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06-Aug-2025 07:34 AM
By First Bihar
Bihar News: बिहार के बांका जिले के छत्रपाल पंचायत के एनपीएस गोरबामारण विद्यालय में मंगलवार को मध्याह्न भोजन (MDM) में छिपकली निकलने से 14 बच्चे बीमार हो गए। सभी बच्चों को तुरंत बांका सदर अस्पताल के विशेष वार्ड में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है। फिलहाल सभी बच्चों की स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है।
दरअसल, मंगलवार को विद्यालय में बच्चों को नियमित रूप से एमडीएम परोसा जा रहा था। उसी दौरान भोजन (चावल) में छिपकली निकल आई। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, विद्यालय प्राचार्य ने छिपकली को भोजन से निकालकर बिना जांच के वही चावल बच्चों को परोस दिया। खाना खाने के कुछ देर बाद ही बच्चों को उल्टी, पेट दर्द और चक्कर जैसी शिकायतें होने लगीं।
बता दें कि बीमार होने वाले बच्चों में गुरूदेव कुमार (वर्ग-1), ज्ञानी कुमारी (वर्ग-4), मिनाक्षी कुमारी (वर्ग-1), अंशु कुमारी (वर्ग-4), अभिषेक कुमार (वर्ग-5), सौरभ कुमार (वर्ग-4), गौरव कुमार (वर्ग-2), संदीप कुमार (वर्ग-4), अमृता कुमारी (वर्ग-3), जितेंद्र कुमार (वर्ग-2), निशा कुमारी (वर्ग-4), आरती कुमारी (वर्ग-2), सोनम कुमारी (वर्ग-4) और करिष्मा कुमारी (वर्ग-5) शामिल हैं। बीडीओ चंदन कुमार ने तत्काल दो बच्चों को अस्पताल पहुंचाया, जिसके बाद बाकी बच्चों को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने सभी का प्राथमिक उपचार शुरू किया और फिलहाल स्थिति सामान्य बताई है।
घटना की सूचना मिलते ही जिला एमडीएम साधनसेवी उदयकांत झा और प्रखंड साधनसेवी मनोहर कुमार साह अस्पताल पहुंचे और बच्चों से बात कर मामले की जानकारी ली। वहीं, अधिवक्ता और धर्मरक्षक मनीष कुमार ने भी अस्पताल पहुंचकर बच्चों और उनके परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने अस्पताल प्रशासन से बातचीत कर व्यवस्था की जानकारी ली और जिला प्रशासन से निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की। अभिभावकों ने विद्यालय प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि एमडीएम में छिपकली मिलने के बावजूद प्रधानाध्यापक ने लापरवाही बरतते हुए वही खाना बच्चों को परोस दिया, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई।
स्थानीय महिला अभिभावक शांति देवी, जिनके एक बेटे की पूर्व में सांप काटने से मृत्यु हो चुकी है, ने आरोप लगाया कि बीडीओ से शिकायत करने पर उन्हें जवाब मिला – "अगर बच्चों को पढ़ाने में दिक्कत है तो नाम कटवा लीजिए।" हालांकि, बीडीओ चंदन कुमार ने इस आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने खुद बच्चों को अस्पताल पहुंचाया और मामले की जांच जारी है। बांका डीएम ने पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं। एमडीएम की गुणवत्ता, खानपान की निगरानी और जिम्मेदार कर्मचारियों की भूमिका की समीक्षा की जाएगी। दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विद्यालयों में एमडीएम योजना बच्चों के पोषण और उपस्थिति बढ़ाने के लिए चलाई जाती है, लेकिन गोरबामारण विद्यालय की यह घटना इस योजना की निगरानी में भारी चूक को उजागर करती है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई होती, तो यह घटना और गंभीर रूप ले सकती थी। यह घटना बच्चों की सुरक्षा और स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल खड़े करती है। जिला प्रशासन से लेकर शिक्षा विभाग तक, अब ज़रूरत है कि एमडीएम जैसी योजनाओं पर सख्त निगरानी रखी जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं।