Vijay Chaudhary Statement : संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी का बड़ा बयान, कहा– “गृह विभाग की सुर्खियां छोड़िए, वित्त और वाणिज्य भी हमारे पास है” Train Cancelled 2025 : यात्रियों के लिए अलर्ट! दिसंबर से गरीब रथ समेत कई ट्रेनें रद्द, यहां देखें पूरी लिस्ट Anant Singh oath : जेल में बंद अनंत सिंह आज विधानसभा में लेंगे शपथ ! जानिए 'छोटे सरकार' को लेकर क्या है ताजा अपडेट Bihar News: बिहार में जल्द होगा ग्रीन फिल्म सिटी का निर्माण, सरकार ने जारी किए निर्देश Patna High Court : पटना हाईकोर्ट के आदेश का नहीं हुआ पालन, अब नीतीश सरकार से मांगा गया जवाब; जानिए क्या है पूरी खबर Bihar News : पटना में बुलडोजर एक्शन से हड़कंप, झोपड़ियां ध्वस्त और ठेले जब्त कर वसूला गया जुर्माना Bihar News: बिहार के इन ट्रेनों में मिलेगी ATM की सुविधा, अब बिना किसी चिंता के यात्री निकाल सकेंगे कैश Bihar News: बिहार में प्रिंसिपल ने बच्चों की थाली में अंडे रख खिंचवाई तस्वीर, फिर ले लिया वापस; अब DEO ने किया सस्पेंड Bihar electricity rates : बिहार में बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत, जल्द लागू होगा नया स्लैब; ग्रामीणों को लग सकता है झटका Bihar road repair : बिहार में शहरी सड़कों की मरम्मत का नया दौर, एजेंसियां सात साल तक रखेंगी जिम्मेदारी; अब नहीं नजर आएंगे गड्ढे
02-Dec-2025 09:17 AM
By First Bihar
Patna High Court : पटना हाईकोर्ट ने डीसीएलआर (Dy. Collector Level Recruitment) के पद पर नियुक्ति प्रक्रिया में देरी को लेकर बिहार सरकार से जवाब तलब किया है। न्यायाधीश हरीश कुमार की एकलपीठ ने राज्य को निर्देश दिया है कि वह दो सप्ताह के भीतर अदालत में शपथ-पत्र दाखिल कर स्पष्ट करे कि पूर्व आदेश का पालन अब तक क्यों नहीं हुआ।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव ने बताया कि हाईकोर्ट ने 19 जून, 2025 के अपने आदेश में स्पष्ट रूप से निर्देश दिया था कि याचिकाकर्ताओं को डीसीएलआर के पद पर नियुक्त किया जाए और बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को नवसृजित पदों पर समायोजित किया जाए। अदालत ने इस पूरी प्रक्रिया को तीन महीने के भीतर पूरा करने का आदेश दिया था।
हालांकि, अदालत ने सुनवाई में पाया कि अब तक आदेश का अनुपालन नहीं हुआ है। इस पर राज्य सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि उन्हें संबंधित मामले में आदेश प्राप्त हो चुके हैं और वे शीघ्र ही शपथ-पत्र दाखिल करेंगे। अदालत ने इसे स्वीकार करते हुए कहा कि अब स्पष्ट और वास्तविक अनुपालन दिखाना अनिवार्य है।
हाईकोर्ट ने राज्य को दो सप्ताह का समय देते हुए स्पष्ट किया कि पूर्व आदेश का पूरा पालन दिखाना जरूरी है, अन्यथा कोर्ट उचित कार्रवाई कर सकती है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर को निर्धारित की है।
यह आदेश ऐसे समय में आया है जब डीसीएलआर के पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया में लगातार देरी हो रही है और योग्य अधिकारियों का कार्यभार प्रभावित हो रहा है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि लंबे समय से नियुक्ति प्रक्रिया लंबित रहने के कारण उनकी सेवाओं और करियर पर असर पड़ रहा है।
हाईकोर्ट का यह कदम राज्य प्रशासन को स्पष्ट संदेश देता है कि अदालत के आदेशों की अवहेलना बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अब राज्य सरकार को अदालत में स्पष्ट रूप से बताना होगा कि क्यों आदेश का पालन समय पर नहीं हो सका और इसके लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
इस मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी, जिसमें अदालत देखेगी कि क्या राज्य सरकार ने आदेश का सही तरीके से पालन किया है या नहीं। इस दौरान डीसीएलआर पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया के सही और समय पर पूरा होने की संभावना बढ़ सकती है।