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                            05-Jun-2025 10:40 AM
By First Bihar
Bihar News: पटना में उच्च जातियों के विकास आयोग ने नीतीश सरकार से मांग की है कि आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण उम्मीदवारों को भी सरकारी नौकरियों में उम्र सीमा में छूट दी जाए। आयोग का मानना है कि सवर्ण गरीबों को भी अन्य पिछड़े वर्गों (SC/ST/OBC) की तरह समान अवसर मिलने चाहिए, ताकि वे सरकारी नौकरियों में प्रतिस्पर्धा कर सकें। यह मांग आयोग की पहली बैठक में उठाई गई, जिसकी अध्यक्षता डॉ. महाचंद्र प्रसाद सिंह ने की।
आयोग ने इस मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए तीन उप-समितियों का गठन किया है। पहली उप-समिति, जिसके संयोजक राजकुमार सिंह हैं, जाति आधारित गणना की रिपोर्ट का विश्लेषण करेगी और सवर्ण गरीबों के लिए उम्र सीमा में छूट की संभावनाओं का आकलन करेगी। दूसरी उप-समिति सवर्ण छात्रों के लिए छात्रावास निर्माण की आवश्यकता पर विचार करेगी, जबकि तीसरी उप-समिति कोचिंग व्यवस्था की जरूरतों का मूल्यांकन करेगी।
बैठक में उपाध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद सहित अन्य सदस्य भी मौजूद थे। आयोग का कहना है कि आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को सरकारी नौकरियों में उम्र सीमा छूट मिलने से उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। वर्तमान में SC/ST उम्मीदवारों को 5 साल और OBC उम्मीदवारों को 3 साल की उम्र सीमा छूट मिलती है, लेकिन EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के लिए ऐसी कोई छूट नहीं है।
यह मांग पहले भी केंद्र सरकार के समक्ष उठ चुकी है, लेकिन 2019 में DoPT ने इसे अस्वीकार कर दिया था, यह तर्क देते हुए कि EWS उम्मीदवारों को पहले से ही 10% आरक्षण का लाभ मिल रहा है। बिहार सरकार इस मांग पर क्या निर्णय लेती है, यह देखना बाकी है। यह कदम सवर्ण गरीबों के लिए अवसर बढ़ाने और सामाजिक समावेश को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण हो सकता है।