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BIHAR ELECTION : बिहार विधानसभा चुनाव: प्रभारी बनते ही एक्शन मोड में धर्मेंद्र प्रधान, शुक्रवार को पटना में रणनीतिक बैठक

BIHAR ELECTION : , धर्मेंद्र प्रधान शुक्रवार को बिहार दौरे पर रहेंगे और पटना में भाजपा नेताओं की एक अहम बैठक में शामिल होंगे। इस बैठक में वे संगठनात्मक तैयारियों, बूथ स्तर तक की मजबूती और चुनावी रणनीति की समीक्षा करेंगे।

DHARMENDRA PRADHAN

26-Sep-2025 09:06 AM

By First Bihar

BIHAR ELECTION : बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने ही वाला है और राज्य की राजनीति पूरी तरह चुनावी मोड में नजर आ रही है। सभी दल अपनी-अपनी रणनीति बनाने और कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने में जुट गए हैं। इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी अपने संगठनात्मक स्तर पर बड़ी तैयारी शुरू कर दी है। गुरुवार को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पार्टी ने बिहार चुनाव का प्रभारी नियुक्त किया और जिम्मेदारी मिलते ही प्रधान ऐक्शन मोड में आ गए हैं।


पार्टी सूत्रों के मुताबिक, धर्मेंद्र प्रधान शुक्रवार को बिहार दौरे पर रहेंगे और पटना में भाजपा नेताओं की एक अहम बैठक में शामिल होंगे। इस बैठक में वे संगठनात्मक तैयारियों, बूथ स्तर तक की मजबूती और चुनावी रणनीति की समीक्षा करेंगे। बैठक में भाजपा के प्रदेश पदाधिकारी, सांसद, विधायक और संगठन से जुड़े प्रमुख नेता मौजूद रहेंगे। माना जा रहा है कि इस दौरान भाजपा बिहार चुनाव के लिए अगले चरण की स्पष्ट रूपरेखा पेश करेगी।



धर्मेंद्र प्रधान को गुरुवार को ही पार्टी ने बिहार चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है। इससे पहले वे ओडिशा और उत्तर प्रदेश में संगठनात्मक चुनाव प्रबंधन का अनुभव हासिल कर चुके हैं। नई जिम्मेदारी मिलने के बाद उन्होंने दिल्ली में मीडिया से बातचीत की। प्रधान ने कहा, “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हम बीते 20 सालों से बिहार की सत्ता में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहयोग और विजन के साथ और नीतीश कुमार के नेतृत्व में हमें पूरा भरोसा है कि बिहार की जनता हमें एक बार फिर सेवा का मौका देगी।” प्रधान का यह बयान साफ संकेत देता है कि भाजपा पूरी मजबूती के साथ एनडीए गठबंधन के तहत चुनावी मैदान में उतरने जा रही है।


बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनाव में भाजपा नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) यानी जेडीयू के अलावा लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति मंच (आरएलएम) के साथ गठबंधन में लड़ रही है। हालांकि, एनडीए में अभी तक सीटों का बंटवारा तय नहीं हुआ है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि भाजपा और जेडीयू के बीच बराबरी की सीटें बांटने का फार्मूला लगभग तय है, जबकि छोटे दलों को सीमित सीटें मिलेंगी।


गौरतलब है कि बिहार में पिछले दो दशकों से भाजपा और जेडीयू मिलकर सत्ता की धुरी बने हुए हैं। हालांकि बीच में राजनीतिक समीकरण बदलते रहे, लेकिन फिलहाल एनडीए फिर से एकजुट है। यही वजह है कि भाजपा ने चुनाव से पहले ही अपने सबसे भरोसेमंद नेताओं को मोर्चे पर उतार दिया है। भाजपा ने बिहार चुनाव को लेकर केवल धर्मेंद्र प्रधान को प्रभारी बनाने तक ही सीमित नहीं रखा है। पार्टी ने यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और गुजरात प्रदेश अध्यक्ष सी.आर. पाटिल को उप प्रभारी नियुक्त किया है। माना जा रहा है कि इन नेताओं की संगठनात्मक पकड़ और अनुभव का लाभ बिहार चुनाव में मिलेगा।



केशव प्रसाद मौर्य उत्तर प्रदेश की राजनीति और वहां के सामाजिक समीकरणों को भली-भांति समझते हैं। उनका अनुभव बिहार की चुनावी रणनीति में जातीय समीकरणों को साधने में मदद करेगा। वहीं, सी.आर. पाटिल गुजरात में भाजपा संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत बनाने के लिए जाने जाते हैं। उनकी रणनीति का असर बिहार चुनाव में भी देखने को मिल सकता है। पटना में होने वाली बैठक में भाजपा नेताओं के सामने कई अहम मुद्दे होंगे। इनमें बूथ प्रबंधन, सोशल मीडिया और आईटी सेल की सक्रियता, केंद्रीय और राज्य स्तर की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने की रणनीति और विपक्ष के हमलों का जवाब देने की नीति शामिल है। भाजपा का जोर इस बात पर होगा कि नरेंद्र मोदी सरकार की योजनाओं जैसे उज्ज्वला, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री आवास योजना और राज्य में नीतीश सरकार के विकास कार्यों को एक साथ जनता के सामने रखा जाए। पार्टी का मानना है कि केंद्र और राज्य की उपलब्धियों का संयुक्त पैकेज जनता को आकर्षित करेगा।



हालांकि भाजपा और एनडीए गठबंधन आत्मविश्वास से भरा नजर आ रहा है, लेकिन चुनौती कम नहीं है। विपक्ष महागठबंधन भी अपनी पूरी ताकत से चुनावी तैयारी में जुटा है। राजद, कांग्रेस और वाम दल मिलकर एनडीए को कड़ी टक्कर देने का दावा कर रहे हैं। तेजस्वी यादव लगातार रोजगार, शिक्षा और महंगाई जैसे मुद्दों पर सरकार को घेर रहे हैं। ऐसे में भाजपा और एनडीए के लिए यह चुनाव किसी भी तरह आसान नहीं होगा। कुल मिलाकर, धर्मेंद्र प्रधान की नियुक्ति के साथ ही भाजपा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह बिहार चुनाव को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। शुक्रवार को पटना में होने वाली बैठक न केवल भाजपा की रणनीति को मजबूती देगी बल्कि एनडीए के अंदर तालमेल को भी और पुख्ता करेगी। आने वाले दिनों में सीट बंटवारे का फार्मूला तय होने के बाद भाजपा और सहयोगी दल संयुक्त रूप से जनता के बीच उतरेंगे।