शराबबंदी वाले बिहार में शराब की बड़ी खेप बरामद, शराब तस्कर महेश राय गिरफ्तार वैशाली से बड़ी खबर: दलान से घर लौट रहे बुजुर्ग को मारी गोली SAHARSA: ई-रिक्शा को ट्रक ने मारी टक्कर, पलटने से महिला की मौत; शादी समारोह में शामिल होने जा रही थी मृतका ARRAH: कोइलवर में डेंगू-मलेरिया से बचाव के लिए अनोखी पहल, उद्योगपति अजय सिंह और देवनारायण ब्रह्मचारी जी महाराज रहे मौजूद जब नीतीश के गांव में जाने की नहीं मिली इजाजत, तब बिहारशरीफ में गरजे प्रशांत किशोर, कहा..आज भ्रष्टाचार की कलई खुल जाती Ara News: बीरमपुर क्रिकेट टूर्नामेंट (सीजन 7) का भव्य समापन, बीजेपी नेता अजय सिंह ने विजेता टीम को किया सम्मानित Ara News: बीरमपुर क्रिकेट टूर्नामेंट (सीजन 7) का भव्य समापन, बीजेपी नेता अजय सिंह ने विजेता टीम को किया सम्मानित BIHAR: कार साइड लगाने को लेकर बारात में बवाल, दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट-फायरिंग Life Style: पिंक सॉल्ट सफेद नमक से कैसे है अलग, शरीर के लिए कौन है अधिक फायदेमंद? Bihar School News: कैसे पढ़-लिखकर होशियार बनेंगे बिहार के बच्चे? हेडमास्टर ने नदी में फेंक दी किताबें
18-May-2025 01:41 PM
By First Bihar
Bihar News: बिहार सरकार ने राज्य के सरकारी विद्यालयों में जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत वर्षा जल संचय संरचनाओं के निर्माण पर 15 करोड़ 80 लाख रुपये खर्च करेगी। इस परियोजना के पहले चरण में कुल 1,976 विद्यालयों का चयन किया गया है, जहाँ जून से जुलाई 2025 तक वर्षा जल संचय संरचनाओं का निर्माण कराया जाएगा।
वित्त विभाग ने इस परियोजना हेतु राशि को स्वीकृति प्रदान कर दी है। चयनित विद्यालयों में भूमिगत जल स्तर को संतुलित रखने के उद्देश्य से वर्षा जल को संचित करने की व्यवस्था की जाएगी। इस संरचना से वर्षा का पानी ज़मीन में समाहित होकर भूजल स्तर को बनाए रखने में मदद करेगा। शिक्षा विभाग के अनुसार, 375 विद्यालयों के लिए 3 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है, जिसमें से 1.32 करोड़ रुपये की राशि तत्काल जारी कर दी गई है।
इस परियोजना की निगरानी जिला स्तर पर की जाएगी। प्रत्येक विद्यालय को संरचना निर्माण के लिए 80,000 रुपये प्रति स्कूल का बजट दिया गया है, जो बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा आवंटित किया गया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई हालिया बैठक में यह निर्णय लिया गया कि वर्ष 2025 से 2030 के बीच राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों में वर्षा जल संचय संरचना का निर्माण कराया जाएगा। इसका उद्देश्य विद्यालयों को पर्यावरणीय रूप से सशक्त बनाना और जल संकट की संभावनाओं को कम करना है।