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22-Feb-2025 09:03 AM
By First Bihar
Bihar Police : बिहार में सिपाही बहाली के नाम पर ठगी का एक मामला सामने आया है। इसके बाद अब इसको लेकर काफी चर्चा हो रही है कि आखिर यह ठगी हुई कैसे और किसके साथ की गई। तो आइए जानते हैं कि यह ठगी कब,कहां और कैसे हुई और किस तरह ठगी गिरोह के चक्कर में एक पुलिस का जवान आ गया और फिर उसके बाद क्या हुआ ?
दरअसल, विशेष सशस्त्र पुलिस बल (बीसैप-12) भीमनगर सुपौल का सिपाही सचिन कुमार पासवान बिहार पुलिस में सिपाही बहाली के नाम पर लोगों से लाखों की ठगी कर रहा था। इस मामले का सच उस समय सामने आया जब इसने उसने पटना जिला पुलिस बल के सिपाही रविन्द्र कुमार से भी 44 लाख रुपये से अधिक की ठगी कर ली।
इसके बाद इस मामले में पीड़ित सिपाही के आवेदन पर आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जांच में कई और लोगों से राशि ठगे जाने का मामला प्रकाश में आया है। इसको लेकर दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, पटना जिला बल के सिपाही-2907 रविन्द्र कुमार ने बताया कि बीसैप सिपाही सचिन कुमार पासवान ने दोस्ती का हवाला देते हुए कसम खाकर विश्वास दिलाया कि वह उसके भाई, साला और अन्य रिश्तेदारों को सिपाही की नौकरी दिलवा देगा, मगर इसके एवज में पैसे देने पड़ेंगे।
इसके बाद सिपाही रविन्द्र कुमार ने सचिन की दोस्ती पर विश्वास कर उसने धीरे-धीरे पैसे देने शुरू कर दिए। उसने बताया कि 1 मई, 2023 से 31 अगस्त, 2023 के बीच विभिन्न तिथियों में बीसैप सिपाही सचिन ने सिपाही बहाली के नाम पर 44 लाख 6 हजार 500 रुपये ले लिए। रविन्द्र कुमार ने बताया कि पैसे देने के बाद भी किसी तरह की कोई बहाली नहीं कराई गई और न ही राशि वापस लौटाई। पैसे वापस मांगने पर सचिन टालमटोल करने लगा।
बताया जा रहा है कि, बीसैप सिपाही सचिन मूल रूप से खगड़िया के महेशखूट का रहने वाला है। उसकी सिपाही संख्या 294 है। उसका खाता पहले सहरसा में था जो अब फारबिसगंज में स्थानांतरित हो गया है। इस खाते में न केवल सिपाही रविन्द्र बल्कि कई अन्य लोगों ने भी मोटी राशि अलग-अलग तारीखों में जमा कराई है।
इसमें दिलीप कुमार, दीपक कुमार, इरफान खान, अनुज कुमार के भी नाम शामिल हैं, जिन्होंने बीसैप सिपाही के खाते में 30 हजार से लेकर 1 लाख के बीच राशि जमा कराई है। इधर ईओयू के जांचकर्ता पुलिस इंस्पेक्टर देव नारायण पाठक ने जांच में सचिन कुमार पासवान को दोषी मानते हुए प्राथमिकी दर्ज की है। इस मामले की अग्रतर जांच की जिम्मेदारी इंस्पेक्टर निर्मल कुमार को सौंपी गई है।