ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Politics : राहुल गांधी की बिहार से दूरी पर कांग्रेस में असमंजस, जानिए कांग्रेस बना रही कोई नई रणनीति या फिर सच में है नाराजगी का संकेत? Bihar Election 2025 : "मैं भी राजनीति छोड़ दूंगा...” बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह का बड़ा बयान,कहा - नहीं हुआ यह काम तो .... Bihar Assembly Election : बिहार में भी लागू होगा शिंदे फार्मूला ! BJP के प्लान पर CM नीतीश के करीबी नेता का बड़ा खुलासा, जानिए क्या दिया जवाब Bihar News: बिहार के निजी अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत के बाद हंगामा, गुस्साए परिजनों ने की तोड़फोड़ और सड़क जाम Bihar Crime News: बिहार के इस जिले में युवक की गोली मारकर हत्या, छापेमारी में जुटी पुलिस Chhath Puja: आज है अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य, पटना से लेकर पूरे बिहार के घाट छठ महापर्व के लिए तैयार Bihar election: कमजोर वर्ग के वोटरों की सुरक्षा को लेकर डीजीपी ने कसी कमर,कहा - दागियों-दबंगों पर होगी सख्त कार्रवाई Bihar election: बिहार चुनाव 2025: पहले चरण के मतदान से पहले पीएम नरेंद्र मोदी 2 नवंबर को पटना में करेंगे रोड शो Chhath Puja 2025: लोक आस्था का महापर्व छठ का दूसरा दिन, उपेन्द्र कुशवाहा की पत्नी ने किया खरना पूजा, छठी मईया से बिहार की तरक्की की कामना Chhath puja 2025: लगातार दूसरे दिन अजय सिंह ने छठ व्रतियों के बीच किया पूजन सामग्री का वितरण

KAIMUR: आरजेडी ने छेदी पासवान की विरासत पर खेला बड़ा दांव, निर्दलीय रवि पासवान को दिया समर्थन

कैमूर की मोहनिया विधानसभा सीट पर राजद ने निर्दलीय उम्मीदवार रवि पासवान को समर्थन देकर श्वेता सुमन के नामांकन रद्द होने के बाद राजनीतिक दांव खेला। यह कदम दलित वोट बैंक और छेदी पासवान की विरासत को साधने के लिए उठाया गया।

बिहार

22-Oct-2025 10:33 PM

By RANJAN

KAIMUR: कैमूर जिले की मोहनिया विधानसभा सीट पर इस बार का चुनाव बेहद दिलचस्प होता जा रहा है। राजद ने एक बड़ा राजनीतिक कदम उठाते हुए निर्दलीय प्रत्याशी रवि पासवान को अपना समर्थन देने की घोषणा कर दी है। यह फैसला तब आया जब राजद की अधिकृत प्रत्याशी श्वेता सुमन का नामांकन रद्द हो गया था। पार्टी ने सोशल मीडिया के माध्यम से औपचारिक रूप से रवि पासवान के समर्थन की घोषणा की, जिससे पूरे क्षेत्र में नई राजनीतिक हलचल मच गई है।


रवि पासवान, क्षेत्र के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद छेदी पासवान के पुत्र हैं। छेदी पासवान का इस क्षेत्र में गहरा प्रभाव रहा है, और उनके परिवार का नाम आज भी दलित समाज में बड़ी सम्मानित पहचान रखता है। ऐसे में राजद का यह कदम स्पष्ट रूप से छेदी पासवान की राजनीतिक विरासत को साधने और दलित वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।


विश्लेषकों का मानना है कि राजद की यह रणनीति एक तीर से दो निशाने साधने जैसी है। पहला, दलित समुदाय के वोटों को अपने पक्ष में मोड़ना और दूसरा, पार्टी में नामांकन विवाद के बाद पैदा हुई नाराजगी को शांत करना। इसके अलावा यह निर्णय एनडीए, विशेष रूप से बीजेपी के लिए भी चुनौती बन गया है, क्योंकि अब मोहनिया का मुकाबला सीधा नहीं, बल्कि त्रिकोणीय हो गया है।


स्थानीय स्तर पर राजद कार्यकर्ताओं ने इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका कहना है कि रवि पासवान युवा, ऊर्जावान और जनता से जुड़े नेता हैं, जो अपने पिता की तरह विकास की राजनीति को आगे बढ़ा सकते हैं। उधर, बीजेपी भी अपने परंपरागत वोट बैंक को बचाने और सीट को बरकरार रखने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या राजद का यह बड़ा दाँव मोहनिया की राजनीति में नया समीकरण बना पाएगा, और क्या रवि पासवान अपने पिता की विरासत के साथ राजद के समर्थन से नई राजनीतिक कहानी लिख पाएंगे या नहीं।