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08-Sep-2025 12:58 PM
By First Bihar
Nitish Kumar announcement : बिहार की राजनीति और प्रशासनिक फैसलों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अक्सर ऐसे कदम उठाते रहे हैं जो आम लोगों के जीवन से सीधे तौर पर जुड़े हों। खासकर महिलाओं के लिए वे समय-समय पर विशेष योजनाएं और सुविधाएं लागू करते रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने एक बार फिर से महिलाओं को बड़ी सौगात दी है। इस बार यह सौगात राज्य की आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं के लिए है।
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एलान किया है कि अब राज्य में कार्यरत आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं के मानदेय (मानदेय यानी मासिक भत्ता या वेतन जैसी राशि) में बढ़ोतरी की जाएगी। यह फैसला न केवल इन कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि यह सरकार की ओर से उनके काम और जिम्मेदारी की अहमियत को मान्यता देने जैसा कदम माना जा रहा है।
राज्य में बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के पोषण एवं जीवन स्तर में सुधार करने में आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। उनकी इसी भूमिका का सम्मान करते हुये हमलोगों ने उनके मानदेय में वृद्धि करने का निर्णय लिया है। अब आंगनबाड़ी सेविका का मानदेय 7,000 रूपये से बढ़ाकर 9,000 रूपये तथा आंगनबाड़ी सहायिका का मानदेय 4,000 रूपये बढ़ाकर 4,500 रूपये करने हेतु विभाग को निदेशित किया गया है।
नवम्बर 2005 में सरकार बनने के बाद से ही हमलोगों ने गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के पोषण तथा स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिये बड़े पैमाने पर काम किया है तथा इसके लिये समेकित बाल विकास परियोजना के माध्यम से 06 प्रकार की सेवायें प्रदान की जा रही हैं। इन सेवाओं को आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से लाभुकों को उपलब्ध कराने में आंगनबाड़ी सेविकाएं एवं सहायिकाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उनके अहम योगदान को देखते हुये उनकी मानदेय राशि में वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है। इससे सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं का मनोबल बढ़ेगा तथा समेकित बाल विकास सेवायें और बेहतर होंगी।
बिहार सहित पूरे देश में आंगनबाड़ी केंद्र ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में बच्चों और महिलाओं के लिए एक मजबूत सहारा बने हुए हैं। इन केंद्रों पर बच्चों को पोषण आहार, स्वास्थ्य की देखभाल, शिक्षा की शुरुआती नींव और गर्भवती व धात्री महिलाओं को सहयोग जैसी कई महत्वपूर्ण सेवाएं दी जाती हैं।
आंगनबाड़ी सेविकाएं और सहायिकाएं ही इन सेवाओं को घर-घर तक पहुँचाने का असली जरिया हैं। वे न केवल बच्चों को पढ़ाती और खिलाती हैं, बल्कि ग्रामीण समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को लेकर जागरूकता भी फैलाती हैं। इस तरह वे सरकार की कई योजनाओं की रीढ़ मानी जाती हैं।ऐसे में लंबे समय से यह मांग उठ रही थी कि इन सेविकाओं और सहायिकाओं के मानदेय को बढ़ाया जाए, ताकि उन्हें उनके कठिन परिश्रम के अनुरूप सम्मान और सुविधा मिल सके।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इस मांग पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए घोषणा की कि राज्य सरकार अब आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं के मानदेय में वृद्धि करेगी। उन्होंने साफ कहा कि सरकार उनकी मेहनत और योगदान को पूरी तरह समझती है और यही कारण है कि यह कदम उठाया जा रहा है। हालांकि अभी तक बढ़ोतरी की सटीक राशि का आधिकारिक ब्योरा सामने नहीं आया है, लेकिन यह साफ है कि नया मानदेय पहले से बेहतर होगा और हजारों सेविकाओं-सहायिकाओं के जीवन में राहत की सांस लेकर आएगा।