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Nitish Kumar : 10वीं बार CM बनें नीतीश कुमार को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की बधाई, भारतीय लोकतंत्र में रचा ऐतिहासिक रिकॉर्ड

नीतीश कुमार के 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बनने पर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन ने उन्हें बधाई दी है। संस्था ने इसे भारतीय लोकतांत्रिक इतिहास की अद्वितीय उपलब्धि बताते हुए कहा कि 1947 से 2025 तक किसी भी नेता ने दस बार शपथ का यह रिकॉर्ड नहीं बनाया

Nitish Kumar : 10वीं बार CM बनें नीतीश कुमार को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की बधाई, भारतीय लोकतंत्र में रचा ऐतिहासिक रिकॉर्ड

05-Dec-2025 01:33 PM

By First Bihar

Nitish Kumar : नीतीश कुमार के नाम एक और ऐतिहासिक उपलब्धि जुड़ गई है। बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में 10वीं बार शपथ लेने के बाद अब वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन ने उन्हें औपचारिक रूप से सम्मानित करने की घोषणा की है। संस्था ने मुख्यमंत्री को एक विशेष बधाई-पत्र भेजा है, जिसमें इस उपलब्धि को भारत के लोकतांत्रिक इतिहास की अद्वितीय मिसाल बताया गया है।


बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार पिछले दो दशकों से केंद्रीय चेहरा बने हुए हैं। 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद से लेकर 2025 तक किसी भी राज्य में किसी भी व्यक्ति ने 10 बार मुख्यमंत्री पद की शपथ नहीं ली है। इस लिहाज से यह उपलब्धि न केवल अभूतपूर्व है, बल्कि भारतीय लोकतंत्र में नई मिसाल भी कायम करती है। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने इसे “ऐतिहासिक और अद्वितीय” करार दिया है।


संस्था की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि यह उपलब्धि केवल व्यक्तिगत सफलता नहीं है, बल्कि यह उस विश्वास और समर्थन को दर्शाती है जो बिहार की जनता वर्षों से नीतीश कुमार को देती आई है। इससे लोकतांत्रिक ढांचे में जनसमर्थन की ताकत और नेतृत्व की निरंतरता का महत्व भी सामने आता है।


लंदन स्थित संस्था ने अपने पत्र में लिखा है कि इतने लंबे समय तक राज्य का नेतृत्व करना और दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेना वास्तव में एक दुर्लभ और प्रेरणादायक उपलब्धि है। पत्र में उल्लेख किया गया कि शासन, विकास, सामाजिक न्याय, प्रशासनिक स्थिरता और गरीबों के हित में उठाए गए कदमों की वजह से नीतीश कुमार हमेशा राष्ट्रीय चर्चाओं में रहे हैं।


संस्था ने स्पष्ट कहा कि नीतीश कुमार का नेतृत्व मॉडल कई मायनों में उदाहरण है। एक ऐसे समय में जब राजनीति में स्थिरता को लेकर बहस होती रहती है, बिहार जैसे बड़े राज्य में लगातार नेतृत्व का जिम्मा उठाना अपने आप में ऐतिहासिक है। संस्था ने इसे “राष्ट्र के लिए गर्व का क्षण” बताया है।


पत्र में कहा गया कि भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक देश में जहां राजनीति हर पल बदलती रहती है, वहां दस बार मुख्यमंत्री पद तक पहुंचना बेहद कठिन है। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने माना कि यह उपलब्धि केवल राजनीतिक ताकत का परिचायक नहीं है, बल्कि इससे यह भी पता चलता है कि नीतीश कुमार ने अपने कार्यकाल के दौरान प्रशासनिक क्षमता को हमेशा प्राथमिकता दी।


नीतीश कुमार की राजनीतिक यात्रा उतार-चढ़ाव भरी रही है, लेकिन जनता का भरोसा लगातार बना रहा। इसी भरोसे के कारण वे एक बार नहीं, बल्कि दस बार राज्य की बागडोर संभालने में कामयाब हुए। संस्था ने इसे भरोसे, नेतृत्व और सुशासन का अनूठा संगम बताया है।


वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने पत्र में यह भी लिखा कि बिहार जैसे राज्य का नेतृत्व लगातार इतने लंबे समय तक संभालना एक बड़ी बात है। पत्र में कहा गया कि बिहार में सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, कानून-व्यवस्था और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में बदलाव का असर राष्ट्रीय स्तर पर भी देखा गया है। संस्था ने विश्वास जताया कि आने वाले समय में इस उपलब्धि की मिसाल कई नेताओं को प्रेरित करेगी।


संस्था ने घोषणा की है कि इस अनूठी उपलब्धि के सम्मान में वे नीतीश कुमार का नाम अपनी वैश्विक सम्मान सूची में औपचारिक रूप से शामिल करेंगे। इसके साथ ही उन्हें एक प्रतिष्ठित आधिकारिक प्रमाणपत्र भी प्रदान किया जाएगा। संस्था ने इसे अपने लिए गर्व की बात बताते हुए कहा कि ऐसे रिकॉर्ड बहुत कम देखने को मिलते हैं।


नीतीश कुमार के 10वीं बार मुख्यमंत्री बनने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिक्रियाएँ सामने आई थीं। अब वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के सम्मान के बाद राजनीतिक हलके में एक नई चर्चा शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि यह सम्मान न केवल मुख्यमंत्री की व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि बिहार की राजनीति और बिहार के विकास मॉडल के लिए भी एक प्रकार का वैश्विक मान्यता है।


वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स जल्द ही औपचारिक कार्यक्रम के माध्यम से यह प्रमाणपत्र सौंपेगा। संगठन की टीम इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर रही है। बिहार सरकार की ओर से भी इस सम्मान को लेकर उत्साह देखा जा रहा है, क्योंकि यह राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण माना जा रहा है।


नीतीश कुमार का 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेना और वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा उनकी उपलब्धि को वैश्विक स्तर पर मान्यता देना भारतीय लोकतंत्र के लिए एक मजबूत संदेश है—नेतृत्व की निरंतरता, जनता का अटूट विश्वास और प्रशासनिक स्थिरता हमेशा वही नेता हासिल कर सकते हैं जो जनता से जुड़कर काम करते हैं।