ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद को लेकर खूनी संघर्ष, दबंगों ने पीट-पीटकर की युवक की हत्या Bihar Crime News: ‘यादवों के खिलाफ बोला तो गोली मार दूंगा’, बीजेपी सांसद रवि किशन को जान से मारने की धमकी Bihar Crime News: ‘यादवों के खिलाफ बोला तो गोली मार दूंगा’, बीजेपी सांसद रवि किशन को जान से मारने की धमकी Bihar Politics: बारिश और खराब मौसम के बीच भी RJD प्रत्याशी रामबाबू सिंह का तूफानी जनसंपर्क, क्षेत्र की जनता ने किया भव्य स्वागत Bihar Politics: बारिश और खराब मौसम के बीच भी RJD प्रत्याशी रामबाबू सिंह का तूफानी जनसंपर्क, क्षेत्र की जनता ने किया भव्य स्वागत Bihar Election 2025: चुनाव प्रचार नहीं कर सकेंगे रीतलाल यादव, पटना हाई कोर्ट से लगा बड़ा झटका Bihar Election 2025: चुनाव प्रचार नहीं कर सकेंगे रीतलाल यादव, पटना हाई कोर्ट से लगा बड़ा झटका Bihar Politics: ‘बिहार एनडीए के साथ, विपक्ष का मैनिफेस्टो आईवॉश’, रोहित सिंह का तेजस्वी पर हमला Bihar Politics: ‘बिहार एनडीए के साथ, विपक्ष का मैनिफेस्टो आईवॉश’, रोहित सिंह का तेजस्वी पर हमला Dharmendra Health: बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार धर्मेंद्र की तबीयत बिगड़ी, ब्रीच कैंडी अस्पताल में हुए भर्ती

Bihar News: इंडो-नेपाल बॉर्डर सड़क परियोजना का 80 प्रतिशत से अधिक काम हुआ पूरा, बिहार के कई जिलों के लोगों को होगा लाभ

Bihar News

13-May-2025 05:27 PM

By FIRST BIHAR

Bihar News: बिहार में भारत-नेपाल सीमा से सटे सात जिलों को जोड़ने वाली बहुप्रतीक्षित इंडो-नेपाल बॉर्डर सड़क परियोजना का कार्य अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। परियोजना अंतर्गत 80 प्रतिशत से अधिक निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है।


पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि इंडो-नेपाल बॉर्डर सड़क परियोजना के तहत कुल 554 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया जाना है, जिसमें से अब तक 450 किलोमीटर से अधिक सड़क निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। निर्माण कार्य की वर्तमान प्रगति को देखते हुए सड़क को इस साल दिसंबर तक पूर्ण कर आम जनता को समर्पित करने का लक्ष्य तय किया गया है।


इस सड़क से लोगों को मिलेगा फायदा

मंत्री ने कहा कि पश्चिम चंपारण के मदनपुर से शुरू होकर किशनगंज के गलगलिया होते हुए सिलीगुड़ी तक जाने वाली इस महत्वपूर्ण केंद्रीय परियोजना का निर्माण 2486.22 करोड़ की लागत से किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, परियोजना के अंतर्गत भूमि अधिग्रहण और 131 पुल/पुलियों के निर्माण हेतु राज्य सरकार की ओर से लगभग 3300 करोड़ की राशि खर्च की जा रही है। यह सड़क पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जैसे सीमावर्ती जिलों को आपस में जोड़ेगी। इसके बन जाने से सीमावर्ती क्षेत्र के लाखों लोगों को व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और कृषि उत्पादों के निर्बाध आवागमन के लिए एक सुगम, सुरक्षित और सीधा संपर्क मार्ग उपलब्ध होगा।


2010 में शुरू हुई थी योजना

विदित हो कि यह योजना वर्ष 2010 में शुरू की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य सीमा सुरक्षा बल की चौकियों को सड़क मार्ग से जोड़ना और सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण स्थापित करना था। भारत-नेपाल की कुल 729 किलोमीटर लंबी सीमा में से बिहार की 554 किलोमीटर सीमा इस सड़क परियोजना के दायरे में आती है। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार को मिलाकर इस मार्ग की कुल लंबाई 1372 किलोमीटर होगी।


मंत्री ने कहा कि "यह सड़क सीमा सुरक्षा बल की चौकियों तक तेज और सुरक्षित पहुंच सुनिश्चित करेगी। यह सड़क अवैध घुसपैठ और तस्करी जैसी गतिविधियों पर सख्त नियंत्रण का माध्यम बनेगी। साथ ही सीमावर्ती गांवों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ते हुए किसानों और स्थानीय निवासियों के लिए निर्बाध परिवहन सुविधा उपलब्ध कराएगी।"