जानकारी के अनुसार जिले में कुल 24 प्रखंड हैं। प्रत्येक प्रखंड में दो-दो आधार सेवा केंद्र खोले जाएंगे। इस तरह जिलेभर में कुल 48 आधार सेवा केंद्र संचालित होंगे। जिला शिक्षा कार्यालय ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों (बीईओ) को पत्र भेजकर निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में ऐसे सरकारी स्कूलों को चिन्हित करें, जहां आधार सेवा केंद्र खोला जा सके। इन स्कूलों में पर्याप्त जगह, बिजली, कमरे और अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हों, ताकि केंद्र के संचालन में कोई दिक्कत न आए।
यह आधार सेवा केंद्र पूरी तरह सरकारी स्कूलों के परिसर में ही खोले जाएंगे। यहां केवल उन्हीं बच्चों का आधार कार्ड बनाया जाएगा या अपडेट किया जाएगा, जो सरकारी विद्यालयों में नामांकित हैं। इसका उद्देश्य यह है कि सरकारी योजनाओं का लाभ सही पात्र छात्रों तक पहुंच सके और शिक्षा विभाग के रिकॉर्ड को भी सटीक बनाया जा सके। अभिभावक अपने बच्चों को लेकर सीधे स्कूल में ही आधार से जुड़ी सेवाएं प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उन्हें प्रखंड या शहर के आधार केंद्रों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
बताया जा रहा है कि इन आधार सेवा केंद्रों को नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत से पहले चालू कर दिया जाएगा। इसके लिए पहले एक माह के भीतर एजेंसी का चयन किया जाएगा। एजेंसी चयन के बाद करीब 60 दिनों के अंदर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) से सभी औपचारिकताएं पूरी कर आधार केंद्र शुरू करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। शिक्षा विभाग का प्रयास है कि सत्र शुरू होने से पहले अधिक से अधिक बच्चों का आधार बन जाए या अपडेट हो जाए।
स्कूलों में आधार सेवा केंद्र खुलने से कई फायदे होंगे। सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि स्कूली बच्चों का आधार कार्ड आसानी से बन सकेगा। अभी कई बच्चों का आधार नहीं बना है या उसमें त्रुटियां हैं, जिसके कारण उन्हें छात्रवृत्ति, पोशाक राशि, साइकिल योजना और अन्य सरकारी लाभों से वंचित होना पड़ता है। आधार को बैंक खाते से जोड़ने पर योजनाओं की राशि सीधे खाते में भेजने में भी आसानी होगी।
इसके अलावा शिक्षा विभाग को भी इससे बड़ी सुविधा मिलेगी। विभाग को बच्चों के आधार की जांच करने, डेटा सत्यापन करने और शिक्षा विभाग के पोर्टल पर नामांकित छात्रों की सही जानकारी दर्ज करने में मदद मिलेगी। फर्जी नामांकन पर भी अंकुश लगेगा और छात्रों का रिकॉर्ड पारदर्शी बनेगा। साथ ही अभिभावकों का समय और पैसा दोनों बचेगा, क्योंकि उन्हें आधार बनवाने के लिए दूर-दराज के केंद्रों पर नहीं जाना पड़ेगा।
कुल मिलाकर जिले के स्कूलों में आधार सेवा केंद्रों की दोबारा शुरुआत शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। इससे न केवल बच्चों को योजनाओं का लाभ समय पर मिलेगा, बल्कि शिक्षा विभाग के कामकाज में भी पारदर्शिता और सुगमता आएगी।