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03-Dec-2025 07:19 AM
By First Bihar
Marine Drive : गंगा किनारे बनने वाले मरीन ड्राइव का सपना अब साकार होने की ओर है। भागलपुर से मुंगेर तक प्रस्तावित इस महत्वाकांक्षी परियोजना ने एक निर्णायक कदम आगे बढ़ाया, जब बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (BSRDCL) की टीम ने भागलपुर जिला प्रशासन को एलएपी (लैंड एक्विज़िशन प्रपोजल) सौंप दिया। इस दस्तावेज़ को परियोजना की औपचारिक और वास्तविक शुरुआत का अहम चरण माना जा रहा है, क्योंकि इसी के आधार पर जमीन अधिग्रहण की पूरी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
BSRDCL अधिकारियों के अनुसार, अगले 15 दिनों के भीतर अधियाचना भी जिला प्रशासन को सौंप दी जाएगी। इसके बाद भू-अर्जन कार्यालय राजस्व रिकॉर्ड, खाता-खेसरा और सीमांकन के आधार पर जमीन की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू करेगा। इस चरण में यह निर्धारित किया जाएगा कि कौन-सी भूमि सरकारी है और किन हिस्सों में निजी जमीन के अधिग्रहण की जरूरत होगी। जिला प्रशासन की भूमिका यहाँ अत्यंत महत्वपूर्ण होगी।
जमीन चिन्हित होने के बाद परियोजना का अगला बड़ा चरण सामाजिक प्रभाव आकलन (SIA) होगा। इसमें यह अध्ययन किया जाएगा कि भूमि अधिग्रहण से प्रभावित होने वाले किसानों, परिजनों और व्यवसायियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। SIA रिपोर्ट तैयार होने के बाद सेक्शन-11 के तहत अधिसूचना जारी की जाएगी, जिसके साथ ही आधिकारिक रूप से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू मानी जाएगी।
भागलपुर की तरह ही मुंगेर जिला प्रशासन को भी अगले सात दिनों में एलएपी सौंपा जाएगा। विभाग ने बताया कि पहले आठ किलोमीटर इलाके का नक्शा उपलब्ध नहीं हो पाने की वजह से देरी हुई थी, लेकिन अब नक्शा उपलब्ध हो चुका है और प्रक्रिया तेज़ कर दी गई है।
विभाग के अनुसार, मरीन ड्राइव का निर्माण भागलपुर और मुंगेर दोनों जिलों में एक साथ शुरू किया जाएगा। जैसे-जैसे जमीन उपलब्ध होती जाएगी, वैसे-वैसे सड़क निर्माण आगे बढ़ेगा। उद्देश्य यह है कि किसी एक हिस्से की देरी से पूरी परियोजना बाधित न हो। BSRDCL द्वारा मरीन ड्राइव परियोजना के लिए निविदा प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है और कार्य एजेंसी का चयन भी हो चुका है। लेकिन फील्ड में मशीनरी और श्रमिकों की तैनाती जमीन के हस्तांतरण के बाद ही होगी।
फिलहाल सर्वे, माप-जोख, वर्क बाउंड्री और मार्ग निर्धारण का प्रारंभिक खाका तैयार कर लिया गया है। परियोजना शुरू करने के लिए दो महत्वपूर्ण अनुमति—फॉरेस्ट क्लियरेंस और एनवायरमेंट क्लियरेंस—भी अनिवार्य हैं। विभाग ने बताया कि वन विभाग को औपचारिक पत्र भेज दिया गया है और पोर्टल पर तकनीकी आग्रह भी दर्ज कर दिया गया है। पर्यावरण अनुमति के लिए आवश्यक दस्तावेज़ भी जल्द ही जमा किए जाएंगे।
BSRDCL के डीजीएम अभिषेक कुमार ने कहा कि भागलपुर जिला प्रशासन को जमीन अधिग्रहण का प्रपोजल सौंप दिया गया है। अगले 15 दिनों में अधियाचना, जबकि मुंगेर के लिए सात दिनों में प्रपोजल सौंप दिया जाएगा। नक्शा उपलब्ध होने के बाद दोनों हिस्सों में एक साथ काम शुरू करने की योजना पर तेजी से कार्य हो रहा है। फॉरेस्ट क्लियरेंस के लिए भी वन विभाग को पत्र भेजा जा चुका है। गंगा किनारे बनने वाला यह मरीन ड्राइव न सिर्फ भागलपुर और मुंगेर के विकास की तस्वीर बदल देगा, बल्कि पर्यटन और स्थानीय आर्थिक गतिविधियों को भी नई गति देगा।