Bihar News: शराबी के घायल होने पर भड़के ग्रामीण, पुलिस पर किया पथराव, दरोगा और सिपाही भागे Success Story: पिता टैक्सी ड्राइवर, चराया भैंस... गरीबी से जंग जीत बनीं IAS अधिकारी, जानिए... सी. वनमथी की संघर्ष भरी कहानी BIHAR ELECTION 2025 : विधानसभा चुनाव को लेकर LJP(R) का बड़ा बयान, कहा – पूरे बिहार में उतार सकते हैं उम्मीदवार,अकेले चुनाव लड़ने की ताकत सिर्फ हमारे पास Bihar News: वाह नेता जी वाह! कीचड़ और जलजामव देख जनता के कांधे पर चढ़े कांग्रेस सांसद, बाढ़ का ले रहे थे जायजा Tejashwi Yadav on Nitish Kumar: बिहार चुनाव से पहले तेजस्वी यादव का वार, बेरोजगारी और पलायन पर सरकार को घेरा;पूछा 12 बड़े सवाल Bihar Assembly Election 2025: वोट चोरी के आरोपों के बीच, मतदाताओं को लुभाने के लिए यह प्रतियोगिता शुरु; जान लें... Bihar News: “वह एक अपराधी है, इसी वजह से RJD ने बाहर का रास्ता दिखाया”, तेज प्रताप यादव का राजबल्लभ पर तीखा प्रहार KATIHAR: मनिहारी में बाढ़ और कटाव से तबाही, सांसद तारिक अनवर पहुंचे धुरयाही पंचायत, मदद का दिया आश्वासन अयोध्या दर्शन को रवाना हुआ 13वां जत्था, अजय सिंह की पहल से अब तक 2500 श्रद्धालु पहुंचे पावन नगरी पूर्णिया में भाजपा जिलामंत्री नूतन गुप्ता का युवा संवाद, युवाओं से मोदी की जनसभा में शामिल होने की अपील
07-Sep-2025 09:56 AM
By First Bihar
Pind Daan in Gaya: विष्णु नगरी गया जी में पितृपक्ष महासंगम-2025 का शुभारंभ शनिवार शाम को हो गया। पितरों के मोक्ष की कामना के लिए देश-विदेश से पिंडदानियों का आगमन शुरू हो चुका है। 17 दिनों तक चलने वाले इस महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु भाग लेंगे।
शनिवार को पटना जिले के पुनपुन घाट पर हजारों श्रद्धालुओं ने तर्पण कर अपने पूर्वजों के मोक्ष की कामना की। जो यात्री पुनपुन नहीं जा सके, उन्होंने गया शहर के गोदावरी तालाब में धार्मिक कर्मकांड संपन्न किए। रविवार से श्रद्धालु फल्गु नदी में स्नान और तर्पण कर देवघाट पर पिंडदान करेंगे। इसके बाद वे गजाधर विष्णु और विष्णुपद मंदिर के गर्भगृह में स्थित विष्णुचरण का दर्शन-पूजन करेंगे।
विष्णुपद परिसर में शनिवार शाम राज्य सरकार के मंत्री प्रेम कुमार, डॉ. सुनील कुमार, संजय सरावगी और राजू कुमार सिंह ने पितृपक्ष मेले का औपचारिक उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रशासन ने बताया कि इस बार तीर्थयात्रियों के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
गांधी मैदान में बनी टेंट सिटी में श्रद्धालुओं के ठहरने, भोजन की व्यवस्था के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम और भजन संध्या का आयोजन होगा। पिंडदान ऐप के जरिए श्रद्धालु सीधे अधिकारियों से संपर्क कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे। भीड़ नियंत्रण के लिए बड़ी संख्या में दंडाधिकारी और पुलिस बल तैनात हैं। फल्गु नदी की सफाई के लिए इस बार थ्रैस वोट तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। रबर घाट पर स्थायी पंडाल और विष्णुपद मंदिर परिसर में महावीर ट्रस्ट की ओर से विष्णु रसोई की व्यवस्था है।
पिछले वर्ष करीब 22 लाख श्रद्धालु गया जी पहुंचे थे। इस बार कई राज्यों में बाढ़ की वजह से संख्या में कुछ कमी की संभावना जताई जा रही है। फिर भी पहले दिन लगभग 40 हजार पिंडदानी गया पहुंचे। हर साल की तरह इस बार भी रूस, श्रीलंका, नेपाल, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, फ्रांस, केन्या, मॉरीशस सहित कई देशों से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इससे गया का पितृपक्ष मेला एक अंतरराष्ट्रीय आयोजन बन गया है।
धार्मिक मान्यताएँ और तिथियाँ
भाद्रपद पूर्णिमा (रविवार): श्रद्धालु फल्गु में स्नान कर तर्पण करेंगे और खीर के पिंड से पिंडदान की शुरुआत करेंगे।
आश्विन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा (दूसरा दिन): श्रद्धालु प्रेतशिला, ब्रह्मकुंड, रामशिला और काकबली पर पिंडदान करेंगे।
आश्विन कृष्ण अमावस्या (21 सितंबर): अक्षयवट पर पिंडदान की विशेष परंपरा निभाई जाएगी।
आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा (22 सितंबर): गायत्री घाट पर नाना-नानी का पिंडदान और गयापाल से सुफल लेकर त्रिपाक्षिक गयाश्राद्ध संपन्न होगा।
शनिवार से पुनपुन नदी घाट पर भी अंतरराष्ट्रीय पितृपक्ष मेला शुरू हो गया। पहले दिन लगभग दो हजार श्रद्धालुओं ने पिंडदान किया। मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने अपने पिता राजा दशरथ का पहला पिंडदान माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ पुनपुन नदी पर किया था। तभी से पुनपुन घाट पर पहला पिंडदान करने की परंपरा चली आ रही है। इस बार मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन गाइड मैप, होटल-धर्मशाला बुकिंग जानकारी, और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं, ताकि किसी को असुविधा न हो।