Bihar Crime News: बिहार में बाइक सवार बदमाशों ने बाजार में की ताबड़तोड़ फायरिंग, गोलीबारी से दहला इलाका; दो गुटों की रंजिश में चली गोलियां Tej Pratap Yadav: बिहार चुनाव में हार के बावजूद नहीं टूटे तेज प्रताप यादव के हौसले, यूपी और बंगाल के चुनावी रण में उतरने का किया एलान Tej Pratap Yadav: बिहार चुनाव में हार के बावजूद नहीं टूटे तेज प्रताप यादव के हौसले, यूपी और बंगाल के चुनावी रण में उतरने का किया एलान मोतिहारी: दुष्कर्म के आरोपित कैदी ने हाजत में की आत्महत्या, लुंगी से फांसी लगाकर दी जान जमीन संबंधी शिकायतें सुनने के दौरान सीओ और राजस्व कर्मचारी पर भड़के विजय सिन्हा, कहा..अगली बार थरथराने का मौका नहीं देंगे Indigo GST Notice: संकट के बीच इंडिगो के सामने एक और बड़ी मुसीबत, GST विभाग ने भेजा 58 करोड़ का नोटिस Indigo GST Notice: संकट के बीच इंडिगो के सामने एक और बड़ी मुसीबत, GST विभाग ने भेजा 58 करोड़ का नोटिस उज्जैन के महाकाल मंदिर की तर्ज पर मुजफ्फरपुर में नई पहल: बाबा गरीबनाथ धाम में चढ़े फूलों से बनेंगी अगरबत्ती-धूप Bihar Politics: बिहार चुनाव में हार के बाद गायब मुकेश सहनी आखिरकार सामने आए, पटना पहुंचते ही दे दिया बड़ा बयान Bihar Politics: बिहार चुनाव में हार के बाद गायब मुकेश सहनी आखिरकार सामने आए, पटना पहुंचते ही दे दिया बड़ा बयान
11-Dec-2025 07:15 AM
By First Bihar
Bihar Coaching Policy : बिहार में अब कोचिंग संस्थानों पर सख्ती के साथ नई व्यवस्था लागू होने जा रही है। शिक्षा विभाग नए साल यानी 2025 के अंतिम सप्ताह तक कोचिंग नीति में संशोधन पूरा कर इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजने की तैयारी कर चुका है। माना जा रहा है कि अगले शैक्षणिक सत्र 2026-27, जिसकी शुरुआत अप्रैल 2026 से होगी, में यह नई नीति पूरे राज्य में लागू हो जाएगी। इस नीति का उद्देश्य कोचिंग संस्थानों को नियमन में लाना, पारदर्शिता बढ़ाना और छात्रों व अभिभावकों के लिए एक सुरक्षित एवं उचित वातावरण सुनिश्चित करना है।
शिक्षा विभाग ने पहले इस नई कोचिंग नीति को चालू शैक्षणिक सत्र 2025-26 से ही लागू करने की योजना बनाई थी। लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव के कारण यह प्रस्ताव कैबिनेट में लंबित रह गया। प्रस्ताव भेजा तो गया, मगर कुछ बिंदुओं पर संशोधन की जरूरत बताकर इसे वापस कर दिया गया। इसके बाद शिक्षा विभाग ने तेजी से बदलाव करते हुए मसौदा तैयार कर लिया है। अब अंतिम निर्णय के लिए इस नीति को राज्य स्तरीय सक्षम प्राधिकार की सहमति के बाद दोबारा कैबिनेट के पास भेजा जाएगा।
नीति में किए जा रहे संशोधनों का उद्देश्य इसे अधिक कठोर, पारदर्शी और छात्र हित में प्रभावी बनाना है, ताकि कोचिंग सेक्टर में फैली अव्यवस्था, मनमानी फीस और बिना अनुमति चलने वाले संस्थानों पर रोक लगाई जा सके।
संशोधित मसौदे में सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तन यह है कि कोई भी सरकारी शिक्षक अब किसी भी निजी कोचिंग संस्थान में पढ़ाने की अनुमति नहीं रखेगा। यदि किसी सरकारी शिक्षक के कोचिंग में पढ़ाने की शिकायत मिलती है और साक्ष्य उपलब्ध होता है, तो शिक्षा विभाग उस पर विभागीय कार्रवाई करेगा।
