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08-Oct-2025 09:53 AM
By First Bihar
Special Vigilance Unit raid : बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही पूरे प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। एक ओर जहां सभी राजनीतिक दल उम्मीदवारों के चयन और प्रत्याशियों की घोषणा में व्यस्त हैं, वहीं दूसरी ओर राज्य की विशेष निगरानी इकाई (Special Vigilance Unit – SVU) लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई में जुटी हुई है। इसी क्रम में बुधवार को एसवीयू ने एक बड़ी छापेमारी अभियान चलाया है।
मिली जानकारी के अनुसार, दरभंगा जिले के विद्युत कार्यपालक अभियंता प्रणव कुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (Disproportionate Assets) के मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। प्रणव कुमार इस समय दरभंगा में कार्यपालक अभियंता के पद पर तैनात हैं और साथ ही भागलपुर व मुजफ्फरपुर जिलों का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल रहे हैं।
एसवीयू ने उनके खिलाफ पीसी एक्ट, 1988 (संशोधित 2018) की धारा 13(1)(बी), 13(2) और धारा 12 के तहत कांड संख्या 22/2025 दर्ज किया है। जांच एजेंसी का आरोप है कि अभियुक्त ने अपनी सेवा अवधि के दौरान विभिन्न पदों पर रहते हुए अवैध रूप से लगभग ₹1,59,52,032 (एक करोड़ उनसठ लाख बावन हजार बत्तीस रुपये) की नाजायज संपत्ति अर्जित की है, जो उनके ज्ञात वैध आय स्रोतों से कहीं अधिक है।
एसवीयू की प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि अभियुक्त द्वारा यह संपत्ति अवैध कमाई, अनुचित लाभ और दफ्तर में अपने पद का दुरुपयोग कर अर्जित की गई है। एजेंसी का यह भी कहना है कि अभियुक्त से इस संपत्ति के स्रोत के संबंध में संतोषजनक स्पष्टीकरण मिलने की संभावना नहीं है।
बुधवार सुबह विशेष न्यायाधीश, निगरानी, पटना के आदेश पर तलाशी वारंट जारी किया गया, जिसके बाद एसवीयू की कई टीमें एक साथ दरभंगा, भागलपुर और पटना में अभियुक्त के कार्यालयों व आवासीय परिसरों पर छापेमारी कर रही हैं। इस दौरान एजेंसी को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, संपत्ति के कागजात, बैंक लेनदेन की जानकारी और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मिलने की संभावना जताई जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, एसवीयू की टीम ने प्रणव कुमार के आवास से कई संपत्ति संबंधित फाइलें, जमीन के कागजात, बैंक पासबुक्स और डिजिटल उपकरण जब्त किए हैं। फिलहाल सभी दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि संपत्ति किन माध्यमों से अर्जित की गई और इसमें किन अन्य लोगों की भूमिका रही।
एसवीयू के अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचार मुक्त शासन की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है। पिछले कुछ महीनों में बिहार में कई सरकारी अधिकारियों पर आय से अधिक संपत्ति के आरोपों में छापेमारी की गई है और यह मामला उसी श्रृंखला का हिस्सा है।
बिहार में विधानसभा चुनावों के ऐलान के बाद से ही प्रशासनिक मशीनरी आचार संहिता लागू होने के चलते और भी सख्त हो गई है। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि चुनावी माहौल में किसी भी तरह का भ्रष्टाचार, धनबल या अनुचित प्रभाव न पड़े।
फिलहाल एसवीयू की छापेमारी जारी है और एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी यह संकेत दे रहे हैं कि आने वाले दिनों में इस मामले में अधिक खुलासे और संभावित गिरफ्तारी भी हो सकती है। इस कार्रवाई ने एक बार फिर बिहार में सरकारी अधिकारियों की ईमानदारी और जवाबदेही को लेकर बहस छेड़ दी है। वहीं जनता के बीच यह उम्मीद जगी है कि राज्य में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की दिशा में सरकार और एजेंसियां अब पहले से ज्यादा सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।