ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Crime News: मंदिर से गाड़ी की पूजा कर लौट रहे शख्स की गोली मारकर हत्या, परिवार के कई लोग घायल Bihar News: बिहार सरकार ने महिला रोजगार योजना का किया शुभारंभ, महिलाओं को मिलेगा स्वरोजगार का लाभ अब तक कोई भारतीय बल्लेबाज नहीं तोड़ पाया Asia Cup में सचिन तेंदुलकर का यह रिकॉर्ड, इस बार होगा चमत्कार? Bihar Crime News: पैसों के लेनदेन में विवाद खूनी संघर्ष में बदला, युवक पर चाकू से हमला Bihar Weather: बिहार के 15+ जिलों में आज बारिश की संभावना, मौसम विभाग ने किया सावधान Bihar News: बिहार में बना देश का सबसे बड़ा बैटरी आधारित सोलर बिजली घर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे उद्घाटन जमुई में ट्रकों से अवैध वसूली करते 4 गिरफ्तार, कार-गहने-मोबाइल बरामद अब जल्द ही मेट्रो की आरामदायक यात्रा का आनंद लेंगे पटनावासी, डीएम ने सभी स्टेशनों पर पार्किंग स्पेस सुनिश्चित करने का दिया निर्देश BIHAR: दरभंगा में 29 करोड़ की लागत से खादी मॉल सह अर्बन हाट का निर्माण शुरू, मिलेगा रोजगार और पहचान Bihar Crime News: बिहार में अपराधियों का तांडव, पूर्व मुखिया के भतीजे को गोलियों से भूना; हत्या की वारदात से हड़कंप

Bihar News: एक ऐसा जिला जहां पेड़-पौधों पर रखे गए हैं 20 से अधिक गाँव के नाम, लिस्ट देख आप भी कहेंगे "वाह, ये हुई न बात"

Bihar News: बिहार के इस जिले में 20 से अधिक गांवों के नाम पेड़-पौधों पर रखे गए हैं। इसके एक कुचायकोट प्रखंड में तो सबसे ज्यादा ऐसे गांव हैं, देखें पूरी लिस्ट...

Bihar News

04-May-2025 09:19 AM

By First Bihar

Bihar News: बिहार का गोपालगंज जिला अपनी अनोखी परंपरा के लिए चर्चा में है, जहां 20 से अधिक गांवों के नाम पेड़-पौधों पर रखे गए हैं। स्थानीय बुद्धिजीवियों का कहना है कि गोपालगंज के लोग शुरू से ही पर्यावरण प्रेमी रहे हैं, और इसी प्रेम ने गांवों के नामकरण को प्रेरित किया। परंपरा के अनुसार, जिस गांव में जिस पेड़ की संख्या अधिक होती थी, उसी के आधार पर गांव का नाम रख दिया जाता था। 


गोपालगंज के अलग-अलग प्रखंडों में फैले इन गांवों के नाम सुनकर आप खुश भी होंगे और हैरान भी, यहाँ देखिए लिस्ट:

सदर प्रखंड:  

अमवा: आम के पेड़ों की बहुलता के कारण इस गांव का नाम अमवा रखा गया।


कुचायकोट प्रखंड:

यह प्रखंड सबसे ज्यादा पेड़-पौधों के नाम वाले गांवों के लिए जाना जाता है।  

अमवा: यहां भी आम के पेड़ों के आधार पर गांव का नाम अमवा है।  

जमुनिया: जामुन के पेड़ों की अधिकता के कारण नामकरण।  

महुअवां: महुआ के पेड़ों से प्रेरित नाम।  

पकड़ीहार: पकड़ी (बरगद की प्रजाति) के पेड़ों से नाम लिया गया।  

सेमरा और सेमरिया: सेमर (शिरीष) पेड़ के नाम पर।  

गुलौरा: गूलर (अंजीर की प्रजाति) पेड़ से प्रेरित।  

बेलवा और बेलबनवा: बेल पेड़ की वजह से ये नाम पड़े।  

बड़हरा: बड़ (बरगद) पेड़ के आधार पर।  

खरहरवा: खैर पेड़ से प्रेरित नाम।


पंचदेवरी प्रखंड:  

जमुनहां बाजार: जामुन पेड़ से प्रेरित एक चर्चित बाजार।  

निमुईयां: नीम के पेड़ों की बहुलता के कारण।


हथुआ प्रखंड:  

तुलसिया: तुलसी के पौधों से प्रेरित नाम।


मांझा प्रखंड:  

इमिलिया: इमली पेड़ के आधार पर।


बरौली प्रखंड:  

सिसई: सिसो (शीशम) पेड़ से प्रेरित।  

बरगदवा: बरगद पेड़ के नाम पर।


स्थानीय लोगों का कहना है कि गोपालगंज में गांवों के नामकरण की यह परंपरा पर्यावरण के प्रति प्रेम और सम्मान को दर्शाती है। प्राचीन समय में लोग प्रकृति के साथ गहरा जुड़ाव रखते थे, और गांवों का नामकरण उस पेड़ के आधार पर किया जाता था, जो उस इलाके में सबसे ज्यादा पाया जाता था। यह परंपरा न केवल गोपालगंज की सांस्कृतिक और पर्यावरणीय जागरूकता को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे लोग प्रकृति को अपनी पहचान का हिस्सा मानते थे।


बता दें कि कुचायकोट प्रखंड में सबसे ज्यादा गांवों के नाम पेड़-पौधों पर आधारित हैं। यह प्रखंड गोपालगंज जिले का सबसे बड़ा प्रखंड है और पर्यटन के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। यहां बेलबनवा हनुमान मंदिर, नेचुआ जलालपुर रामबृक्ष धाम, बुद्ध मंदिर, दुर्गा मंदिर, और सूर्य मंदिर जैसे धार्मिक स्थल हैं। इन गांवों के नाम पर्यटकों को भी आकर्षित करते हैं, क्योंकि वे प्रकृति और संस्कृति के अनोखे संगम को दर्शाते हैं।


हालांकि यह परंपरा केवल गोपालगंज तक सीमित नहीं है। झारखंड के सिमडेगा जिले में भी दर्जनों गांवों के नाम पेड़, पशु, पक्षी और पहाड़ों पर रखे गए हैं। उदाहरण के लिए, सिमडेगा में बाघमुंडा (बाघ से प्रेरित), खरकाटोली (खैर पेड़ से), और पहाड़टोली (पहाड़ से) जैसे नाम हैं। यह दिखाता है कि भारत के ग्रामीण इलाकों में प्रकृति से जुड़ाव एक साझा सांस्कृतिक विशेषता रही है।