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02-Dec-2025 02:32 PM
By First Bihar
Mid Day Meal : नरकटियागंज प्रखंड के मोहम्मदपुर स्थित उर्दू प्राथमिक विद्यालय में मंगलवार को माहौल उस समय तनावपूर्ण हो गया, जब ग्रामीणों और स्कूली बच्चों ने विद्यालय में व्याप्त अनियमितताओं को लेकर मुख्य द्वार पर तालाबंदी कर दी। पिछले कई महीनों से चल रहे आरोपों और शिकायतों के बाद भी कार्रवाई न होने से नाराज़ लोगों ने स्कूल परिसर के बाहर बैठकर घंटों हंगामा किया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
गांव वालों ने विद्यालय की प्रधानाध्यापिका नीपू कुमारी पर गंभीर आरोप लगाए। ग्रामीणों का कहना है कि प्रधानाध्यापिका बच्चों को नियमित रूप से सही तरीके से पढ़ाने में लापरवाही कर रही थीं। कक्षा संचालन समय पर नहीं होता था, और पढ़ाई की गुणवत्ता भी बेहद खराब थी। यही नहीं, मध्याह्न भोजन योजना में भी पारदर्शिता की कमी की शिकायत ग्रामीणों ने की। उनका कहना था कि बच्चों को मिलने वाला भोजन मानकों के अनुरूप नहीं था, और कई बार भोजन सही समय पर उपलब्ध नहीं कराया जाता था।
इन तमाम मुद्दों को लेकर परिजनों और ग्रामीणों ने प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक कई बार शिकायतें कीं। लेकिन तीन महीनों से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने पर लोगों का आक्रोश बढ़ता चला गया। ग्रामीणों ने पंचायत सचिव पर भी प्रधानाध्यापिका के साथ मिलीभगत करने और शिकायतों को दबाने का आरोप लगाया।
तालाबंदी और हंगामे की सूचना मिलते ही प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) सूरज कुमार, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (बीईओ) राजेश यादव और थानाध्यक्ष ज्वाला सिंह दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने और आश्वासन देने की कोशिश की, लेकिन लोग इस बार किसी भी तरह की आश्वासन से संतुष्ट होने के मूड में नहीं थे। ग्रामीणों ने साफ कहा कि जब तक तत्काल कार्रवाई नहीं होती, वे तालाबंदी नहीं हटाएंगे।
करीब दो घंटे तक चली बातचीत और हंगामे के बीच माहौल काफी गरम रहा। ग्रामीण अपने बच्चों की पढ़ाई और विद्यालय की स्थिति को लेकर बेहद चिंतित और नाराज़ थे, और वे तत्काल समाधान चाहते थे। प्रशासन के सामने बढ़ते दबाव के बीच अधिकारियों को कठोर कदम उठाने पड़े।
आखिरकार प्रशासन ने बढ़ते तनाव और ग्रामीणों के आग्रह को देखते हुए प्रधानाध्यापिका नीपू कुमारी को तत्काल प्रभाव से विद्यालय से हटा दिया। अधिकारियों ने उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी है। साथ ही उन्हें अन्य विद्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया है, ताकि मोहम्मदपुर विद्यालय में पढ़ाई का माहौल पुनः सामान्य हो सके और बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो।
प्रशासन ने यह भी भरोसा दिलाया कि मामले की विस्तृत जांच की जाएगी, और अगर आगे भी किसी प्रकार की अनियमितता पाई जाती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। ग्रामीणों ने इस निर्णय के बाद तालाबंदी हटाई और प्रशासनिक कदम का स्वागत किया, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वे आगे भी विद्यालय की कार्यप्रणाली पर नज़र बनाए रखेंगे।
प्रधानाध्यापिका नीपू कुमारी के स्थान पर अब हेना प्रवीण को मोहम्मदपुर उर्दू प्राथमिक विद्यालय का नया प्रभारी नियुक्त किया गया है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि नई प्रधानाध्यापिका के नेतृत्व में विद्यालय की स्थिति में सुधार होगा और बच्चों की शिक्षा सही दिशा में आगे बढ़ सकेगी।विद्यालय में पिछले कुछ महीनों से चल रहे विवाद के बीच स्थानीय लोग अब नई शुरुआत की उम्मीद कर रहे हैं। प्रशासन ने भी आश्वासन दिया है कि विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था पर लगातार निगरानी रखी जाएगी, ताकि किसी तरह की अनियमितता दोबारा सामने न आए।
यह घटना एक बार फिर यह सवाल उठाती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यालयों की निगरानी और शिक्षण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करना कितना आवश्यक है। ग्रामीणों की सजगता और एकजुटता ने इस मामले को गंभीरता से सामने लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अब देखना होगा कि नई प्रधानाध्यापिका और प्रशासन मिलकर विद्यालय में किस तरह सकारात्मक बदलाव ला पाते हैं।