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                            18-May-2025 06:27 PM
By First Bihar
Patna News: बिहार के राजधानी पटना से चौंकाने तो मामला सामने आया है, जहां सीबीआई अधिकारी बताकर लूटपाट करने वाले तीन शातिर अपराधियों को पटना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह मामला पॉश श्रीकृष्णापुरी इलाके की है। गिरफ्तार किए गए अपराधियों के पास से आपत्तिजनक सामान भी बरामद की गई हैं।
इनके पास से दो पिस्टल, एक देसी कट्टा, जिंदा कारतूस, फर्जी पहचान पत्र (ID), सेना की वर्दी, बाइक और अन्य आपत्तिजनक सामग्रियां शामिल हैं। वहीं, गिरफ्तार आरोपियों की पहचान प्रतिम कुमार (सहरसा), अरविंद कुमार (वैशाली) और नीतीश कुमार (धनरूआ) के रूप में हुई है। ये अपराधी फिल्मों से आइडिया लेकर अपने रोल तय करते थे। गिरोह का सरगना अरविंद कुमार खुद को सीबीआई का स्पेशल अधिकारी बताता था, जबकि उसके साथी सेना की वर्दी में रहते थे ताकि पुलिसकर्मियों और आम नागरिकों पर रौब जमा सकें।
पुलिस चेकपोस्ट और चौराहों पर तैनात उम्रदराज पुलिसकर्मियों को खासतौर से निशाना बनाया जाता था। वे खुद को अधिकारी बताते हुए पूछताछ के बहाने लोगों से पैसे और कीमती सामान छीन लेते थे। आम नागरिकों को भी ये गैंग अपने झांसे में लेकर ठगने का काम करता था। 10 मई को शिवपुरी अंडरपास के पास एक व्यक्ति से लूट की घटना सामने आई थी।
घटना के बाद पुलिस ने SIT (विशेष जांच टीम) गठित की और जांच शुरू की। जांच के दौरान गुप्त सूचना के आधार पर चिरैयाटांड़ पुल के पास एक अपराधी को दबोचा गया। पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर दो और आरोपियों को अगमकुंआ शीतला मंदिर इलाके से गिरफ्तार किया गया। एसडीपीओ साकेत कुमार ने बताया कि जांच में सामने आया है कि यह 5 सदस्यों का संगठित गैंग है, जो पूरे पटना और आसपास के इलाकों में घूम-घूमकर लूट और ठगी की वारदातों को अंजाम देता है।
तीन सदस्य गिरफ्तार कर लिए गए हैं, जबकि दो अभी फरार हैं। फरार आरोपियों की तलाश में लगातार छापेमारी की जा रही है। एसडीपीओ के मुताबिक, तीनों आरोपी अपराध की दुनिया के पुराने खिलाड़ी हैं। इनका अपराधिक इतिहास भी सामने आया है। ये पूर्व में भी चोरी, लूट, ठगी जैसे मामलों में विभिन्न थानों से जेल जा चुके हैं।
पुलिस अब इनके नेटवर्क, संपर्कों और ठगी के अन्य मामलों की भी जांच कर रही है। पटना पुलिस की इस सफलता को बड़ी कामयाबी माना जा रहा है, क्योंकि फर्जी पहचान के सहारे लोगों को निशाना बनाने वाले यह अपराधी कई महीनों से फरार चल रहे थे और कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहे थे। पुलिस अब पूरे गिरोह की जड़ तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।