधार विभाग को अब जनता के लिए कार्यरत रहना होगा और किसी भी मामले में देरी, लापरवाही या भ्रष्टाचार सहन नहीं किया जाएगा।
अधिकारियों ने बैठक में बताया कि कुछ क्षेत्रों में मामलों की लंबित संख्या बढ़ी है, लेकिन उन्होंने सुनिश्चित किया कि सभी लंबित मामलों का समाधान समयबद्ध तरीके से किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने इसे गंभीर मुद्दा मानते हुए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि लंबित मामलों की जानकारी नियमित रूप से उच्च अधिकारियों को दी जाए।
इसके अलावा, बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पटना जिले में भूमि विवादों के निपटान के लिए विशेष दल बनाए जाएंगे, जो समय-समय पर मामलों की समीक्षा करेंगे और आवश्यकतानुसार तत्काल कार्रवाई करेंगे। यह कदम भूमि विवादों में पारदर्शिता और त्वरित समाधान सुनिश्चित करेगा।
राज्य सरकार की यह पहल लघु और सीमांत किसानों के हित में है। विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि भूमि विवादों के कारण किसानों और आम जनता को लंबित समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिसे अब संपूर्ण पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ खत्म किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि यदि कोई कर्मचारी फर्जी दस्तावेज़ या गलत प्रक्रियाओं के जरिए मामलों को लटकाता पाया गया, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
समीक्षा बैठक में यह भी तय किया गया कि पटना जिले में भूमि सुधार प्रक्रिया को मॉडर्नाइजेशन और डिजिटलीकरण के माध्यम से और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। इसका उद्देश्य यह है कि किसी भी व्यक्ति को भूमि विवाद निवारण के लिए लंबा इंतजार न करना पड़े और हर काम समय पर संपन्न हो।
इस बैठक के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि पटना जिले को मॉडल राजस्व जिला बनाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह गंभीर है। भूमि सुधार विभाग में पारदर्शिता, त्वरित निपटान और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदम किसानों और आम जनता के लिए राहत की खबर हैं।