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21-Feb-2025 08:40 PM
Bihar Police News: शराब के नाम पर लगातार कारनामे करने वाली बिहार पुलिस की एक और कलई खुली है. पुलिस ने शराब के नाम पर एक एसयूवी गाड़ी को जब्त कर लिया. उस गाड़ी से जमकर सैर-सपाटा किया. पटना हाईकोर्ट में इसकी कलई खुल गयी. इसके बाद हाईकोर्ट ने सख्त आदेश दिया है.
गोपालगंज पुलिस का कारनामा
पटना हाईकोर्ट ने गोपालगंज जिले में शराब के मामले में जब्त वाहन के गलत उपयोग का मामला उजागर होने के बाद सख्त रुख अपनाते हुए पुलिस अधिकारियों को दोषी ठहराया है. अदालत ने सरकार को आदेश दिया है कि गाड़ी मालिक को एक लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए. ये पैसा उन पुलिस अधिकारियों से वसूला जायेगा जो इस मामले में दोषी पाये गये हैं. उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी होगी. हाईकोर्ट ने छह महीने के भीतर अनुशासनात्मक कार्रवाई पूरी करने का निर्देश दिया गया है.
XUV 700 गाड़ी से सैर सपाटा
पटना हाईकोर्ट में हर्ष अग्रवाल नाम के व्यक्ति ने याचिका दाखिल की थी. इसमें पुलिस की करतूत को बताया गया था. मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस पी. बी. बजनथरी और जस्टिस सुनील दत्ता मिश्रा की बेंच ने कड़ा रूख अपनाया. याचिकाकर्ता के वकील कुमार हर्षवर्धन ने कोर्ट को बताया कि गोपालगंज की यदुपुर थाना पुलिस ने 25 जुलाई 2024 को उनकी XUV-700 गाड़ी को जब्त कर लिया था.
कोर्ट में याचिकाकर्ता ने कहा कि उनकी गाड़ी को पुलिस ने शराबबंदी कानून के तहत जब्त किया था. लेकिन बाद में ये बात सामने आयी कि पुलिस ने गाड़ी पकड़ने के बाद अलग खेल कर दिया. यदुपुर पुलिस के अधिकारी उस जब्त गाड़ी से 19 सितंबर 2024 तक अवैध रूप से सैर सपाटा करते रहे.
गोपालगंज पुलिस द्वारा गाड़ी की जब्ती होने की कागजी प्रक्रिया के बाद ये मामला डीएम की कोर्ट में गया. वहां गाड़ी मालिक पर बिहार मद्यनिषेध एवं उत्पाद अधिनियम के तहत 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया. हाईकोर्ट में दायर याचिका में गाड़ी मालिक ने इस जुर्माना को पक्षपातपूर्ण बताया. अदालत ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि यदि याचिकाकर्ता एक सप्ताह के भीतर 3 लाख रुपये जमा करता है तो जिला प्रशासन को तीन दिनों के भीतर वाहन लौटाने की प्रक्रिया पूरी कर लेनी होगी.
कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 6 मार्च को करने का फैसला लिया है. उस दिन कोर्ट इस बात को देखेगी कि उसके आदेश का सरकार ने पालन किया है या नहीं. दोषी पुलिसकर्मियों से जुर्माना वसूलने के साथ साथ गाड़ी को रिहा किया गया है या नहीं.