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14-Aug-2025 10:42 AM
By First Bihar
Bihar News: शराब तस्करी के बड़े नेटवर्क का खुलासा करते हुए, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सकरा प्रखंड में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त मुखिया बबीता कुमारी के पैतृक आवास पर छापेमारी की। बबीता कुमारी और उनके पति बबलू मिश्रा ने खुद पर किसी भी तरह की कार्रवाई से इनकार किया है, लेकिन उनके देवर सुजीत मिश्रा के खिलाफ शराब तस्करी में गहरी संलिप्तता के सबूत सामने आए हैं।
जानकारी के मुताबिक, सुजीत मिश्रा को वर्ष 2020 में रांची से गिरफ्तार किया गया था। उस समय छापेमारी के दौरान पुलिस को 80 करोड़ रुपये के शराब कारोबार का विवरण दर्ज एक डायरी मिली थी। उसके खिलाफ झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और चंडीगढ़ से शराब मंगाकर मुजफ्फरपुर और उत्तर बिहार के जिलों में आपूर्ति करने के आरोप हैं।
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि सुजीत मिश्रा के दो भाई बबलू मिश्रा (मुखिया बबिता कुमारी के पति) और भरत भूषण भी शराब तस्करी के मामलों में आरोपी हैं। सुजीत पर 6 अलग-अलग मुकदमे, बबलू मिश्रा पर 2 मामले और भरत भूषण पर कई मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस इन सभी के खिलाफ संपत्ति जब्ती की कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
ईडी और पुलिस ने बुधवार रात सुजीत मिश्रा को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में उसने झारखंड और पश्चिम बंगाल के सप्लायरों से कनेक्शन की बात कबूली है। पुलिस के अनुसार, वह मुशहरी, बेला और कांटी जैसे क्षेत्रों में भी संदिग्ध गतिविधियों में शामिल रहा है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मुजफ्फरपुर जिले में 8 बड़े शराब माफिया सक्रिय हैं, जिनमें चुन्नू ठाकुर, रवि साहनी, मिथिलेश सिंह, सूरज गुप्ता, सुजीत मिश्रा, बबुआ डॉन, अमित कुमार जैसे नाम शामिल हैं। मिठनपुरा पुलिस ने 13 जनवरी 2022 को चुन्नू ठाकुर के सिंडिकेट से जुड़े अमित कुमार को एक अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया था, जिसके पास से 100 करोड़ रुपये से अधिक की शराब तस्करी का लेखा-जोखा मिला था।
बता दें कि, ईडी की छापेमारी से पहले भी सुजीत मिश्रा के सिंडिकेट की गतिविधियां चर्चा में थीं। 17 अप्रैल 2023 को बेला फेज-2 स्थित देवकी नंदन बिहानी की फैक्ट्री से 1 करोड़ की शराब जब्त की गई थी। 28 दिसंबर 2024 को पारुल पैकेजिंग प्राइवेट लिमिटेड के सामने से एक और खेप पकड़ी गई, जिसमें भी चंडीगढ़ से मंगाई गई 1 करोड़ रुपये से अधिक की शराब शामिल थी।
बबीता कुमारी का कहना है कि ईडी की छापेमारी मेरे या मेरे पति बबलू मिश्रा के खिलाफ नहीं थी। कार्रवाई मेरे देवर सुजीत मिश्रा के संबंध में हुई है। वह और उसका परिवार हमारे पैतृक मकान में ही रहते हैं। ईडी की टीम को हमारे घर से कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली है। ईडी और बिहार पुलिस अब इस अंतरराज्यीय शराब सिंडिकेट के आर्थिक नेटवर्क और संपत्ति के स्रोतों की गहन जांच में जुटी है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में अवैध संपत्ति की जब्ती, बैंक खातों की निगरानी और अन्य राज्यों में समन्वयात्मक कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला न केवल बिहार में शराबबंदी कानून की धज्जियों को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि स्थानीय सत्ता, अवैध व्यापार और परिवारिक संबंधों के बीच गहराता गठजोड़ किस तरह कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहा है। ईडी की कार्रवाई से इस सिंडिकेट की जड़ें उजागर हो रही हैं, और आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे संभव हैं।