Bihar News: बिहार चुनाव से पहले शिवहर में भारी मात्रा में कैश बरामद, वाहन जांच के दौरान 62.80 लाख रुपये जब्त Bihar News: बिहार चुनाव से पहले शिवहर में भारी मात्रा में कैश बरामद, वाहन जांच के दौरान 62.80 लाख रुपये जब्त Bihar News: ट्रेन की एसी बोगी में बेटिकट यात्रा और TTE से रंगबाजी कर बुरी फंसी बिहार की यह महिला शिक्षक, आरपीएफ ने दर्ज किया केस Bihar News: ट्रेन की एसी बोगी में बेटिकट यात्रा और TTE से रंगबाजी कर बुरी फंसी बिहार की यह महिला शिक्षक, आरपीएफ ने दर्ज किया केस बिहार में भीषण सड़क हादसा: ट्रैक्टर और पिकअप वैन की सीधी टक्कर में चार लोगों की मौत, कई घायल Bihar Crime News: बिहार में अपराधियों का तांडव, उधार में सिगरेट नहीं देने पर दुकानदार को गोलियों से भूना Bihar Crime News: बिहार में अपराधियों का तांडव, उधार में सिगरेट नहीं देने पर दुकानदार को गोलियों से भूना Bihar News: बिहार में होमगार्ड प्रशिक्षण केन्द्र में डेढ़ दर्जन से अधिक महिला जवानों की तबीयत बिगड़ी, ट्रेनिंग सेंटर में मची अफरातफरी Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक्शन में चुनाव आयोग, व्यापक निगरानी और जांच अभियान में हर दिन मिल रही सफलता Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक्शन में चुनाव आयोग, व्यापक निगरानी और जांच अभियान में हर दिन मिल रही सफलता
26-Sep-2025 11:48 AM
By Viveka Nand
Bihar News: समाज में तरह-तरह के लोग हैं. गंदे लोग गलत तरीके से पैसा कमाकर सभ्य समाज में शामिल होना चाहते हैं. इसके लिए सबसे आसान नेता बनना होता है. गंदा काम कर पैसा कमा लो, फिर पैसा देकर किसी दल में घुस जाओ, यह आसान फार्मूला है. लेकिन एक दागी व्यक्ति को पैसा भी काम न आया. लड़कियों के मामले में बदनाम शख्स को 50 लाख रू भी कामयाबी नहीं दिला पाई. वह एनडीए के एक घटक दल में इंट्री लेना चाहता था, सारी सेटिंग भी कर ली, ज्वाइनिंग स्थल पर दल के सुप्रीमो को ले जाने के लिए हेलिकॉप्टर भी बुक कर लिया था, पर ऐन वक्त पर खेल बिगड़ गया. इस तरह से लड़कियों का सौदागार जो नेता बनने चला था, उसकी हसरत पर पानी फिर गया. यह बात कुछ महीने पहले की है. नवादा का शख्स जो खुद को शिक्षाविद् बताता है, वो अब नेता बनने के रास्ते पर है, उनके बारे में तरह-तरह की खबरें निकल कर सामने आने लगी है. चूंकि विधानसभा चुनाव में वो नवादा सीट से किस्मत आजमाना चाहते हैं, लिहाजा पुराने दिनों का पाप फिर से सार्वजनिक होने लगा है. पुरानी बातें फिर से याद आने लगी हैं.
ऐन वक्त पर कथित शिक्षाविद् की पोल खुली और इंट्री पर लग गई थी रोक
नवादा का जो बदनाम शख्स 50 लाख रू देकर एनडीए के घटक दल में शामिल होना चाहता था, वो टिकट की आस में हर जगह हाथ-पांव मारा. महीनों पहले तथाकथित शिक्षाविद् जो बदनाम है, वह एनडीए के एक घटक दल में शामिल होना चाहता था. वैसे जिस दल में वो बदनाम शख्स शामिल होना चाहता था, वो दल भी कई मामलों में बदनाम है, वहां भी जबरदस्त सेटिंग की चर्चा होती है. खासकर चुनाव के समय टिकट बंटवारे को लेकर तरह-तरह की चर्चा होती है. बताया जाता है कि नवादा के इस तथाकथित शख्स जो खुद को शिक्षाविद् बताता है, वह उस दल में शामिल होने के लिए सेटिंग की. बताया जाता है कि इसके लिए एडवांस में 50 Lकी डिलीवरी भी कर दी थी. ज्वाइनिंग की तारीख भी तय कर दी गई थी. सुप्रीमो को नवादा ले जाने के लिए उड़नखटोले की बुकिंग भी करा ली थी. लेकिन ऐन वक्त पर इस तथाकथित शिक्षाविद् की पोल खुल गई और सारे किए-धरे पर पानी फिर गया. वो दल जो खुद बदनाम है, वो भी नवादा के इस तथाकथित शिक्षाविद् को पार्टी में शामिल कराने से मना कर दिया.
