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Bihar News: मुख्यमंत्री उद्यमी योजना में घोटाले की आहट, ऋण न लौटाने वालों पर अब सरकार करेगी कड़ी कार्रवाई

Bihar News: बिहार की मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत ऋण लेकर किस्त न चुकाने वाले 400 उद्यमियों पर सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है. उद्योग विभाग ने नोटिस जारी कर 17.94 करोड़ की वसूली प्रक्रिया तेज कर दी है.

Bihar News

01-May-2025 10:11 AM

By First Bihar

Bihar News: बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत उद्योग लगाने के लिए ऋण लेने वाले उद्यमियों के खिलाफ अब सरकार सख्त हो गई है। उद्योग विभाग ने समय पर ऋण नहीं चुकाने वाले उद्यमियों पर शिकंजा कसते हुए 300 से अधिक उद्यमियों को नोटिस भेजा है, जबकि 50 से ज्यादा के खिलाफ सर्टिफिकेट केस दर्ज करने की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है।


उद्योग विभाग के अनुसार, 400 उद्यमियों ने ऋण लेने के बाद एक बार भी किस्त जमा नहीं की है। विभाग को इन सभी से 17.94 करोड़ रुपए की वसूली करनी है। यह ऋण वर्ष 2018-19 और उसके बाद के वित्तीय वर्षों में वितरित किए गए थे। इन उद्यमियों को 7 वर्षों में 84 किस्तों में ऋण चुकाने का मौका दिया गया था, लेकिन बड़ी संख्या में लाभार्थियों ने इसकी अवहेलना की।


मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत युवाओं और ग्रामीण उद्यमियों को ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाता है, जिसमें 50% अनुदान (सब्सिडी) का भी प्रावधान है। बावजूद इसके कई उद्यमियों ने ऋण राशि लौटाने में कोई रुचि नहीं दिखाई। विभाग के अनुसार, ऋण की वसूली अब 12% ब्याज दर के साथ की जाएगी और पीडीआर (Public Demand Recovery) अधिनियम के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।


उद्योग विभाग ने इन उद्यमियों को समय-समय पर किश्त जमा करने और रसीद कार्यालय में जमा करने के निर्देश दिए थे। अब विभाग घर-घर जाकर वसूली अभियान चलाने की तैयारी में है। सबसे पहले उन लाभार्थियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जो सबसे ज्यादा समय से बकाया रखे हुए हैं।


यह योजना आईटी बिजनेस सेंटर, वेब सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, रेडीमेड गारमेंट्स, चमड़ा उद्योग, फर्नीचर निर्माण जैसे विविध लघु उद्योगों को स्थापित करने के लिए चलाई जा रही है। ऋण के पहले किश्त में लाभार्थी को शेड निर्माण या संसाधन जुटाने के लिए राशि दी जाती है।


स्नेहा, महाप्रबंधक, उद्योग विभाग, वैशाली ने बताया, "राज्य सरकार की योजना है कि योजनाओं का लाभ सही उद्यमियों को मिले और सरकारी राशि की वसूली सुनिश्चित हो। जिन उद्यमियों ने नियमों का उल्लंघन किया है, उनके खिलाफ विभागीय निर्देशों के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जा रही है।" विभाग अब बकायेदारों की सूची तैयार कर रहा है और प्रत्येक जिले में मॉनिटरिंग कमिटी गठित की गई है ताकि स्थानीय स्तर पर निगरानी तेज की जा सके।