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29-Oct-2025 10:13 AM
By First Bihar
Bihar accident : बिहार के गया जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। सोशल मीडिया पर रील बनाने के चक्कर में दो किशोरों की जान चली गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया। यह दर्दनाक हादसा सोमवार को गुरारू-इस्माइलपुर रेलखंड के शंकर बिगहा मंझियामा गांव के पास हुआ। तीनों किशोर रेलवे ट्रैक पर मोबाइल से रील बना रहे थे, तभी अचानक दोनों दिशाओं से ट्रेन आ गई और वे उसकी चपेट में आ गए। हादसे के बाद छठ पर्व की खुशियां पूरे गांव में मातम में बदल गईं।
जानकारी के मुताबिक, मृतकों में राजीव कुमार (12) और गौतम कुमार (14) शामिल हैं, जबकि तीसरा किशोर विपिन कुमार (14) गंभीर रूप से घायल हो गया है। राजीव कुमार कोंच के पाली गांव का निवासी था, जबकि गौतम कुमार परैया के खगड़ी बिगहा गांव का रहने वाला था। घायल विपिन कुमार परैया प्रखंड के पराणपुर गांव का रहने वाला है। तीनों किशोर छठ पर्व के मौके पर मंझियामा गांव में अपने मामा सुरेंद्र पासवान के घर आए हुए थे।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, तीनों किशोर रेलवे ट्रैक पर मोबाइल से वीडियो बना रहे थे। उसी दौरान अचानक दोनों दिशाओं से ट्रेन आ गई। ट्रेन को देखकर वे घबरा गए और संभलने से पहले ही ट्रेन की चपेट में आ गए। राजीव और गौतम की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि विपिन गंभीर रूप से घायल हो गया। ग्रामीणों ने तुरंत घटना की सूचना स्थानीय पुलिस को दी और घायल किशोर को गुरारू के एक निजी अस्पताल पहुंचाया, जहां से उसे बेहतर इलाज के लिए गया मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया है।
हादसे की जानकारी मिलते ही मृतकों के परिजनों में कोहराम मच गया। परिजन शवों को पोस्टमार्टम के लिए देने के बजाय अपने साथ घर ले गए। बताया जा रहा है कि मृतक किशोरों में एक सुरेंद्र पासवान का भांजा और दूसरा नाती था, जबकि घायल किशोर उनका भतीजा है। इस दर्दनाक घटना के बाद पूरे गांव में शोक की लहर फैल गई है। छठ जैसे पवित्र पर्व पर जहां हर ओर उत्सव और श्रद्धा का माहौल था, वहीं मंझियामा गांव में मातम छा गया।
ग्रामीणों का कहना है कि रेलवे ट्रैक के आसपास अक्सर बच्चे और युवक वीडियो बनाते नजर आते हैं। सुरक्षा के अभाव में इस तरह की घटनाएं बार-बार हो रही हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन और रेलवे विभाग से मांग की है कि इस रूट पर गश्ती बढ़ाई जाए और ट्रैक के पास लोगों के जाने पर रोक लगाई जाए। साथ ही, रेलवे को चेतावनी बोर्ड और बैरिकेडिंग की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।
स्थानीय लोगों ने यह भी बताया कि सोशल मीडिया पर रील बनाने का चलन तेजी से बढ़ा है, खासकर किशोर और युवा बिना जोखिम समझे रेलवे ट्रैक, पुल या नदियों के किनारे वीडियो शूट करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक खतरनाक ट्रेंड बन गया है, जिसमें जान का जोखिम उठाकर लोग कुछ सेकंड की प्रसिद्धि पाने की कोशिश करते हैं।
इस घटना ने फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सोशल मीडिया पर वायरल होने की चाह अब जानलेवा साबित हो रही है? प्रशासन और समाज दोनों के लिए यह एक चेतावनी है कि बच्चों को इस तरह के खतरनाक शौक से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए। माता-पिता को भी अपने बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान देना होगा ताकि ऐसी दर्दनाक घटनाओं को रोका जा सके।
गया जिले के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हादसे की जांच की जा रही है और रेलवे प्रशासन से भी रिपोर्ट मांगी गई है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि रेलवे ट्रैक पर फोटो या वीडियो न बनाएं, क्योंकि यह न केवल गैरकानूनी है, बल्कि जान के लिए बेहद खतरनाक भी है।
यह घटना न केवल एक परिवार की खुशियां छीन ले गई, बल्कि समाज के सामने एक गहरी सीख भी छोड़ गई कि कुछ पल की शोहरत के लिए अपनी जान को दांव पर लगाना किसी भी तरह समझदारी नहीं है। अब सवाल यह है कि क्या इस दर्दनाक हादसे के बाद प्रशासन, समाज और परिवार मिलकर ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए ठोस कदम उठाएंगे?