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bihar school time table : बिहार के सभी सरकारी स्कूलों की बदली समय सारणी, अब सुबह इस समय से शाम 4 बजे तक चलेगा स्कूल

बिहार शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी सरकारी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए संशोधित मॉडल समय सारणी जारी की है। नई व्यवस्था के तहत अब सभी स्कूल सुबह 9:30 बजे से शाम 4:00 बजे तक संचालित होंगे।

bihar school time table : बिहार के सभी सरकारी स्कूलों की बदली समय सारणी, अब सुबह इस समय से शाम 4 बजे तक चलेगा स्कूल

13-Dec-2025 06:50 AM

By First Bihar

bihar school time table : बिहार के सभी सरकारी प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए शिक्षा विभाग ने संशोधित मॉडल समय सारणी जारी कर दी है। इस नई व्यवस्था के तहत राज्य के सभी सरकारी स्कूल—चाहे वे सामान्य विद्यालय हों, संस्कृत विद्यालय हों या उर्दू विद्यालय—अब एक समान समय सारणी के अनुसार संचालित होंगे। यह संशोधित मॉडल समय सारणी माध्यमिक शिक्षा निदेशक सज्जन आर. के हस्ताक्षर से शुक्रवार को जारी की गई है, जिसे तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।


संशोधित समय सारणी के अनुसार अब सभी विद्यालय सुबह 9:30 बजे से शाम 4:00 बजे तक चलेंगे। विद्यालय की पहली घंटी सुबह 10:00 बजे से शुरू होगी, जबकि 4:00 बजे छुट्टी कर दी जाएगी। सुबह 9:30 से 10:00 बजे तक का समय प्रार्थना एवं अन्य शैक्षणिक–सह–सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए निर्धारित किया गया है। इस दौरान छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के साथ-साथ उनके गेटअप, पोशाक, बाल और नाखून की भी जांच की जाएगी, ताकि अनुशासन और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा सके।


घंटी व्यवस्था की बात करें तो पहली घंटी 10:00 से 10:40 बजे तक चलेगी। इसके बाद दूसरी घंटी 10:40 से 11:20 बजे तक, तीसरी घंटी 11:20 से 12:00 बजे तक निर्धारित की गई है। दोपहर 12:00 बजे से 12:40 बजे तक 40 मिनट का मध्यांतर रहेगा। इसी मध्यांतर के दौरान बच्चों को मध्याह्न भोजन (मिड-डे मील) परोसा जाएगा। विभाग ने स्पष्ट किया है कि भोजन की गुणवत्ता, समयबद्धता और बच्चों की सहभागिता पर विशेष नजर रखी जाएगी।


मध्यांतर के बाद चौथी घंटी 12:40 से 1:20 बजे तक, पांचवीं घंटी 1:20 से 2:00 बजे तक, छठी घंटी 2:00 से 2:40 बजे तक, सातवीं घंटी 2:40 से 3:20 बजे तक और आठवीं व अंतिम घंटी 3:20 से 4:00 बजे तक चलेगी। इसके बाद 4:00 बजे विद्यालय की छुट्टी कर दी जाएगी।


संशोधित मॉडल समय सारणी में पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारने पर विशेष जोर दिया गया है। निर्देश के अनुसार प्रतिदिन छात्रों को गृह कार्य दिया जाएगा और अगले दिन उसकी जांच अनिवार्य रूप से की जाएगी। गृह कार्य की जांच सुनिश्चित करना संबंधित विषय शिक्षक की जिम्मेदारी होगी। वहीं, प्रधानाध्यापक को यह जवाबदेही दी गई है कि वे विद्यालय के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार समयबद्ध शैक्षणिक योजना तैयार करें और उसका सख्ती से पालन कराएं।


शिक्षा विभाग ने यह भी निर्देश दिया है कि कमजोर विद्यार्थियों को कक्षा में आगे की पंक्ति में बैठाया जाए, ताकि शिक्षकों का उन पर विशेष ध्यान रहे और उनकी शैक्षणिक समस्याओं का समय रहते समाधान किया जा सके। इसका उद्देश्य ड्रॉपआउट दर को कम करना और सभी छात्रों को समान सीखने का अवसर देना है।


नई समय सारणी में सह-शैक्षणिक गतिविधियों को भी महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थियों के लिए खेलकूद, संगीत और पेंटिंग की कम से कम एक घंटा की गतिविधि अनिवार्य की गई है। ये गतिविधियां अलग-अलग कक्षाओं के लिए अलग-अलग समय पर आयोजित होंगी, ताकि पढ़ाई और रचनात्मक विकास के बीच संतुलन बना रहे। विभाग का मानना है कि इससे बच्चों के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा मिलेगा।


इसके अलावा, यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी शिक्षक के अवकाश पर रहने की स्थिति में भी किसी कक्षा की पढ़ाई बाधित नहीं होनी चाहिए। इसके लिए विद्यालय स्तर पर वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, शनिवार को पूरे दिन गैर-शैक्षणिक गतिविधियों के लिए आरक्षित किया गया है। इन गतिविधियों में बाल संसद, खेलकूद, चित्रकला, सांस्कृतिक कार्यक्रम और अन्य रचनात्मक कार्यक्रम शामिल होंगे।


कुल मिलाकर, शिक्षा विभाग की यह संशोधित मॉडल समय सारणी विद्यालयों में अनुशासन, गुणवत्ता और समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। उम्मीद की जा रही है कि इसके प्रभावी क्रियान्वयन से बिहार के सरकारी विद्यालयों में शिक्षा का स्तर बेहतर होगा और विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित किया जा सकेगा।