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24-Mar-2025 10:13 AM
Bihar Bullet Train : बिहार में जल्द ही 350 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से बुलेट ट्रेन दौड़ने वाली है। यह ट्रेन वाराणसी-पटना-हावड़ा हाई स्पीड रेल कॉरिडोर का हिस्सा होगी, जिसके तहत बिहार के पांच जिलों पटना, बक्सर, आरा, जहानाबाद और गया में 260 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड ट्रैक बनाया जाएगा। इस परियोजना से बिहार में कनेक्टिविटी बेहतर होगी, यात्रा का समय कम होगा और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
परियोजना का विवरण
नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) इस परियोजना को दो चरणों में पूरा करेगा। पहले चरण में वाराणसी (पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन), बक्सर, आरा, पटना और गया से हावड़ा तक ट्रैक बनेगा। दूसरे चरण में दिल्ली से वाराणसी तक ट्रैक का निर्माण होगा। इस कॉरिडोर की कुल लंबाई 799.293 किलोमीटर होगी, जो चार राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के 18 जिलों के 739 गांवों से होकर गुजरेगी। बिहार में यह ट्रेन 350 किमी/घंटा की रफ्तार से चलेगी, जिससे वाराणसी से हावड़ा का सफर साढ़े तीन से चार घंटे में पूरा हो जाएगा।
बता दें कि पटना जिले में 60.9 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड ट्रैक बनेगा, जिसके लिए 135.06 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी। पटना के 58 गांवों को इसके लिए चिन्हित किया गया है। भोजपुर जिले के बकरी और जलपुरा गांवों से भी यह ट्रेन गुजरेगी। NHSRCL ने भोजपुर में सामाजिक और आर्थिक सर्वे शुरू कर दिया है, और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी चल रही है।
स्टेशन और चरण
पहला चरण: बक्सर, पटना और गया में स्टेशन बनेंगे। पटना में स्टेशन फुलवारी शरीफ के पास AIIMS के पीछे प्रस्तावित है।
दूसरा चरण: आरा (उदवंतनगर) और जहानाबाद में स्टेशन बनाए जाएंगे।
मुआवजे का प्रावधान
जमीन अधिग्रहण के लिए मुआवजे की दरें तय की गई हैं:
ग्रामीण क्षेत्रों के भूमि मालिकों को सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा।
शहरी क्षेत्रों के भूमि मालिकों को सर्किल रेट से दोगुना मुआवजा।
यह मुआवजा नीति प्रभावित किसानों और निवासियों के लिए राहत लेकर आएगी, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह राशि उनकी आजीविका को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए पर्याप्त होगी? बिहार में जमीन से जुड़े विवाद अक्सर संवेदनशील ही रहे हैं, और इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और उचित पुनर्वास की जरूरत होगी।
बुलेट ट्रेन की खासियतें
यह ट्रेन जापानी तकनीक पर आधारित होगी और इसमें कई आधुनिक सुविधाएं होंगी:
स्वचालित दरवाजे और आरामदायक सीटें।
सभी बोगियों में सीसीटीवी कैमरे।
मोबाइल चार्जिंग पॉइंट्स।
वंदे भारत की तर्ज पर लजीज खाना।
ऑप्टिकल फाइबर केबल्स से लैस हाई-स्पीड टेलीकम्युनिकेशन सिस्टम, जो रियल-टाइम अपडेट्स देगा।
प्रोजेक्ट की प्रगति
NHSRCL ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने का निर्देश दिया है, जो अगस्त 2025 तक तैयार हो जाएगी। इसके लिए जल्द ही एक एजेंसी का चयन किया जाएगा। सर्वे और मिट्टी परीक्षण का काम शुरू हो चुका है, और 2025 से जमीन अधिग्रहण का काम तेज होने की उम्मीद है। हालांकि, कुछ स्रोतों के अनुसार, इस प्रोजेक्ट का निर्माण 2031 से शुरू हो सकता है।