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09-Oct-2025 10:56 AM
By First Bihar
Bihar Politics: बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां पूरी गति से चल रही हैं। चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है और इसके मुताबिक अब कल से पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को होना है। ऐसे में अब राजनीतिक दलों के लिए अपने उम्मीदवार तय करना और सीट बंटवारे का फाइनल फैसला करना बेहद जरूरी हो गया है। यदि सीट बंटवारे और उम्मीदवारों के नाम की घोषणा में देरी होती है, तो उम्मीदवारों के पास प्रचार-प्रसार करने का समय सीमित हो जाएगा और इससे वोटों का बिखराव भी देखने को मिल सकता है। यही कारण है कि बिहार की सत्ता में लंबे समय से काबिज जदयू ने अपने वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है।
जदयू की बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर आज आयोजित की गई। इस बैठक में पहले चरण के कई सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों को लेकर मंथन किया जाएगा। बैठक का उद्देश्य यह तय करना है कि जदयू किन सीटों पर चुनाव लड़ेगी और वहां उनके उम्मीदवार कौन होंगे। जदयू के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि पार्टी की सीन पहले से तय है और अपनी सीटों पर किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। इसका मतलब यह है कि जदयू केवल सहयोगी दलों भाजपा के साथ सीटों का बंटवारा करेगी, इसके बाद भाजपा बाकी दल , लोजपा (आर), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (उपेंद्र कुशवाहा)के साथ सीट का बंटवारा करेगी।
बैठक में यह भी देखा जाएगा कि पहले चरण के चुनाव में जदयू के उम्मीदवार किस तरह की तैयारी करेंगे और किस समय तक नामांकन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। सूत्र बताते हैं कि पार्टी 12 अक्टूबर तक अपने उम्मीदवारों के नाम का फाइनल ऐलान कर सकती है। यह समय सीमा इसलिए भी अहम है क्योंकि इससे पहले ही मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह ने 14 अक्टूबर को अपने नामांकन की तारीख तय कर दी है। माना जा रहा है कि इस समय सीमा से पहले जदयू उनके नाम को अपने पहले चरण के उम्मीदवारों की लिस्ट में शामिल कर सकती है।
जदयू की इस रणनीति से स्पष्ट है कि पार्टी अपने उम्मीदवारों को पर्याप्त समय देना चाहती है ताकि वे प्रचार-प्रसार कर सकें और चुनावी तैयारी पूरी कर सकें। इसके साथ ही, इससे सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे का फार्मूला भी साफ हो जाएगा और सभी दल एक स्पष्ट रूपरेखा के तहत चुनावी मैदान में उतरेंगे। यह कदम पार्टी की चुनावी रणनीति को मजबूत करेगा और वोटों के बिखराव की संभावना को कम करेगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि जदयू का यह फोकस कि सीट बंटवारे और उम्मीदवारों की घोषणा समय पर हो, काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि यदि उम्मीदवारों की लिस्ट देर से जारी होती है तो प्रचार के लिए समय कम होगा और इससे पार्टी और गठबंधन दोनों को नुकसान हो सकता है। जदयू अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित कर रही है कि पहले चरण के चुनाव में गठबंधन मजबूत स्थिति में रहे और सभी सीटों पर अच्छे उम्मीदवार उतारे जाएं।
सूत्रों के अनुसार, जदयू के उम्मीदवारों की लिस्ट के फाइनल होने के बाद ही NDA में सीट बंटवारे का फार्मूला आधिकारिक रूप से सामने आएगा। इससे पहले केवल अटकलें और संभावनाएं ही सामने आ रही थीं, लेकिन उम्मीदवारों के नाम फाइनल होते ही गठबंधन में सीटों के बंटवारे का पूरा विवरण भी स्पष्ट हो जाएगा। यह प्रक्रिया न सिर्फ पार्टी के लिए बल्कि गठबंधन के सभी दलों के लिए अहम है ताकि चुनावी रणनीति सही दिशा में आगे बढ़ सके।
जदयू की यह बैठक और रणनीति स्पष्ट संकेत देती है कि पार्टी पहले चरण के चुनाव में पूरी तैयारी के साथ उतरने की योजना बना रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में यह कदम पार्टी को राजनीतिक स्थिरता और चुनावी मजबूती दोनों देगा। इसके साथ ही, सहयोगी दलों के बीच संतुलन बनाए रखना और सभी सीटों पर उम्मीदवारों का सही चयन करना पार्टी की प्राथमिकता है।
अंततः, 12 अक्टूबर तक जदयू के उम्मीदवारों की लिस्ट के फाइनल होने के बाद सभी दलों के लिए चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देना आसान होगा। यह लिस्ट ना केवल पार्टी के उम्मीदवारों को स्पष्टता देगी बल्कि गठबंधन में सीट बंटवारे का फॉर्मूला भी तय कर देगी। पहले चरण के चुनाव में यह पूरी प्रक्रिया चुनावी सफलता के लिए निर्णायक साबित हो सकती है। ऐसे में जदयू की यह बैठक और उम्मीदवारों की फाइनल लिस्ट पार्टी के लिए निर्णायक मोड़ साबित होने जा रही है।
प्रेम राज की रिपोर्ट