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27-Nov-2025 02:12 PM
By Viveka Nand
Bihar Transport: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 1 सितंबर 2025 को बड़ा एक्शन लिया था. देश के विभिन्न राज्यों में संचालित पांच स्वचालित वाहन जांच केंद्रों को बंद कर दिया गया था. इनमें तीन केंद्र बिहार के हैं. स्वचालित वाहन जांच केंद्रों तक गाड़ी आये बिना ही फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने की शिकायत मिलने के बाद भारत सरकार ने यह कार्रवाई की थी. साथ ही राज्य सरकारों को आदेश दिया था कि जांच टीम गठित कर वैसे सभी केंद्रों की जाचं कर रिपोर्ट देें. MORTH के पत्र के बाद अभी तक पटना के 1 और दरभंगा और भागलपुर के केंद्र बंद हैं, अब इन स्वचालित वाहन परीक्षण केंद्रों द्वारा जारी प्रमाण पत्रों में हेरफेर की भी जांच होगी.साथ ही गाड़ी सेंटर्स तक आई या नहीं, सीसीटीवी का वीडियो देखा जायेगा. परिवहन विभाग के अपर सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है. हालांकि जांच कमेटी में स्वचालित वाहन जांच केंद्रों की ऑडिट के लिए चिन्हित स्टैंडर्ड एजेंसी को नहीं रखा गया है.
फर्जीवाड़े में बिहार के तीन केंद्र 1 सितंबर 2025 से ही बंद
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वार बिहार के तीन स्वचालित वाहन जांच केंद्र बंद किए गए है. ये हैं M/s B.K. Construction & co., (Bhagalpur) , aviranjan Kumar Raja, (Darbhanga) और पटना के Golden Vahan Fitness Centre (Patna) । मंत्रालय के पत्र के बाद बंद पड़े इन परीक्षण केंद्रों द्वारा वाहनों के पहुंचे बिना ही फिटनेस प्रमाण जारी करने व हेरफेर करने की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है. इस संबंध में परिवहन विभाग की तरफ से 10 अक्टूबर 2025 को ही पत्र जारी किया गया था. कमेटी में परिवहन विभाग के अपर सचिव प्रवीण कुमार को अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि कमेटी में वैसे फिटनेस सेंटर्स के प्रतिनिधि को रखा गया है जो बंद किए गए हैं,. इसके अलावे सहायक परिवहन आयुक्त दिव्य प्रकाश, आईटी मैनेजर और प्रोग्रामर को रखा गया है.
28 तारीख को पटना के एक वाहन फिटनेस जांच केंद्र की होगी जांच
अब बंद पड़े स्वचालित वाहन फिटनेस जांच केंद्रों की जांच शुरू हो रही है. सबसे पहले पटना जिले में संचालित गोल्डेन स्वचालित वाहन फिटनेस जांच केंद्र, जिसे गंभीर आरोप में बंद किया गया था. उसकी जांच होगी. परिवहन विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी ने 21 नवंबर को पटना और गया के जिला परिवहन पदाधिकारी और मोटर यान निरीक्षकों को पत्र लिखकर जांच के दिन उपस्थित रहने को कहा है. परिवहन विभाग के ओएसडी के पत्र में कहा गया है कि पटना के गोल्डेन स्वचालित वाहन फिटनेस जांच केंद्र की जांच के लिए 28 नवंबर की तारीख तय की गई है. विभागीय पत्र में कहा गया है कि इस केंद्र के बारे में शिकायत है कि यहां वाहनों की भौैतिक उपस्थिति के बिना ही प्रमाण पत्र जारी किया गया है. साथ ही प्रमाण पत्र में हेराफेरी की गई है.
उड़ीसा सरकार के परिवहन कमिश्नर ने 2024 में ही की थी शिकायत
बता दें, बिहार में संचालित कई स्वचालित वाहन जांच केंद्रों के बारे में भारत सरकार को शिकायत मिल रही थी. आरोप है कि गाड़ी के फोटो पर ही फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किय़ा जा रहा है. यानि गाड़ी कहीं और फिटनेस प्रमाण पत्र बिहार से बन गया. सीधे शब्दों में समझें तो गाड़ी बिहार से बाहर है और फोटो देखकर ही फिटनेस का प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा था. उड़ीसा सरकार के परिवहन कमिश्नर ने भी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को पत्र लिखकर बिहार के फिटनेस जांच केंद्रों द्वारा किए जा रहे गोरखधंधे का खुलासा किया था. उड़ीसा सरकार ने 2024 में ही इस खेल को पकड़ा था.
कैसे खुलेगी पोल....
बता दें, जाचं टीम अगर संबंधित स्वचालित परीक्षण केंद्रों पर लगे सीसीटीवी कैमरा की रिकार्डिंग खंगाले, तब दूध का दूध और पानी का पानी अलग हो जायेगा. जिस तारीख में राज्य से बाहर की गाड़ियों का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी की गई, अगर उस गाड़ी का वीडियो सीसीटीवी कैमरा में रिकार्ड नहीं, मतलब साफ है कि गाड़ी सेंटर्स तक आई नहीं और फिटनेस प्रमाण पत्र जारी हो गया. सेंटर्स पर मानक के अनुरूप मशीनें हैं या नहीं, कैमरा चालू अवस्था में है या नहीं. जांच टीम अगर पूर्ण रूपेण जांच करे तो सब कुछ स्पष्ट हो जायेगा.