ब्रेकिंग न्यूज़

Asia Cup 2025: भारतीय टीम में 2 स्पॉट के लिए कई दिग्गजों में जंग, असमंजस में पड़ी BCCI BSRTC Bus Ticket: दशहरा, दिवाली और छठ पर बिहार आने वालों के लिए बड़ी राहत, इस दिन से शुरू हो रही BSRTC की बसों की बुकिंग Patna Metro: पटना मेट्रों को लेकर आया बड़ा अपडेट, इस दिन से शुरू हो सकता है ट्रायल रन Patna Metro: पटना मेट्रों को लेकर आया बड़ा अपडेट, इस दिन से शुरू हो सकता है ट्रायल रन Bihar Politics: पूर्व विधायक बोगो सिंह ने तेजस्वी यादव से की मुलाकात, आरजेडी के टिकट पर लड़ सकते हैं चुनाव Bihar News: खतरे में गंगा में मौजूद देसी मछलियों का अस्तित्व, कहां से आईं अफ्रीकी कैटफिश Bihar Monsoon: बिहार के 20+ जिलों में नहीं हुई पर्याप्त वर्षा, अब भी बरकरार है सूखे का खतरा Bihar News: बिहार में यहां 8 सड़कों का निर्माण, खर्च होंगे ₹15.58 करोड़ Elvish Yadav Attack: क्यों हुआ एल्विश यादव के घर हमला? अमेरिका में गैंगस्टर भारत में हुई फायरिंग; जानिए... पूरी डिटेल Bihar Job: बिहार के युवाओं के पास सरकारी नौकरी पाने का मौका, इन स्नातक स्तरीय पदों के लिए आवेदन आज से शुरू..

Bihar News: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बिहार के इन गांवों की क्यों हो रही चर्चा? देश को दिए 1000 से अधिक सैनिक, जानिए.. दो गांवों की वीरगाथा

Bihar News: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बिहार के भागलपुर स्थित इन दो गांवों की खूब चर्चा हो रही है. दोनों गांवों को सैनिकों के गांव के नाम से जाना जाता है. दोनों गांवों ने देश के लिए अबतक एक हजार से अधिक सैनिक दिया है.

Bihar News

11-May-2025 02:23 PM

By FIRST BIHAR

Bihar News: बिहार के भागलपुर जिले में दो ऐसे गांव हैं जो पूरे देश के लिए गौरव का विषय हैं। ये दोनों गांव हें गोराडीह प्रखंड का खुटाहा और सुल्तानगंज प्रखंड का कमरगंज। ये दोनों गांव अब तक भारत को करीब 1000 से अधिक सैनिक दे चुके हैं। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बिहार के इन दोनों गांवों की खूब चर्चा हो रही है।


भागलपुर के इन दोनों गांवों में आज भी सेना में भर्ती होने का जज़्बा युवाओं के रग-रग में बसा है। सुबह और शाम गांव की गलियों और मैदानों में युवाओं की टोली दौड़ लगाते, कसरत करते और खुद को फिजिकल टेस्ट के लिए तैयार करते हुए देखी जा सकती है। इन गांवों का सैन्य इतिहास गौरवशाली रहा है। 1965 और 1971 के युद्धों में भी यहां के कई जवानों ने भाग लिया था। 


इन युद्धवीरों की प्रेरणा से पीढ़ी दर पीढ़ी युवा सेना में शामिल होते रहे हैं। यही कारण है कि खुटाहा और कमरगंज को आज "फौजियों के गांव" के नाम से जाना जाता है। जब भी देश की सीमा पर हलचल होती है, इन गांवों के लोग टीवी और रेडियो से चिपक जाते हैं। छुट्टी पर घर लौटने वाले सैनिक युवाओं को ट्रेनिंग देते हैं, बहाली की तैयारियों में मदद करते हैं और उन्हें देश सेवा के लिए प्रेरित करते हैं। 


खुटाहा गांव के लोग इसे ‘वीरों की धरती’ कहते हैं। यहां की मिट्टी में पले-बढ़े सैकड़ों सपूत अब तक भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं या दे रहे हैं। कमरगंज गांव को "सैनिक ग्राम" के नाम से जाना जाता है। यहां के हर घर से कोई न कोई युवा आज सीमा की रक्षा में तैनात है। इस गांव की विशेषता यह है कि दो पीढ़ियां पहले ही देश सेवा कर चुकी हैं, तीसरी पीढ़ी वर्तमान में सेना में कार्यरत है और चौथी पीढ़ी की तैयारी जोरों पर है। 


गंगा नदी और हाइवे किनारे रोजाना युवा कसरत करते हैं और साथ ही पढ़ाई भी करते हैं ताकि सेना में शामिल होने का सपना साकार कर सकें। करीब 6000 की आबादी वाले इस गांव में 100 से अधिक युवा इस समय वायुसेना, थलसेना, नौसेना, आईटीबीपी, बीएसएफ, सीआरपीएफ और अन्य अर्द्धसैनिक बलों में तैनात हैं। गांव के हर घर से एक या दो युवा देश की सेवा में लगे हुए हैं।


दोनों गांव ने कई बार युद्ध का दर्द झेला है। यहां के कई जवान शहीद हो चुके हैं। जब भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की खबर आई, तो गांववालों ने राहत की सांस ली और ईश्वर का धन्यवाद किया। लेकिन साथ ही अपने बेटों की बहादुरी पर गर्व भी जताया।