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20-Nov-2025 09:22 PM
By First Bihar
MUNGER: मुंगेर के मिर्जा चौकी फोरलेन परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर मुंगेर जिला प्रशासन और जमीन रैयतों के बीच विवाद गहरा गया। प्रशासन ने बल प्रयोग कर जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया, जिसके बाद पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच तीखा विवाद हो गया। विरोध कर रहे कई जमीन मालिकों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
जमीन रैयतों का आरोप है कि उचित मुआवजा देने की मांग को लेकर मामला न्यायालय में लंबित है, इसके बावजूद जिला प्रशासन ने जबरन बुलडोजर चलाकर उनकी जमीन और मकान को तोड़ दिया। मामला रामनगर थाना क्षेत्र के गढ़ी रामपुर की है, जहाँ मुंगेर–मिर्जा चौकी फोरलेन निर्माण के 400 मीटर हिस्से का काम पिछले आठ महीनों से जमीन विवाद के कारण रुका हुआ था। आज जिला प्रशासन ने भारी पुलिस बल के साथ पहुँचकर जमीन को अतिक्रमण मुक्त करा दिया। स्थानीय 32 रैयतों का मामला अदालत में विचाराधीन है। इसी बीच प्रशासन द्वारा बलपूर्वक कार्रवाई किए जाने से आक्रोश और बढ़ गया है।
रैयतों के आरोप
महमदा निवासी कौशल कुमार ने बताया कि हमारी आवासीय जमीन को कृषि घोषित कर कम मुआवजा तय किया गया है। बिना उचित मुआवजे के प्रशासन जबरन जमीन अधिग्रहण कर रहा है। हमारे साथ मारपीट की गई और कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। वही अन्य जमीन मालिकों का कहना है कि “आसपास की आवासीय जमीन को फोरलेन के लिए आवासीय दर से मुआवजा दिया गया, लेकिन बीच में पड़ने वाली हमारी जमीन को कृषि बता दिया गया, ताकि मुआवजा कम दिया जा सके।
महिला रैयत सरिता देवी ने बताया कि जब बुलडोजर चल रहा था, मेरा बेटा कागज लेकर अधिकारियों को दिखाने गया कि मामला कोर्ट में लंबित है। विरोध करने पर पुलिस ने मेरे बेटे को पीटकर हाजत में बंद कर दिया। हमारा मकान तोड़ दिया, जानवरों को खोलकर भगा दिया गया। यदि सरकार उचित मुआवजा नहीं देगी तो हम सब जान देने पर मजबूर हो जाएंगे। इस मामले में जिला प्रशासन ने मीडिया को किसी तरह का बयान देने से इनकार कर दिया।