बगहा में पुलिस की बड़ी कार्रवाई: धनहा और भितहा में अवैध हथियार बरामद, चार आरोपी गिरफ्तार लोक आस्था का महापर्व छठ: युवा चेतना के सुप्रीमो ने व्रतियों के बीच बांटी साड़ी और सूप, कहा-छठ सामाजिक न्याय का प्रतीक BIHAR NEWS: मोकामा में गंगा नदी फिर बनी मौत का कुंड : छठ पूजा का जल लेने गया किशोर डूबा, पिछले तीन साल में सौ से अधिक लोग गंवा चुके जान Election Commission : चुनाव आयोग आज SIR को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा। देशभर में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की घोषणा, अगले हफ्ते से प्रक्रिया शुरू होगी। Bihar News : गैस सिलेंडर लीक से लगी आग, छठ पूजा की तैयारी कर रही दो महिलाएं समेत तीन लोग झुलसे Bihar Election 2025 : तेजस्वी और राहुल से आगे निकले CM नीतीश कुमार, बढ़ सकती है महागठबंधन की टेंशन; आधी आबादी को लेकर तैयार हुआ ख़ास प्लान Bihar politics scandal : राजद नेता का बार डांसर संग अश्लील वीडियो वायरल, बोले– "सलमान खान भी डांस करते हैं, हमने कौन सा ग़लत किया" Bihar Politics : राहुल गांधी की बिहार से दूरी पर कांग्रेस में असमंजस, जानिए कांग्रेस बना रही कोई नई रणनीति या फिर सच में है नाराजगी का संकेत? Bihar Election 2025 : "मैं भी राजनीति छोड़ दूंगा...” बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह का बड़ा बयान,कहा - नहीं हुआ यह काम तो .... Bihar Assembly Election : बिहार में भी लागू होगा शिंदे फार्मूला ! BJP के प्लान पर CM नीतीश के करीबी नेता का बड़ा खुलासा, जानिए क्या दिया जवाब
12-Sep-2025 09:27 AM
By First Bihar
Bihar Teacher News: बिहार में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। ने पटना हाईकोर्ट कंप्यूटर साइंस विषय में अयोग्य उम्मीदवारों की नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार और शिक्षा विभाग से जवाब-तलब किया है। अदालत ने साफ तौर पर कहा है कि तीन सप्ताह के भीतर विभाग को जवाबी हलफनामा दाखिल कर स्थिति स्पष्ट करनी होगी। यह निर्देश जस्टिस हरीश कुमार की एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं की शिकायतों पर सुनवाई करते हुए दिया।
जानकारी के मुताबिक, मामला विज्ञापन संख्या 26/2023 से जुड़ा है, जिसके तहत कंप्यूटर साइंस विषय के लिए शिक्षकों की बहाली होनी थी। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि इस भर्ती प्रक्रिया में कई ऐसे उम्मीदवारों को भी नियुक्ति पत्र दे दिए गए हैं, जिन्होंने STET (Secondary Teacher Eligibility Test) या TET (Teacher Eligibility Test) तक पास नहीं किया है, जबकि यह अनिवार्य योग्यता थी।
याचिकाकर्ताओं ने यह भी बताया कि इन नियुक्तियों में शिक्षा विभाग की मिलीभगत की आशंका है, क्योंकि अब तक संशोधित मेरिट लिस्ट जारी नहीं की गई है। इससे योग्य अभ्यर्थियों के हक मारे जा रहे हैं। हाईकोर्ट को पूर्व में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) और राज्य सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे का हवाला दिया गया, जिसमें अयोग्य उम्मीदवारों की नियुक्ति को गलत करार दिया गया था। इसके बावजूद नियुक्ति प्रक्रिया पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जो कि विभागीय लापरवाही को दर्शाता है।
इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है, ताकि पूरी स्थिति स्पष्ट की जा सके। अदालत ने टिप्पणी की कि यदि योग्य अभ्यर्थियों के अधिकारों का हनन हुआ है, तो यह गंभीर विषय है, जिस पर शीघ्र संज्ञान लिया जाना चाहिए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि समय पर संतोषजनक जवाब नहीं आया तो सख्त निर्देश जारी किए जा सकते हैं। इस पूरे मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर 2025 को निर्धारित की गई है।
इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर बिहार की शिक्षक बहाली प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पूर्व में भी कई बार नियुक्तियों में अनियमितता के आरोप सामने आ चुके हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर बहुत कम कदम उठाए गए हैं। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अदालत के निर्देशों के बाद सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है।