यह प्रावधान पुरानी नियमावली में स्पष्ट रूप से नहीं था, जिस कारण बड़ी संख्या में सरकारी शिक्षकों के कोचिंग संस्थानों में पढ़ाने के मामले सामने आते थे। इससे न केवल शिक्षण व्यवस्था प्रभावित होती थी, बल्कि सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठता था।
नई नीति में यह भी उल्लेख है कि किसी सरकारी स्कूल या शिक्षण संस्थान के ठीक पास में कोई कोचिंग संचालित नहीं किया जाएगा। इससे छात्रों को आकर्षित करने के लिए स्कूल समय में कोचिंग चलाने और सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग पर रोक लगेगी।
नई कोचिंग नीति में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि स्कूल संचालन के समय कोचिंग क्लास नहीं चलेंगी। कई जिलों में शिकायत मिलती थी कि सुबह या दोपहर में स्कूल के समय कोचिंग संस्थान अपनी कक्षाएं चलाते हैं, जिससे छात्रों की उपस्थिति प्रभावित होती है। अब ऐसे कोचिंग पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कोचिंग संस्थानों को अब जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी से अनुमति लेनी होगी। यह कमेटी कोचिंग संस्थान की पात्रता, स्थान, सुरक्षा, बुनियादी सुविधाओं और शिक्षण व्यवस्था का आकलन करेगी।
निबंधन के समय ही कोचिंग संचालकों को सभी कोर्स की फीस संरचना की विस्तृत जानकारी देनी होगी। यह जानकारी सार्वजनिक भी करनी अनिवार्य होगी।
शिक्षा विभाग का लक्ष्य है कि फीस में पारदर्शिता हो और छात्रों से मनमानी राशि वसूलने की शिकायतें समाप्त हों।
नई कोचिंग नीति के अनुसार:
हर कोचिंग संस्थान को अपनी निर्धारित फीस नोटिस बोर्ड और वेबसाइट/सोशल मीडिया पर सार्वजनिक करनी होगी।
यदि अनाप-शनाप फीस लेने की शिकायत मिलती है, तो जिला कमेटी जांच करेगी।
दोषी पाए जाने पर कोचिंग पर जुर्माना, निबंधन रद्द या आपराधिक कार्रवाई भी की जा सकती है।
बिहार में बड़ी संख्या में कोचिंग बिना अनुमति के चल रही हैं। नई नीति में ऐसे संस्थानों के खिलाफ सख्त प्रावधान किए गए हैं। बिना निबंधन कोचिंग चलाने वालों पर सीधी कार्रवाई होगी। निबंधन के समय किए गए दावों—सुविधा, शिक्षकों की संख्या, फीस, क्लास टाइम—का पालन नहीं करने पर निबंधन रद्द किया जा सकेगा।
नई नीति के तहत जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग और सक्षम प्राधिकार की टीम समय-समय पर कोचिंग संस्थानों की रैंडम जांच करेगी।
इन जांचों में सुरक्षा मानक, बैठने की क्षमता, भवन की स्थिति, सीसीटीवी, अग्निशमन व्यवस्था और शिक्षकों की योग्यता की जांच की जाएगी।
नई कोचिंग नीति का व्यापक उद्देश्य
बिहार की इस नई कोचिंग नीति का मुख्य मकसद छात्रों के हितों की रक्षा करना, कोचिंग सेक्टर में सुव्यवस्था लाना और शिक्षा व्यवस्था को अधिक सुदृढ़ करना है। सरकार चाहती है कि राज्य में कोचिंग केवल व्यापार न रहकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का केंद्र बने। अप्रैल 2026 से लागू होते ही यह नीति कोचिंग संस्थानों के लिए एक नया ढांचा स्थापित करेगी और छात्रों व अभिभावकों को एक सुरक्षित, पारदर्शी और भरोसेमंद व्यवस्था प्रदान करेगी।