दागियों में चुनाव लड़ने की गजब की बेचैनी
बिहार विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाने के लिए दागियों में गजब की बेचैनी है. कोई चेहरा बदलकर चुनाव मैदान में उतरना चाहता है तो कोई चेहरा छुपाकर. हर वो दागी जो अवैध तरीके से पैसा कमा लिया, चुनावी वैतरणी पार कर माननीय बनने को बेचैन है. जिनकी थैली भारी है, वो ज्य़ादा ही परेशान हैं. आज हम बात नवादा के एक तथाकथित समाजसेवी की करेंगे. जिस तथाकथित समाजसेवी की चर्चा करेंगे, उन्हें कुछ लोग कथित शिक्षाविद् भी कहते हैं,नवादा व अन्य जगहों पर निजी स्कूल का संचालन करते हैं. वैसे इनकी कहानी लंबी है, लेकिन संक्षेप में आपको जानना जरूरी है कि जो आपके सामने आ रहा है, उसका चरित्र कैसा है, किस चीज का सौदागार है ? जिस रूप में वो आपके पास आ रहा, वाकई में वो वैसा है या चेहरे पर नकाब लगाकर घर-घर घूम रहा ? चरित्र जानेंगे तो पांव के नीचे से जमीन खिसक जायेगी, फिर कहेंगे...यह तो एकदम से...।
चेहरे पर नकाब लगाकर जनसंपर्क में जुटे दागी तथाकथित शिक्षाविद्
आज की राजनीति गजब की हो गई है. अच्छे लोगों की अब पूछ नहीं रही. धन पशुओं का बोलबाला हो गया है. गलत तरीका अपनाकर पैसा कमा लिया, इसके बाद वो शख्स सीधे नेता बनना चाहता है. विधायक का चुनाव लड़कर अपना प्रभुत्व बढ़ाना चाहता है. चेहरे पर लगे दाग को मिटाना चाहता है. आज हम नवादा के जिस तथाकथित शिक्षाविद की चर्चा कर रहे हैं, उनके चेहरे पर भी गहरा दाग है. काला धब्बा लगा है. धब्बा ऐसा-वैसा वाला नहीं, बल्कि बच्ची से गंदा काम कराने का,..वो भी शिक्षा के मंदिर में. जो शख्स आज चोला बदलकर नेता बनने के रास्ते पर हैं, उन्हीं दोनों भाईयों पर आरोप लगा था. शिक्षा के मंदिर में बच्ची की अस्मत से खिलवाड़ की खबर के बाद बारी बवेला मचा था. आज के तथाकथित शिक्षाविद जो चुनाव लड़ने को बेचैन हैं. उन पर अनगिनत दाग लगे थे. आक्रोशित लोगों ने घर को घेर लिया था. कई थानों की पुलिस पहुंची थी, तब जाकर अधर्मियों की जान बची थी. वैसे जो तथाकथित शिक्षाविद नवादा में जनसंपर्क चला रहे, उनकी जिलेभर में पहचान एक @@@यर की है.
कथित शिक्षाविद का पाप फिर हुआ प्रकट
समय बीतने के बाद लोग पुरानी बात को भूल जाते हैं. तथाकथित समाजसेवी भी यही चाहते हैं, नवादा के लोग पुरानी बात को भूल जाएं. हालंकि यहां के लोग वो गंदी बात भूलने को तैयार नहीं, तथाकथित शिक्षाविद के निजी स्कूल में बच्ची से गंदा काम,और आरोप इन्हीं पर. वैसे आज भी इस तथाकथित शिक्षाविद् के स्कूल में 1-2 ऐसी वारदातें हो ही जाती हैं. तथाकथित शिक्षाविद अब चोला बदलने को बेचैन हैं, पर पाप पीछा नहीं छोड़ रहा. जैसे ही खादी पहनकर मैदान में उतरे, पाप एक बार फिर से प्रकट हो गया है. मुंह पर तो नहीं लेकिन पीछे में चर्चा की जा रही, जो शख्स चेहरा बदलकर हमारे पास आ रहा, उसी पर तो बच्ची से गंदा काम करने का आरोप लगा था, थाने में मुकदमा भी दर्ज हुआ था. अब वही शख्स नेता बनने चला है.
हर दल का दरवाजा घूम लिया...नहीं मिली इंट्री
बता दें, नवादा का तथाकथित समाजसेवी जो थैली से मजबूत है, टिकट के लिए हर दरवाजे घूम लिया. अब तक कोई अपनाने को तैयार नहीं. भाजपा-जेडीयू-राजद की बात छोड़ दीजिए, दाग ऐसे हैं कि HAM भी अपनाने को तैयार नहीं हुआ. अब जनसुराज पर अंतिम आसरा है. सवाल यही है कि क्या प्रशांत किशोर ऐसे दागदार छवि वाले को अपनाएँगे ? वैसे दोनों भाई टिकट चाहते हैं, कई दुकान पर गए, पर दुकानदार सिंबल देने को राजी नहीं.एक भाई नवादा विस क्षेत्र से दलीय नहीं तो निर्दलीय ही सही चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं. दूसरा भाई हिसुआ को चुनाव लड़ने को बेचैन हैं. हालांकि हिसुआ विधानसभा में कोई चांस नहीं दिखता. यहां भी दागी-कथित शिक्षाविद की दाल नहीं गलने वाली.
अगली किस्त में आपको बताएंगे कि तथाकथित शिक्षाविद् जो अब नेता बनने चले हैं, उनकी थैली इतनी भारी कैसे हुई ? दो दशक में कैसे यहां तक पहुंचे..किस-किस तरह के आरोप लगे,किन थानों में किस धारा में मुकदमा दर्ज हुआ. किस तरह से पाप को छुपाने की कोशिश की. अंदर की सारी खबर जो नवादा और बाहर के लोगों को जानना जरूरी है, वो सब बतायेंगे.