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31-Dec-2025 09:31 AM
By First Bihar
Patna CO action : पटना जिले में दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) और परिमार्जन मामलों की लंबित संख्या प्रशासन के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है। डिप्टी सीएम और राजस्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने सभी अंचल अधिकारियों (सीओ) को 31 दिसंबर तक लंबित मामलों के निष्पादन का अल्टीमेटम दिया था। लेकिन जिले में कुल 17,242 दाखिल-खारिज मामले अभी भी लंबित हैं। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि यदि आज शाम तक इन मामलों का निपटारा नहीं हुआ तो संबंधित अंचल अधिकारियों और राजस्व कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अपर समाहर्ता राजस्व के अनुसार, इन मामलों में 3,278 मामले 35 दिनों से अधिक समय से, 1,122 मामले 75 दिनों से और 731 मामले 120 दिनों से अधिक समय से लंबित हैं। जिले के छह अंचलों में एक-एक हजार से अधिक मामले पेंडिंग पाए गए हैं। सबसे अधिक मामले फुलवारीशरीफ अंचल में हैं, जहाँ 1,897 मामले लंबित हैं। इसके बाद बिहटा में 1,749, संपतचक में 1,737, दीदारगंज में 1,342, नौबतपुर में 1,254 और मनेर में 1,099 मामले लंबित हैं।
प्रशासन ने सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। यह कदम सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि निर्धारित समय-सीमा के भीतर सभी लंबित मामलों का निष्पादन किया जा सके। डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने स्पष्ट किया है कि 31 दिसंबर तक मामलों का निपटारा नहीं हुआ तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने सभी डीसीएलआर (उप निबंधक) को निर्देश दिया है कि वे दाखिल-खारिज, परिमार्जन, नापीवाद और सरकारी जमीन से जुड़े मामलों का संपूर्ण ब्योरा प्रस्तुत करें। उन अंचलों की रिपोर्ट, जिन्होंने पूरी जानकारी नहीं दी, उसके आधार पर संबंधित सीओ और राजस्वकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कानूनी प्रावधानों के अनुसार, दाखिल-खारिज मामलों का निपटारा 35 दिनों के भीतर करना अनिवार्य है। पटना जिले में अधिकांश अंचल इस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। लंबित मामलों की संख्या और उनकी अवधि को देखते हुए प्रशासन ने सख्त चेतावनी जारी की है।
परिमार्जन मामलों की स्थिति भी गंभीर है। जिले में कुल 9,163 परिमार्जन मामले लंबित हैं। इनमें सबसे अधिक धनरूआ में 1,013, फुलवारीशरीफ में 943, बिहटा में 752, नौबतपुर में 730, संपतचक में 679, दानापुर में 666 और मोकामा में 609 मामले लंबित हैं। समय के हिसाब से देखें तो संपतचक में 351 मामले 35 दिनों से अधिक समय से लंबित हैं। बिहटा में 78 मामले 75 दिनों से अधिक समय से, जबकि दीदारगंज में 70 मामले 120 दिनों से अधिक समय से लंबित हैं।
राजस्व विभाग ने स्पष्ट किया है कि निर्धारित समय-सीमा में सभी लंबित मामलों का निपटारा करना सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि यदि यह नहीं किया गया तो संबंधित सीओ और राजस्व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पटना जिले में दाखिल-खारिज और परिमार्जन मामलों का शीघ्र निष्पादन न केवल कानूनी जिम्मेदारी है, बल्कि यह जिले में भूमि प्रशासन की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए भी जरूरी है। अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी बनती है कि वे समय पर सभी लंबित मामलों का निपटारा करें। इससे न केवल नागरिकों को राहत मिलेगी, बल्कि प्रशासन की कार्यप्रणाली भी प्रभावी होगी।
प्रशासन का अल्टीमेटम यह दर्शाता है कि अब अधिकारियों और कर्मचारियों के पास बहाना नहीं है। निर्धारित समय-सीमा के भीतर मामलों का निष्पादन होना जरूरी है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या पटना प्रशासन अपने अल्टीमेटम को लागू कर पाता है और लंबित मामलों का निपटारा कर पाता है या नहीं।