ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR: बेतिया में 2 बाइक की टक्कर में महिला की मौत 4 घायल, पुलिस के देर से पहुंचने पर लोगों में आक्रोश MUZAFFARPUR: नाबालिग दलित लड़की से दुष्कर्म कर हत्या की कोशिश, 2 दिन बाद मामले ने पकड़ा तुल, सैकड़ों लोगों ने निकाला आक्रोश मार्च पटना में भीषण अग्निकांड: बाइकों से भरे कंटेनर में लगी आग, करोड़ों का नुकसान BIHAR: भारत प्लस इंडस्ट्रीज़ ने दिखाई देशभक्ति, अजय सिंह ने तुर्की की कंपनी से डील रद्द कर इटली की GBS कंपनी को दिया ऑर्डर SIWAN: बड़हरिया में प्रशांत किशोर का जोरदार स्वागत, बिहार की जनता भ्रष्टाचार और अफसरशाही से पूरी तरह त्रस्त हो चुकी है, अब बदलाव चाहती है: PK पटना के अनीसाबाद में Aakash एजुकेशनल सर्विसेज के नये ब्रांच का उद्घाटन, छात्रों की मांग पर सातवें सेंटर की ओपनिंग Bihar News: बिहार सोलर शो-2025 का हुआ आयोजन, उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा हुए शामिल, कहा.... यात्रीगण कृपया ध्यान दें: 7 जोड़ी समर स्पेशल ट्रेनों के परिचालन अवधि में विस्तार KHAGARIA: मानसी के पूर्व सीओ प्रभात कुमार पर सरकार की बड़ी कार्रवाई, अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई BIHAR: संदिग्ध हालात में खड़े सरपंच और समर्थकों से पूछताछ के दौरान बवाल, दारोगा पर हमला, रिवॉल्वर छीनने की कोशिश

KK Pathak: इस जिले में 349 एकड़ जमीन की जमाबंदी होगी रद्द, केके पाठक के सख्त आदेश के बाद लोगों में हड़कंप

KK Pathak: इस घोटाले के खुलासे के बाद अब राजस्व विभाग में हड़कंप मच गया है। करीब 50 साल पहले 1975-76 में हुई इस धांधली ने अब तूल पकड़ लिया है, और बिहार राजस्व परिषद के अध्यक्ष केके पाठक ने इस पर सख्त रुख अपनाया है।

KK Pathak

12-Apr-2025 08:02 AM

By First Bihar

KK Pathak: बिहार के भोजपुर जिले में गंगा नदी के किनारे 349 एकड़ सरकारी जमीन की अवैध जमाबंदी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। करीब 50 साल पहले 1975-76 में हुई इस धांधली ने अब तूल पकड़ लिया है, और बिहार राजस्व परिषद के अध्यक्ष केके पाठक ने इस पर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने जिला प्रशासन को तत्काल जाँच और कार्रवाई के आदेश दिए हैं। 


यह मामला भोजपुर के बड़हरा प्रखंड के सिन्हा मौजा से जुड़ा है, जहाँ गंगा नदी, काली मंदिर और अन्य सरकारी जमीनों को मिलाकर कुल 349 एकड़ जमीन की जमाबंदी अवैध तरीके से 228 लोगों के नाम पर कर दी गई। यह घोटाला हाल का नहीं, बल्कि 1975-76 का है, जब स्थानीय अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से इसे अंजाम दिया गया। इन जमीनों में गंगा का किनारा और मंदिर की जमीन जैसी सरकारी संपत्तियाँ शामिल हैं, जिन्हें निजी लोगों के नाम पर दर्ज कर लिया गया। हैरानी की बात यह है कि इस धांधली से जुड़े कोई कागजात कार्यालय में उपलब्ध नहीं हैं।


बिहार राजस्व परिषद के अध्यक्ष केके पाठक ने बुधवार को आरा कलेक्ट्रेट में नीलाम वादों की समीक्षा के दौरान इस मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने डीएम को निर्देश दिया कि तुरंत इसकी जाँच हो और अवैध जमाबंदी को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जाए। पाठक ने अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को अपने कोर्ट में जल्द सुनवाई कर अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि इस फर्जीवाड़े में शामिल लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। पाठक के इस आदेश से जिला मुख्यालय के राजस्व विभाग में खलबली मच गई है।


भोजपुर के डीएम ने बताया कि एडीएम के कोर्ट में इस मामले की तत्काल सुनवाई होगी और आगे की कार्रवाई की जाएगी। बड़हरा अंचलाधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में साफ कहा है कि सिन्हा पंचायत में 349 एकड़ से ज्यादा सरकारी जमीन की जमाबंदी गलत तरीके से 228 लोगों के नाम पर की गई है। इसकी पुष्टि के लिए कोई वैध दस्तावेज नहीं मिला है। अंचलाधिकारी ने एडीएम से इस अवैध जमाबंदी को रद्द करने की सिफारिश की है, जिसके बाद इसे रद्द करना तय माना जा रहा है।


यह घोटाला 1975-76 में उस समय हुआ, जब जमीनों की जमाबंदी में भारी लापरवाही और भ्रष्टाचार हुआ। स्थानीय अधिकारियों ने संगठित तरीके से गंगा नदी और मंदिर की जमीन को निजी लोगों के नाम पर दर्ज कर दिया। यह कोई एक दिन की साजिश नहीं थी, बल्कि कई सालों तक चली मिलीभगत का नतीजा था। केके पाठक की सक्रियता से इसमें शामिल लोगों की नींद उड़ गई है।


इस अवैध जमाबंदी के रद्द होने से 349 एकड़ सरकारी जमीन फिर से सरकार के कब्जे में आ सकती है। इससे न सिर्फ गंगा किनारे की जमीन का संरक्षण होगा, बल्कि भविष्य में ऐसी धांधली पर भी लगाम लगेगी। साथ ही, इस मामले की जाँच से उन अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम भी सामने आ सकते हैं, जिन्होंने 50 साल पहले इस घोटाले को अंजाम दिया था।