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25-Nov-2025 02:25 PM
By First Bihar
नवादा जिले में एनएच-20 पर हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। इस हादसे में औरंगाबाद जिले में तैनात सिपाही राकेश कुमार (34 वर्ष) की तेज रफ्तार कार की टक्कर से मौत हो गई। राकेश कुमार नवादा जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के खरांट गांव के निवासी थे। उनके पिता जगदीश यादव ने बताया कि राकेश अपने फर्ज के प्रति समर्पित, मेहनती और शांत स्वभाव के पुलिसकर्मी थे। उनकी असामयिक मौत ने न सिर्फ परिवार को तोड़ा है, बल्कि पुलिस विभाग में भी शोक की लहर दौड़ा दी है।
घटना के अनुसार, सोमवार को राकेश कुमार अपने गांव से नवादा की ओर बाइक से जा रहे थे। जैसे ही वे पकड़िया मोड़ के पास पहुंचे, सामने से आ रही तेज रफ्तार कार ने उन्हें जोरदार टक्कर मारी। टक्कर इतनी भीषण थी कि राकेश सड़क पर दूर तक जा गिरे और गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों ने तुरंत उन्हें नवादा सदर अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल के डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज के बाद उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें पटना के पीएमसीएच रेफर कर दिया। हालांकि, परिजन उन्हें एक निजी मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल ले गए, लेकिन देर रात उनकी मौत हो गई।
राकेश के पीछे तीन छोटे बच्चे, पत्नी और परिजन हैं, जिन पर यह हादसा किसी पहाड़ के टूटने के समान गहरा प्रभाव छोड़ गया। उनका घर, गांव और पुलिस बल पूरी तरह शोक में डूब गया। उनके बच्चों, पत्नी और माता-पिता के विलाप से पूरा घर गूंज उठा।
हादसे के बाद पुलिस की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और मृतक के परिजनों की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम सदर अस्पताल में कराया गया। मुफस्सिल थाना प्रभारी संजीत कुमार ने बताया कि हादसे में शामिल कार को जब्त कर लिया गया है और परिजनों के बयान पर यातायात थाना में एफआईआर दर्ज की जाएगी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि NH-20 पर लगातार तेज रफ्तार और लापरवाही के कारण हादसे हो रहे हैं। यह हादसा इस बात का सबूत है कि सड़क सुरक्षा पर गंभीर कदम उठाना कितना जरूरी है। राकेश कुमार जैसे समर्पित और कर्मठ पुलिसकर्मी का अचानक जाना न सिर्फ उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे पुलिस विभाग के लिए अपूरणीय क्षति है।
गांव के लोग बताते हैं कि राकेश अपने परिवार और गांव के लिए हमेशा मददगार और जिम्मेदार रहे। उनके जाने से गांव में शोक का माहौल है। पुलिस विभाग ने भी इस हादसे को लेकर चेतावनी जारी की है कि तेज रफ्तार और लापरवाही भविष्य में और हादसों का कारण बन सकती है।
इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर NH-20 की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है। लोगों का कहना है कि अगर सड़क पर नियमों का पालन किया जाए और वाहन चालकों में सावधानी बरती जाए, तो इस तरह की असमय मौतों को रोका जा सकता है। राकेश कुमार की असामयिक मौत ने हमें यह याद दिलाया है कि सड़क सुरक्षा किसी भी कीमत पर नजरअंदाज नहीं की जा सकती।
राकेश के अंतिम संस्कार में पूरे गांव के लोग और उनके सहकर्मी मौजूद रहे। पुलिस विभाग ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। इस हादसे ने यह साफ कर दिया है कि तेज रफ्तार और लापरवाही केवल जिंदगी ही नहीं, बल्कि परिवारों के खुशहाल भविष्य को भी हमेशा के लिए छीन सकती है।
इस दुखद घटना से यह संदेश मिलता है कि सभी वाहन चालकों को सड़क पर सावधानी बरतनी चाहिए और कानून का पालन करना चाहिए, ताकि और किसी परिवार को यह दर्द सहना न पड़े। NH-20 पर हादसों की लगातार बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर प्रशासन को भी कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि इस प्रकार की दुखद घटनाओं को रोका जा सके।
राकेश कुमार की याद हमेशा उनके परिवार और पुलिस विभाग के लोगों के दिलों में रहेगी। उनके योगदान और समर्पण को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनके बच्चों के लिए पिता का खोना जीवन भर का अभाव छोड़ गया है, और उनके लिए यह समय बेहद कठिन है।