Bihar Crime News: बिहार में भाई ने सगी बहन को उतारा मौत के घाट, जांच में जुटी पुलिस Cyber Crime: बिहार में साइबर गिरोह का भंडाफोड़, पासवर्ड समेत मिले लाखों ईमेल अकाउंट LALU YADAV : जमीन के बदले नौकरी घोटाला: लालू यादव ने हाई कोर्ट में CBI FIR रद्द करने की मांग की, अगली सुनवाई 25 सितंबर को Bihar News: बिहार के 15 राजनीतिक दलों पर चुनाव आयोग की कार्रवाई, मान्यता रद्द होने का खतरा.. Bihar News: रीतलाल यादव ने बिल्डरों से वसूली के लिए बनाया गिरोह, पटना पुलिस ने दायर की चार्जशीट Bihar Weather: बिहार के 25 जिलों में आज बारिश की संभावना, IMD ने जारी की चेतावनी Social Media Ban: नेपाल में भारी प्रदर्शन के बाद सोशल मीडिया बैन हटा, गृहमंत्री ने दिया इस्तीफा विदेश मंत्रालय की क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी स्वधा रेजवी पहुंची शिवहर, पासपोर्ट सेवा केंद्र का किया निरीक्षण अररिया: अनंत मेले से कुख्यात अपराधी रॉबिन यादव हथियार सहित गिरफ्तार, दर्जनों मामले दर्ज ISM पटना में खेल सप्ताह ‘पिनैकल 2025’ का शानदार समापन, विजेताओं को किया गया सम्मानित
08-Sep-2025 11:45 AM
By First Bihar
Bihar News: बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं, और हाल ही में मुजफ्फरपुर स्थित बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर बिहार यूनिवर्सिटी की एक विवादास्पद घटना ने इस व्यवस्था को फिर से कटघरे में ला दिया है। यूनिवर्सिटी वर्ष 2019 से पहले के विद्यार्थियों से डिग्री जारी करने के लिए दोबारा फीस वसूल रही है, वह भी पहले से निर्धारित फीस के लगभग पांच गुना अधिक। जबकि पहले विद्यार्थियों ने सौ रुपये की डिग्री फीस पहले ही जमा करवाई थी, अब उन्हें डिग्री मिलने के लिए 400 रुपये का नया चालान कटवाना पड़ रहा है।
इस एक ही डिग्री के लिए दोबारा चालान कटवाने को लेकर छात्र लगातार विरोध जताते रहे हैं, लेकिन विश्वविद्यालय के अधिकारी इस मामले में अनजान बने हुए हैं। विद्यार्थियों ने इस समस्या को लेकर छात्र संवाद कार्यक्रम में भी आवेदन दिया है, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। बीआरएबीयू के विद्यार्थियों ने डिग्री के लिए न केवल विश्वविद्यालय को बल्कि अपने कॉलेजों को भी फीस अदा की है, जिससे छात्र संगठनों में नाराजगी व्याप्त है। छात्र नेता गोल्डेन सिंह का कहना है कि एक ही छात्र से विश्वविद्यालय प्रशासन दो बार फीस वसूल कर रहा है, जिससे विद्यार्थियों को डिग्री के लिए भटकना पड़ रहा है।
परीक्षा विभाग ने सभी कॉलेजों को निर्देश दिया है कि वे अपने प्रतिनिधि के माध्यम से डिग्री और अंक पत्र विश्वविद्यालय से लेकर आएं, लेकिन कई कॉलेज अपने प्रतिनिधि नहीं भेज रहे हैं। विशेष रूप से डिस्टेंस एजुकेशन की डिग्री भी विश्वविद्यालय से नहीं उठाई जा रही है। एक छात्रा ने बताया कि उसकी डिग्री 13 अगस्त को तैयार हो चुकी थी, लेकिन डिस्टेंस एजुकेशन के कर्मचारी ने यह कहा कि जब तक कम से कम 10 डिग्रियां पूरी नहीं होंगी, वे डिग्री नहीं लाएंगे। इससे छात्रों को डिग्री लेने में और अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह साफ किया है कि दो बार फीस वसूलने की कोई जानकारी उन्हें नहीं है, और छात्रों को अब डिग्री के लिए कॉलेज और विश्वविद्यालय दोनों जगह फीस नहीं देनी होगी। यदि कोई छात्र दो बार फीस जमा करने का प्रयास करेगा, तो वेबसाइट अपने आप लॉक हो जाएगी। इसके साथ ही विश्वविद्यालय ने यह भी घोषणा की है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान निकालने के लिए एक समन्वय समिति गठित की जाएगी, जो छात्रों की शिकायतों को सुनकर उचित कार्रवाई करेगी। इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में विद्यार्थियों को डिग्री प्राप्त करने में आने वाली दिक्कतें कम होंगी और शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ेगी।
बिहार की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए यह कदम एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है, लेकिन इसके साथ ही प्रशासन से यह अपेक्षा भी की जा रही है कि वे छात्रों की समस्याओं को गंभीरता से लें और समय पर उचित समाधान प्रदान करें ताकि छात्रों का भविष्य सुरक्षित और उज्जवल हो सके।