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Fake Officer Arrested : बिहार में एक बार फिर फर्जी IPS अफसर का भंडाफोड़, महिला पुलिस पदाधिकारी से 13 लाख की ठगी भी की

औरंगाबाद पुलिस ने एक फर्जी आईपीएस अधिकारी को गिरफ्तार किया है। आरोपी अजय चौधरी खुद को 2024 बैच का आईपीएस बताकर पुलिस बल के साथ घूम रहा था। उसने एक महिला पुलिसकर्मी से शादी का झांसा देकर 13 लाख रुपये की ठगी भी की थी।

Fake Officer Arrested : बिहार में एक बार फिर फर्जी IPS अफसर का भंडाफोड़, महिला पुलिस पदाधिकारी से 13 लाख की ठगी भी की

30-Oct-2025 08:53 AM

By First Bihar

Fake Officer Arrested : बिहार के औरंगाबाद जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जो खुद को 2024 बैच का आईपीएस अफसर बताकर पुलिस बल के साथ शहर में घूम रहा था। आरोपी की पहचान भोजपुर जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के करवा गांव निवासी अजय चौधरी के रूप में की गई है। पुलिस ने उसके पास से फर्जी पहचान पत्र, नकली नियुक्ति पत्र और पुलिस वर्दी में खिंचवाई गई कई तस्वीरें बरामद की हैं।


आईपीएस बनकर एसपी से मांगी थी सुरक्षा

जानकारी के मुताबिक, अजय चौधरी रविवार को औरंगाबाद पहुंचा था। अगले ही दिन, सोमवार को उसने जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) को फोन कर अपना परिचय 2024 बैच के प्रोबेशनर आईपीएस अधिकारी के रूप में दिया। उसने बताया कि वह प्रशिक्षण पर है और देव सूर्य मंदिर दर्शन के लिए जाना चाहता है, इसलिए सुरक्षा बल की आवश्यकता है। एसपी को कोई संदेह नहीं हुआ और उन्होंने नगर थाना से सुरक्षा बल की तैनाती का निर्देश दे दिया।सुरक्षा बल मिलने के बाद अजय चौधरी पूरे आत्मविश्वास के साथ पुलिसकर्मियों के बीच देव सूर्य मंदिर पहुंचा और खुद को आईपीएस अधिकारी बताते हुए कई स्थानीय अधिकारियों से भी बातचीत की।


देव सूर्य मंदिर में हुआ पर्दाफाश

देव सूर्य मंदिर में जब उसने अधिकारियों से चर्चा शुरू की, तो उसकी बातों और तौर-तरीकों में कुछ असंगतियां नज़र आईं। वरिष्ठ अधिकारियों ने जब उससे पहचान पत्र और आधिकारिक दस्तावेज दिखाने को कहा, तो वह बार-बार बहाने बनाने लगा। उसके जवाबों से शक गहराने पर पुलिस ने मौके पर ही उससे पूछताछ शुरू की। जब वह कोई ठोस प्रमाण नहीं दे सका, तो उसे नगर थाना लाया गया।थाने में गहन पूछताछ के दौरान अजय चौधरी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। उसने स्वीकार किया कि वह न तो आईपीएस अधिकारी है और न ही किसी सरकारी सेवा में कार्यरत है। उसने यह भी बताया कि वह पहले हैदराबाद में होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर चुका है और वहां एक निजी होटल में नौकरी भी करता था।


कई बार बदल चुका पहचान, करता था ठगी

पुलिस पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि अजय चौधरी पहले भी कई बार फर्जी पहचान बनाकर लोगों को ठग चुका है। कभी एयरफोर्स ऑफिसर, कभी आर्मी कैप्टन और अब आईपीएस अफसर बनकर लोगों को धोखा दे रहा था। पुलिस ने बताया कि वह अपने शिकारों को झूठी बातें बताकर भरोसे में लेता था और फिर पैसों की ठगी कर लेता था।सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि उसने बारुण थाना में पदस्थापित एक महिला पुलिस पदाधिकारी सोनी कुमारी से शादी का झांसा देकर करीब 13 लाख रुपये ठग लिए। जब सोनी कुमारी ने शादी का दबाव बनाया, तो उसने धीरे-धीरे उससे दूरी बना ली और फोन उठाना बंद कर दिया। इसके बाद महिला पदाधिकारी को भी शक हुआ और उन्होंने जांच कराई, जिससे उसकी पोल खुल गई।


फर्जी दस्तावेजों से भरा मोबाइल बरामद

नगर थानाध्यक्ष उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि आरोपी के पास से कई अहम साक्ष्य मिले हैं। उसके मोबाइल फोन में पुलिस वर्दी पहने हुए कई तस्वीरें मिली हैं, जिनमें वह खुद को आईपीएस अधिकारी बताने की कोशिश करता दिख रहा है। इसके अलावा उसके पास से नकली नियुक्ति पत्र, फर्जी आईडी कार्ड और अन्य सरकारी दस्तावेजों की प्रतियां भी बरामद हुई हैं।थानाध्यक्ष ने बताया कि आरोपी इतनी आत्मविश्वास के साथ बात कर रहा था कि शुरुआत में किसी को उस पर शक नहीं हुआ। उसने बेहद प्रोफेशनल अंदाज में खुद को आईपीएस बताया और सुरक्षा बल की मांग की थी। लेकिन जब उसके व्यवहार में विरोधाभास दिखने लगा, तभी पुलिस ने सख्ती से जांच शुरू की और सारा सच सामने आ गया।


एफआईआर दर्ज, जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू

नगर थाने के सब-इंस्पेक्टर प्रशांत कुमार के बयान पर अजय चौधरी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। पुलिस ने उस पर धोखाधड़ी, जालसाजी, सरकारी पद का दुरुपयोग और ठगी के आरोप लगाए हैं।अधिकारियों ने बताया कि आरोपी को जल्द ही न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा और उसके नेटवर्क की भी जांच की जा रही है। पुलिस को शक है कि इस तरह की ठगी के पीछे कोई संगठित गिरोह भी सक्रिय हो सकता है।फिलहाल अजय चौधरी पुलिस की गिरफ्त में है और उससे पूछताछ जारी है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसने कितने लोगों को फर्जी आईपीएस बनकर ठगा है और अब तक कितने राज्यों में उसने खुद को अधिकारी बताकर पहचान बनाई।यह मामला बिहार पुलिस के लिए एक बड़ी चेतावनी साबित हुआ है कि अपराधी अब किस तरह से प्रशासनिक सिस्टम की कमजोरियों का फायदा उठाकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।