BIHAR: हिंदू स्वाभिमान संगठन के कार्यकर्ताओं ने NDA उम्मीदवार को खदेड़ा, दिखाया काला झंडा CBSE Board Exam 2026: CBSE 10वीं और 12वीं बोर्ड एग्जाम की फाइनल डेटशीट जारी, दो बार होगी दसवीं की परीक्षा CBSE Board Exam 2026: CBSE 10वीं और 12वीं बोर्ड एग्जाम की फाइनल डेटशीट जारी, दो बार होगी दसवीं की परीक्षा Bihar Politics: ‘14 नवंबर को बिहार की जनता देगी जवाब’, युवा चेतना सुप्रीमो रोहित सिंह का तेजस्वी यादव पर बड़ा हमला Bihar Politics: ‘14 नवंबर को बिहार की जनता देगी जवाब’, युवा चेतना सुप्रीमो रोहित सिंह का तेजस्वी यादव पर बड़ा हमला Bihar Election 2025: गौराबौराम से VIP के संतोष सहनी महागठबंधन के उम्मीदवार घोषित, तेजस्वी यादव ने दिया जीत का आशीर्वाद Bihar Election 2025: गौराबौराम से VIP के संतोष सहनी महागठबंधन के उम्मीदवार घोषित, तेजस्वी यादव ने दिया जीत का आशीर्वाद Bihar Election 2025: बिहार में राजनीतिक रंजिश को लेकर मारपीट, ‘हाथी’ बनाम ‘लालटेन’ के विवाद को लेकर बवाल Test Cricket : टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में पहली बार होगा बड़ा बदलाव, लंच और टी ब्रेक का क्रम बदला जाएगा; जानिए क्या है वजह Bihar Voter Service : चुनावी सहायता अब आसान, बीएलओ के साथ करें कॉल बुक, इस टोल फ्री नंबर पर हल होंगी सभी दुविधाएं
10-Jul-2025 11:19 AM
By First Bihar
Bihar News: बिहार के मुंगेर जिले के संग्रामपुर प्रखंड के बलिया पंचायत में स्थित गांधी नगर प्राथमिक विद्यालय की स्थिति बेहद दयनीय है। जहां बिहार सरकार शिक्षा के विकास के लिए तमाम योजनाएं चला रही है, वहीं इस विद्यालय में आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए खतरा बन गया है। इस स्कूल में न तो पक्की सड़क है, न बिजली, न ब्लैकबोर्ड, न कक्षाओं की पक्की दीवारें और न ही बाउंड्री वॉल। खेतों के बीच बने इस विद्यालय तक पहुंचने के लिए बच्चे और शिक्षक कीचड़ से भरे रास्तों से गुजरते हैं, खासकर बारिश के दिनों में हालात और भी खराब हो जाते हैं।
विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक रजनीश रोशन ने बताया कि वे 2014 से इस विद्यालय में तैनात हैं, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। कई बार उन्होंने प्रखंड शिक्षा अधिकारी को शिकायत की, लेकिन फंड की कमी को कारण बताते हुए कोई कार्रवाई नहीं हुई। बच्चे भी स्कूल आने से डरते हैं, कई बार गिरने और गंदे होने की वजह से वे स्कूल छोड़ने को मजबूर हो गए हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि यह फंड की कमी का बहाना प्रशासन की लापरवाही और उदासीनता को छिपाने का तरीका मात्र है। सच्चिदानंद बलिया और मुन्नी देवी जैसे ग्रामीण भी इस स्थिति से बेहद नाराज हैं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। स्कूल की खस्ता हालत ने शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
संग्रामपुर प्रखंड के शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी मुंगेर को इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेकर शीघ्र सुधारात्मक कदम उठाना आवश्यक है, ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा के साथ सुरक्षित और सुविधाजनक वातावरण मिल सके। अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो यह क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव डालेगा।
प्रभारी प्रधानाध्यापक का कहना है कि 2014 से काम कर रहा हूँ, लेकिन सुधार के नाम पर बस आश्वासन मिलता है। वहीं, छात्र सोनू कुमार ने बताया कि बारिश में स्कूल आना बहुत मुश्किल होता है, कई बार गिर जाते है लेकिन कोई भी व्यवस्था ठीक नहीं किया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि फंड की कमी सिर्फ बहाना है, प्रशासन को बच्चों की चिंता करनी चाहिए। ग्रामीण मुन्नी देवी ने बताया है कि "बच्चों की पढ़ाई खतरे में है, सरकार को तुरंत कदम उठाना होगा।
रिपोर्ट- इम्तियाज खान