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19-Sep-2025 09:41 AM
By First Bihar
Bihar News: बिहार में शिक्षा व्यवस्था चरमराई हुई नजर आ रही है। बिहार सरकार लगातार युवाओं के भविष्य को लेकर नई- नई योजनाओं को शुरु कर रही है। वहीं, दूसरी ओर युवा सड़क पर लाठी खा रहे है और रोजगार की मांग कर रहे हैं। ऐसे में ताजा मामला दरभंगा जिले आया है। दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (डीएमसीएच) में क्लास में निर्धारित उपस्थिति न पूरी होने के कारण कई मेडिकल स्टूडेंट्स को परीक्षा में शामिल होने से रोक दिए जाने के विरोध में हंगामा मच गया है। छात्र-छात्राओं ने विरोध जताते हुए कॉलेज परिसर में तोड़फोड़ की और प्राचार्य को बंधक बना लिया, जिसके बाद प्रोफेसर इंचार्ज, स्टूडेंट्स सेक्शन के डॉ. हरि दामोदर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। डीएमसीएच में स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई है और पुलिस की भारी तादाद कॉलेज परिसर में कैंप कर रही है।
गुरुवार को उग्र हुए छात्रों ने प्राचार्य कार्यालय में तोड़फोड़ की और उनके खिलाफ तीव्र विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों के इस आक्रोश को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने कई थानों की पुलिस बल को मौके पर बुलाया। सिटी एसपी अशोक कुमार और सदर एसडीपीओ राजीव कुमार भी घटनास्थल पर पहुंचे और काफी मशक्कत के बाद प्राचार्य को सुरक्षित बाहर निकाला गया। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कॉलेज परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया।
जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2021-22 के दर्जनों छात्रों को निर्धारित अटेंडेंस प्रतिशत पूरा न करने की वजह से इंटरनल परीक्षा में बैठने से वंचित कर दिया गया है। इसके अलावा, 2023 बैच के 25 और 2024 बैच के 6 छात्रों को यूनिवर्सिटी परीक्षा के लिए फॉर्म भरने से रोका गया है। एक छात्र ने नाम न छापने की शर्त पर आरोप लगाया कि कॉलेज प्रशासन छात्रों के बायोमेट्रिक अटेंडेंस को सही ढंग से दर्ज नहीं करता, और छात्रों को बताया जाता है कि उनका रजिस्टर पर अटेंडेंस पूरा नहीं है, जिससे उनके करियर पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
वहीं, छात्रों की विभिन्न मांगों को लेकर गुरुवार को डीएमसीएच जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने अस्पताल में ओपीडी सेवाएं पूरी तरह ठप कर दीं, जिससे करीब 1500 मरीज इलाज के बिना लौटने को मजबूर हुए। अस्पताल प्रशासन की अपील और प्रयासों के बावजूद भी छात्रों ने ओपीडी का ताला नहीं खोला, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा प्रभाव पड़ा।
इस पूरे विवाद ने न केवल मेडिकल कॉलेज के शैक्षिक माहौल को प्रभावित किया है, बल्कि आसपास के क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता को भी बाधित कर दिया है। प्रशासन और पुलिस लगातार स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए प्रयासरत हैं, वहीं छात्र अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। इस मामले में जल्द ही समाधान निकालने के लिए अधिकारियों और छात्रों के बीच बातचीत की संभावना जताई जा रही है ताकि शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं सामान्य हो सकें।