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05-Dec-2025 11:32 AM
By First Bihar
बिहार विधानसभा में इस समय एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया पर चर्चा चल रही है। विधानसभा में कई नए विधायक चुनकर आए हैं, और उनके लिए सदन की कार्यवाही, नियमावली और विधायी प्रक्रियाओं को समझना आवश्यक है। इसे ध्यान में रखते हुए, विधानसभा के स्पीकर ने आज सदन में सभी सदस्यों को जानकारी दी कि नए मेंबरों के लिए विशेष ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
स्पीकर ने बताया कि नए विधायकों के लिए यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि वे विधानसभा की कार्यवाही में प्रभावी ढंग से भाग ले सकें और अपनी जिम्मेदारियों को पूरी तरह से समझ सकें। उन्होंने कहा कि सदन की नियमावली काफी विस्तृत है और इसमें विभिन्न प्रकार के नियम और प्रक्रियाएं शामिल हैं। नए सदस्य यदि इसे सही ढंग से नहीं समझेंगे, तो न केवल उनकी कार्य क्षमता प्रभावित होगी, बल्कि विधानसभा की कार्यवाही भी सुचारू रूप से नहीं चल पाएगी।
स्पीकर ने सदस्यों को यह आश्वासन भी दिया कि इस ट्रेनिंग के माध्यम से नए विधायक न केवल नियमावली समझेंगे, बल्कि विधानसभा की व्यवहारिक कार्यप्रणाली और सांसदों के कर्तव्यों के बारे में भी जानकारी प्राप्त करेंगे। ट्रेनिंग कार्यक्रम में सदन की प्रक्रिया, प्रश्नकाल, बजट सत्र, बिल पेश करना और विधायी समितियों में भागीदारी जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल होंगी।
विधानसभा सचिवालय ने बताया कि इस ट्रेनिंग का उद्देश्य नए सदस्यों को नियमों और प्रक्रियाओं की जानकारी देना ही नहीं है, बल्कि उन्हें प्रभावी रूप से विधायी कार्यों में भाग लेने और अपने क्षेत्र के विकास के लिए बेहतर योगदान देने के लिए तैयार करना भी है। इसके तहत सदन में चर्चा के तरीके, डिबेट में भागीदारी, सवाल पूछने की प्रक्रिया और बागी या अनुशासनहीन व्यवहार से बचने के तरीके भी सिखाए जाएंगे।
स्पीकर ने यह भी कहा कि ट्रेनिंग कार्यक्रम केवल नए सदस्यों तक सीमित नहीं होगा। समय-समय पर सभी सदस्यों के लिए रिफ्रेशर कोर्स का आयोजन भी किया जाएगा ताकि वे नवीनतम प्रक्रियाओं और नियमावली में हुए बदलावों से परिचित रह सकें। इसके साथ ही, सदन की कार्यवाही में पारदर्शिता और अनुशासन बनाए रखने में भी यह मदद करेगा।
वहीं, कुछ अनुभवी विधायकों ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि नए सदस्यों को ट्रेनिंग मिलने से विधानसभा की कार्यप्रणाली और भी अधिक प्रभावी हो जाएगी। उन्होंने बताया कि कई बार नए विधायक नियमों की अनजानी वजह से विवादों में फंस जाते हैं या महत्वपूर्ण सवाल नहीं पूछ पाते। ऐसे में ट्रेनिंग उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करेगी।
सदन में यह भी चर्चा हुई कि ट्रेनिंग में सदस्यों को व्यावहारिक अनुभव भी दिया जाएगा। इसमें सत्र के दौरान रोल-प्ले, प्रश्न-उत्तर सत्र और कमिटी कार्य की वास्तविक प्रक्रियाओं को समझाने के लिए अभ्यास शामिल होगा। इससे नए सदस्य अधिक आत्मविश्वास के साथ अपनी जिम्मेदारियों को निभा सकेंगे और विधानसभा में अपनी आवाज को प्रभावी रूप से उठा पाएंगे।
इस ट्रेनिंग की रूपरेखा तैयार करने का कार्य सचिवालय के अंतर्गत एक विशेष टीम करेगी, जो सदन के अनुभवी अधिकारियों और पूर्व विधायकों की मदद से प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार करेगी। यह कार्यक्रम समय पर आयोजित किया जाएगा ताकि नए सदस्य अपने कार्यकाल की शुरुआत में ही पूरी तरह से तैयार हो जाएं।
इस प्रकार, बिहार विधानसभा में नए सदस्यों के लिए ट्रेनिंग का यह कदम न केवल उन्हें नियमावली और प्रक्रियाओं से परिचित कराएगा, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में उनकी भागीदारी को भी मजबूत करेगा। स्पीकर के अनुसार, इससे विधानसभा की कार्यप्रणाली में अनुशासन और प्रभावशीलता भी बढ़ेगी और सभी सदस्यों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों के विकास के लिए बेहतर योगदान देने का अवसर मिलेगा।