ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News : पंचाने नदी में डूबने से दो चचेरे भाइयों की मौत, परिवार में मातम का माहौल; चप्पल और कपड़े से हुई पहचान BJP election campaign : बिहार को लेकर पीएम मोदी ने खुद संभाली कमान , ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ कार्यक्रम से भाजपा कार्यकर्ताओं को करेंगे एक्टिव; मिल सकता है यह संकेत Beur Jail Raid : पटना बेऊर जेल में पुलिस की बड़ी छापेमारी, यह सामान हुआ जब्त; कैदियों में मचा हड़कंप Bihar Assembly Election : चिराग पासवान का दावा: राजद की जीत में लोजपा (R) की बड़ी भूमिका, तेजस्वी यादव अकेले चुनाव नहीं लड़ सकते Indian Railway: यात्रीगण कृपया ध्यान दें! आज से इतने दिनों तक ट्रेन कैंसिल, देखें पूरी लिस्ट Bihar election 2025 : 51 विधानसभा सीट पर सीधी टक्कर, तेजस्वी और सम्राट की सीटें भी शामिल; RJD और BJP कौन मारेगा बाजी Road Accident: जयपुर से बिहार आ रही बस NH-28 पर दुर्घटनाग्रस्त, 20 यात्री घायल Bihar Election 2025: बिहार चुनाव को लेकर NDA हुई एक्टिव, मैदान में उतरे नीतीश-मोदी और चिराग; तेजस्वी को लेकर आज होगा अहम फैसला Chhath Puja : छठ पूजा को लेकर पटना में घाट और तालाब तैयार, प्रशासन ने इन घाटों को किया बंद, जानिए कहां कर पाएंगे पूजा Chhath Puja 2025: बिहार के लिए इस राज्य से चलाई जाएंगी AC बसें, महापर्व के दौरान हजारों यात्रियों को बड़ी राहत

Bihar police : पटना हाईकोर्ट ने पुलिस को लगाई फटकार, तीन पुलिसकर्मियों पर दो लाख जुर्माना; जानिए क्या है पूरी खबर

Bihar police : बिहार के जहानाबाद जिले से पुलिस की लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। पटना हाईकोर्ट ने गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखने के मामले में जहानाबाद पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए दोषी पुलिसकर्मियों पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाय

Bihar police

02-Sep-2025 11:02 AM

By First Bihar

Bihar police : बिहार के जहानाबाद से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। जहां जबरन थाने में बैठाना पुलिस टीम को काफी महंगा पड़ गया और अब यह मामला कोर्ट पहुंच गया। इसके बाद कोर्ट ने इसको लेकर जुर्माना लगाया है। इसके चलते पुलिस महकमे में हड़कंप का माहौल कायम हो गया है। आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है?


जानकारी के अनुसार, पटना हाईकोर्ट ने जहानाबाद जिले के मखदुमपुर थाना और जहानाबाद थाना द्वारा गैरकानूनी तरीके से याचिकाकर्ता के तीन रिश्तेदारों को गिरफ्तार कर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए अवधि से ज्यादा समय तक थाना हिरासत में बंद रखने को काफी गंभीरता से लिया। अब कोर्ट ने इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।


बताया जा रहा है कि यह पूरा मामला मखदुमपुर थाना कांड संख्या 337/2025 से जुड़ा हुआ है। इस मामले में शक के आधार पर मखदुमपुर और जहानाबाद थाने की पुलिस ने याचिकाकर्ता के तीन रिश्तेदारों मंजू देवी, आदित्य राज और गौतम कुमार को अलग-अलग जगह से गिरफ्तार कर निर्धारित अवधि से ज्यादा समय तक थाने में बंद रखा। इतना ही नहीं, इस मामले की जानकारी पुलिस की ओर से परिजनों को तीन-चार दिन बाद दी गई। उसके बाद याचिकाकर्ता, जो दिल्ली में नौकरी करता है, वह दिल्ली से पटना आया।


इसके बाद उसने मगध रेंज के डीआईजी को इस संबंध में शिकायत की। बाद में जब उसे पुलिस द्वारा अवैध तरीके से गिरफ्तारी की जानकारी मिली, तो उसने हाईकोर्ट में इन तीनों को पुलिस से छुड़ाने के लिए एक आपराधिक रिट याचिका दायर की।


वहीं, मखदुमपुर थाने में जो प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, वह अपहरण और हत्या से संबंधित थी और इसमें किसी को अभियुक्त नहीं बनाया गया था। इसके बाद भी जहानाबाद जिले की पुलिस ने इन तीनों को थाना हिरासत में रखा और एक को छोड़कर बाकी को पुलिस बॉन्ड पर छोड़ दिया। इसके बाद अब यह मामला कोर्ट पहुंचा।


इसके बाद पटना हाईकोर्ट ने अपने आदेश में जहानाबाद जिले के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि "जुर्माने की राशि दोषी तीनों पुलिस कर्मियों के वेतन से कटौती कर पीड़ित व्यक्तियों को एक माह के अंदर उपलब्ध कराई जाए।"


इधर, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस मामले में जहानाबाद थाना के एसएचओ दिवाकर कुमार विश्वकर्मा, मखदुमपुर थाना के एसएचओ ओम प्रकाश और जहानाबाद थाना के सहायक सब-इंस्पेक्टर प्रणव कुमार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गिरफ्तारी को लेकर दिए गए दिशा-निर्देशों का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन किया है। कोर्ट ने कहा कि "इस मामले में इन तीनों पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ अदालती आदेश की अवमानना का मामला भी चल सकता था। लेकिन अभी उन पर केवल जुर्माना ही लगाया जा रहा है, ताकि भविष्य में इनके द्वारा ऐसी गलती दोबारा न हो।"


कोर्ट ने इस आदेश की प्रति राज्य के पुलिस महानिदेशक को भेजने का निर्देश देते हुए कहा कि "वह राज्य के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक को इस संबंध में उचित दिशा-निर्देश जारी करें, ताकि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन न हो।" कोर्ट ने कहा कि "आए दिन यह देखने को मिलता है कि पुलिस पदाधिकारियों द्वारा गिरफ्तारी को लेकर दिए गए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया जा रहा है, जो एक गंभीर मामला है।"